गणेश उत्सव पर दोहे
सुशील कुमार शर्मा | सोमवार,सितम्बर 1,2025
गणपति घर में लाइए, गणपति सुख की खान। ज्ञान बुद्धि के देव हैं, गणपति विज्ञ विधान।। मोदक लड्डू भोग हो, पूजन अर्चन ध्यान। ...
टीचर्स डे पर कविता : नए युग का शिक्षक
सुशील कुमार शर्मा | सोमवार,सितम्बर 1,2025
Poem on Teachers Day: वह केवल किताबों तक सीमित नहीं,
बल्कि भविष्य की स्क्रीन पर हमारे सपनों का कोड लिखता है। वह चॉक और ...
क्षमा पर्व पर कविता : मिच्छामि दुक्कड़म्
सुशील कुमार शर्मा | गुरुवार,अगस्त 28,2025
शब्द छोटा है, पर अर्थ महासागर जितना गहरा 'मिच्छामि दुक्कड़म्' यानी जो भी गलती हुई, वह मिट जाए, शून्य हो जाए, क्षमा की ...
सर्वकालिक कृष्ण: एक शाश्वत सत्य
सुशील कुमार शर्मा | सोमवार,अगस्त 18,2025
कृष्ण का जन्म मथुरा की कारागार में हुआ, जहां अन्याय, भय और अत्याचार का साम्राज्य था। देवकी और वसुदेव के आठवें पुत्र के ...
जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण के जीवन को दर्शाती बेहतरीन कविता : कृष्ण तुम पर क्या लिखूं
सुशील कुमार शर्मा | शनिवार,अगस्त 16,2025
कृष्ण, तुम्हें शब्दों में बांधना वैसा ही है जैसे आकाश को हथेली में भरने की कोशिश, जैसे सागर को प्यास की परिभाषा में ...
कृष्ण: अनंत अपरिभाषा
सुशील कुमार शर्मा | शनिवार,अगस्त 16,2025
दूसरी ओर, कृष्ण ज्ञान और चेतना का मंथन भी हैं। कुरुक्षेत्र के युद्ध में अर्जुन को दिया गया गीता का उपदेश इसका सबसे बड़ा ...
15 अगस्त पर आज़ादी का महत्व दर्शाती कविता: स्वतंत्रता का सूर्य
सुशील कुमार शर्मा | गुरुवार,अगस्त 14,2025
वह सुबह जब आसमान ने पहली बार गुलाल की लालिमा से तिरंगे के रंग रचे थे, जब धरती ने अपनी देह पर शहीदों के रक्त का सिंदूर ...
स्वतंत्रता दिवस: गौरव, बलिदान, हमारी जिम्मेदारी और स्वर्णिम भविष्य की ओर भारत
सुशील कुमार शर्मा | गुरुवार,अगस्त 14,2025
स्वतंत्रता का यह पर्व उन शहीदों के बलिदान की याद दिलाता है, जिनके खून से यह भूमि सिंची गई है। जलियांवाला बाग में ...
धराली विनाश पर मार्मिक हिन्दी कविता: धराली की पुकार
सुशील कुमार शर्मा | बुधवार,अगस्त 6,2025
चौतीस सेकंड बस इतना सा समय, खीरगंगा का प्रचंड अट्टहास, और धराली का एक हिस्सा धरती पर से मिट गया। बादल, जो बरसने के लिए ...
हिन्दी कविता: अर्द्धनारीश्वर
सुशील कुमार शर्मा | मंगलवार,अगस्त 5,2025
जब ब्रह्मांड ने पहली सांस ली, वह अकेला नहीं था। उसमें एक स्वर था शिव का मौन, और उसमें एक रंग था शक्ति का स्पंदन। दोनों ...