योग: तन, मन और आत्मा के मिलन का विज्ञान
सुशील कुमार शर्मा | गुरुवार,जून 19,2025
योग केवल एक शारीरिक क्रिया नहीं, बल्कि एक समग्र जीवनशैली है, जो व्यक्ति को स्वस्थ, सुखी और सार्थक जीवन जीने में मदद ...
योग दिवस पर पढ़ें 2 कुण्डलिया छंद
सुशील कुमार शर्मा | गुरुवार,जून 19,2025
योगी मन को साधिए, तन-मन रहे निरोग। प्राण शक्ति संचार हो, तन-मन का हो योग। तन मन का हो योग, रोग, पीड़ा सब भागें। दृढ़ ...
अहमदाबाद विमान हादसे पर मार्मिक कविता: आकाश से गिरीं आहें
सुशील कुमार शर्मा | मंगलवार,जून 17,2025
दोपहर, जब सूरज भी थमा-थमा था, अहमदाबाद के आकाश में,
उड़ता हुआ एक सपना धुएं में घिरा, लहराया, और फिर हॉस्टल से आ टकराया ...
मातृ दिवस और पितृ दिवस: कैलेंडर पर टंगे शब्द
सुशील कुमार शर्मा | सोमवार,जून 16,2025
पितृ दिवस, मातृ दिवस को महज कैलेंडर की एक तारीख भर कहा जा सकता है, क्योंकि जो बच्चे पूरे साल मां-बाप को 'फॉर ग्रांटेड' ...
हिन्दी कविता : पिता, एक अनकहा संवाद
सुशील कुमार शर्मा | सोमवार,जून 16,2025
पिता कोई शब्द नहीं है, न ही कोई सम्बन्ध भर। वह तो एक अनदेखा प्रतिबिम्ब है जिसे हम तभी पहचानते हैं जब वह ओझल हो जाता है। ...
संबंधों का क्षरण: एक सामाजिक विमर्श
सुशील कुमार शर्मा | शुक्रवार,जून 13,2025
हाल ही में घटित एक घटना, जो इंदौर निवासी राजा रघुवंशी की नवविवाहित पत्नी द्वारा मेघालय में हनीमून के दौरान अपने प्रेमी ...
कबीर पर कुंडलियां
सुशील कुमार शर्मा | बुधवार,जून 11,2025
सादा जीवन सब जिएं, मन में उच्च विचार। जात पांत सब दूर हों, यह कबीर का सार। यह कबीर का सार, ज्ञान की ज्योति जलाई। दूर ...
प्रेरणादायक बाल कविता: बचपन देखो, कितना प्यारा
सुशील कुमार शर्मा | बुधवार,जून 11,2025
उड़ो-उड़ो ओ नन्हे पंछी, नन्हे कदम, बड़े हैं सपने। खुले गगन में दूर कहीं पर लगे हैं सपने आज संवरने। डरना नहीं, नहीं है ...
हिन्दी कविता: प्रेम में पूर्णिमा नहीं होती
सुशील कुमार शर्मा | मंगलवार,जून 10,2025
तुमने पूछा था, क्या तुम मुझसे प्रेम करते हो? मैं हंसा नहीं, कुछ बोला भी नहीं, केवल देखा जैसे वह प्रश्न मेरे भीतर से ...
वट सावित्री व्रत: आस्था, आधुनिकता और लैंगिक समानता की कसौटी
सुशील कुमार शर्मा | मंगलवार,जून 10,2025
इक्कीसवीं सदी के बदलते सामाजिक परिदृश्य में, जब लैंगिक समानता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की बातें जोर-शोर से हो रही हैं, ...