नवरात्रि के दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी देवी की पूजा की जाती है। देवी ब्रह्मचारिणी का स्वरूप ज्योर्तिमय है। ये मां दुर्गा की नौ शक्तियों में से दूसरी शक्ति हैं। तपश्चारिणी, अपर्णा और उमा इनके अन्य नाम हैं। इनकी पूजा करने से सभी काम पूरे होते हैं, रुकावटें दूर हो जाती हैं और विजय की प्राप्ति होती है।
23 मार्च, 1931 को कॉमरेड सरदार भगतसिंह को फांसीघर में बुलवाया गया। उन्होंने फंदे को चूमा और खुद ही फांसी पर झूल गए। उनका शव चोरी-छिपे फिरोजपुर के निकट सतलज नदी के किनारे पेट्रोल डालकर जला दिया और अधजली दशा में ही नदी में बहा दिया। कई बार सोचा करता हूं क्या वे उनके विचारों को भी जला या बहा पाए? नहीं। उनके विचार आज भी दिल और दिमागों में आग लगाया करते हैं।
Gangaur vrat kab hai 2023 गणगौर पर्व की शुरुआत फाल्गुन मास की पूर्णिमा यानी होलिका दहन के साथ हो जाती है, जो चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि तक चलता है... यह शिव जी और माता गौरा का त्योहार गणगौर के रूप में मनाया जाता है। इसलिए इस साल गणगौर 8 मार्च से शुरू होकर 24 मार्च 2023 को समाप्त होगा।
गणगौर कब है 2023 : पूर्णिमा से शुरू होकर चैत्र मास की तृतीया तिथि तक चलेगा गणगौर का पर्व