Chanting Shiva Panchakshara Stotra: शिव पंचाक्षर स्तोत्र भगवान शिव की स्तुति का एक अद्भुत माध्यम है, जो न केवल शिव की महिमा का बखान करता है, बल्कि साधक को आत्मिक शांति और ईश्वर की निकटता का अनुभव कराता है। शिव पंचाक्षर स्तोत्र, जिसे आदि गुरु शंकराचार्य ने रचा था, भगवान शिव के 'ॐ नमः शिवाय' (न, म, शि, व, य) मंत्र के प्रत्येक अक्षर की महिमा का वर्णन करता है। इस स्तोत्र का पाठ करना अत्यंत शक्तिशाली और फलदायी माना जाता है। इसे नियमित रूप से जपने से साधक को कई लाभ मिलते हैं:
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कैसे करें पाठ: शिव पंचाक्षर स्तोत्र का पाठ आप प्रतिदिन कर सकते हैं, विशेषकर सावन के महीने में या सोमवार के दिन। सुबह स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें और भगवान शिव की प्रतिमा या शिवलिंग के समक्ष बैठकर शांत मन से इसका पाठ करें। पाठ करते समय प्रत्येक अक्षर और उसके अर्थ पर ध्यान केंद्रित करने से अधिक लाभ मिलता है।
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शिव पंचाक्षर स्तोत्र पाठ:
नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांगरागाय महेश्वराय।
नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मै नकाराय नम: शिवाय।।1।।
मंदाकिनी सलिल चंदन चर्चिताय नंदीश्वरप्रमथनाथ महेश्वराय।
मंदारपुष्पबहुपुष्प सुपूजिताय तस्मै मकाराय नम: शिवाय।।2।।
शिवाय गौरीवदनाब्जवृंद सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय।
श्रीनीलकंठाय वृषभध्वजाय तस्मै शिकाराय नम: शिवाय।।3।।
वसिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्यमुनींद्रदेवार्चितशेखराय।
चंद्रार्कवैश्वानरलोचनाय तस्मै वकाराय नम: शिवाय।।4।।
यक्षस्वरूपाय जटाधराय पिनाकहस्ताय सनातनाय।
दिव्याय देवाय दिगंबराय तस्मै यकाराय नम: शिवाय।।5।।
पंचाक्षरमिदं पुण्यं यः पठेच्छिवसन्निधौ।
शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते।।6।।
1. समस्त पापों का नाश: यह स्तोत्र जीवन में किए गए सभी पापों का क्षय करता है। इसके नियमित पाठ से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और आध्यात्मिक शुद्धि प्राप्त होती है।
2. मनोकामनाओं की पूर्ति: शिव पंचाक्षर स्तोत्र का श्रद्धापूर्वक पाठ करने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी सच्ची मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। यह धन, समृद्धि, संतान प्राप्ति, सुख और ऐश्वर्य की प्राप्ति में सहायक होता है।
3. मानसिक शांति और तनाव मुक्ति: इस स्तोत्र का जाप मानसिक तनाव, चिंता और नकारात्मक विचारों को दूर करता है। यह मन को शांत, स्थिर और एकाग्र करने में मदद करता है, जिससे आंतरिक शांति का अनुभव होता है।
4. नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा: यह स्तोत्र भक्तों को बुरी नज़र, नकारात्मक शक्तियों और अदृश्य बाधाओं से बचाता है। यह एक सुरक्षा कवच की तरह कार्य करता है, जो जीवन में आने वाली परेशानियों को कम करता है।
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5. आध्यात्मिक उन्नति और मोक्ष: शिव पंचाक्षर स्तोत्र आध्यात्मिक विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह व्यक्ति को आत्मिक शुद्धि की ओर ले जाता है, भगवान शिव के साथ गहरा संबंध स्थापित करता है और अंततः जीवन-मरण के चक्र से मुक्ति यानी मोक्ष दिलाने में सहायक होता है।
6. रोगों से मुक्ति और आरोग्य: माना जाता है कि शिव पंचाक्षर स्तोत्र के पाठ से शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति मिलती है। यह स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देता है।
7. आत्मविश्वास और स्थिरता: स्तोत्र का नियमित जाप व्यक्ति में आत्मविश्वास और आंतरिक शक्ति का संचार करता है। यह जीवन में स्थिरता लाता है और कठिनाइयों का सामना करने की क्षमता प्रदान करता है।
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