अमस्था अवलेह (Amastha Awaleha) एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसे कफ, खांसी, सर्दी, जुकाम और छाती की जकड़न में लेने का सुझाव दिया जाता है। इन दिनों जब कि एंटीबायोटिक दवाई के साइड इफेक्ट लोगों को परेशान कर रहे हैं तब यह दवाई तेजी से पसंद की जा रही है। यह मुख्य रूप से च्यवनप्राश की तरह होती है लेकिन इसका स्वाद च्यवनप्राश से कई गुना बेहतर होता है।
माघ माह की अमावस्या के साथ ही पूर्णिमा को भी बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। कहते हैं कि इस माह में देवता भी धरती पर आकर प्रयाग के संगम में स्नान करते हैं। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार माघ पूर्णिमा 5 फरवरी को है। तीर्थराज प्रयागराज में हर साल माघ माह में माघ मेला लगता है। यहीं पर कल्पवास भी होता है।
कोरोना से उबरती दुनिया के लिए 2022 एक बुरे सपने की तरह साबित हुआ। रूस-यूक्रेन युद्ध, महंगाई और कोरोनावायरस की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ा। अमेरिका में बढ़ती महंगाई को थामने के लिए जब फेडरल रिजर्व ने कड़े कदम उठाए तो कई देशों की अर्थव्यवस्था चरमरा गई। वहीं रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों ने समृद्ध यूरोपीय देशों की अर्थव्यवस्था को झकझोर दिया। चीन, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका, पाकिस्तान जैसे देश आर्थिक रूप से परेशान नजर आए।
अत्याधुनिक इलाज से हमने जीवन को कुछ घंटे, कुछ दिन खींचकर जरूर लंबा कर लिया है, लेकिन स्वस्थ मौत मरने के गुर हमने भुलते जा रहे हैं। अब हम घर में नहीं मरते,...
‘लोग नहीं मिलते’...आपके सामने भी किसी न किसी ने, कभी न कभी यह दुखड़ा रोया ही होगा। एक ओर बेरोज़गारी का रोना है तो दूसरी ओर नियोक्ताओं के सामने यह समस्या...
निसंदेह किसी भी सभ्य समाज के लिए शिक्षा अति आवश्यक है। शिक्षा केवल जीविकोपार्जन के लिए नहीं होती कि विद्यालय, महाविद्यालय अथवा विश्वविद्यालय से शैक्षिक...