डिजिटल युग में कविता की प्रासंगिकता और पाठक की भूमिका
सुशील कुमार शर्मा | मंगलवार,मई 20,2025
तकनीकी क्रांति, इंटरनेट और सोशल मीडिया ने मानव जीवन के हर पहलू को प्रभावित किया है- संवाद, व्यवहार, संवेदना, विचार और ...
Hindi Love Poem: तुम -मेरी सबसे अनकही कविता
सुशील कुमार शर्मा | सोमवार,मई 19,2025
तुम न कोई प्रसिद्धि, न कोई मंच, पर फिर भी मेरे भीतर की सबसे पूर्ण कविता। तुम्हारी सादगी किसी छंद की नहीं, एक अनुभूति की ...
शिव के विराट दर्शन कराती एक कविता : महाकाल
सुशील कुमार शर्मा | बुधवार,मई 14,2025
जब पहली बार प्रकाश फूटा, और समय ने चलना सीखा उससे पूर्व जो था, और उसके पश्चात भी जो रहेगा, वही आप हो महाकाल। मैंने समय ...
विराट कोहली का टेस्ट क्रिकेट से संन्यास : एक युग का अंत, एक विरासत की शुरुआत
सुशील कुमार शर्मा | मंगलवार,मई 13,2025
विराट कोहली का व्यक्तित्व दो छोरों पर एक साथ विचरण करता है- विनम्रता और आक्रामकता। मैदान पर उनका जोश, विरोधी को आंखों ...
हिन्दी प्रेम कविता : तुमसे मिलकर
सुशील कुमार शर्मा | मंगलवार,मई 13,2025
तुम आये, जैसे एक लंबे सूखे के बाद, पहली बार धरती पर बादल फूट पड़े हों। मैं हरा हुआ अपने ही भीतर। उस क्षण, मैंने समय को ...
प्रेम कविता : तुम्हारा जाना
सुशील कुमार शर्मा | सोमवार,मई 12,2025
मैंने तुम्हें पाया नहीं, पर खो भी नहीं सका क्योंकि तुम वो स्पर्श थीं
जो छू लेने के बाद भी अधूरी ही रह जाती हैं। ...
रिश्तों पर हिन्दी में कविता : कहने को अपने
सुशील कुमार शर्मा | शनिवार,मई 10,2025
भीड़ में भी क्यों, दिखती है दूरी। अपनों को अपना कहना है भारी। शब्दों के धागे, रिश्तों की माला पर मन के भीतर, दिखता है ...
कुंडलियां छंद : मांग भरा सिंदूर
सुशील कुमार शर्मा | बुधवार,मई 7,2025
नारी का अभिमान है, मांग भरा सिंदूर। यदि संकट में आ गया, सब खुशियां काफ़ूर। सब खुशियां काफ़ूर, इसे गर नहीं बचाया। जीवन ...
poem on operation sindoor : सिंदूर का प्रतिशोध
सुशील कुमार शर्मा | बुधवार,मई 7,2025
पहलगाम की घाटी अब भी सिसक रही थी मासूम लहू की गंध घास में नहीं, धरती की आत्मा में उतर चुकी थी। वे आए थे बेखौफ, बेवजह और ...
अक्षय तृतीया पर कुंडलिया छंद
सुशील कुमार शर्मा | गुरुवार,मई 1,2025
तृतीया का पावन दिवस, शुभ मुहूर्त सुख धाम। दान पुण्य का पर्व है, सकल सुमंगल नाम। सकल सुमंगल नाम, पितर को भोग लगाओ। ...