रशिया, पाकिस्तान, ब्राजील, कजाकिस्तान, तंजानिया, नाइजीरिया, इंडोनेशिया और म्यांमार ने अपनी राजधानी को दूसरी जगह शिफ्ट किया है तो क्या भविष्य में भारत भी अपनी राजधानी शिफ्ट करेगा? कालांतर में भारत की राजधानी बदलती रही है। हस्तिनापुर से लेकर दिल्ली तक के सफर में कई राजधानियां रही हैं। यदि हम आधुनिक युग की बात करें तो दिल्ली से पहले 1911 के पहले तक कोलकाता भारत की राजधानी थी। 1911 के बाद दिल्ली राजधानी बनी। जब कोलकाता राजधानी हुआ करती थी तब गर्मी में शिमला राजधानी बन जाती थी। 1858 में इलाहाबाद को एक दिन के लिए भारत की राजधानी बनाया गया था। हालांकि मुस्लिम काल में भारत के हर क्षेत्र की अपनी अगल राजधानी हुआ करती थी।
1. इतिहास: दिल्ली का इतिहास रक्तरंजीत रहा है। दिल्ली ने इतिहास के कई उतार चढ़ावा देखे हैं। दिल्ली को पहले इंद्रप्रस्थ कहा जाता था। यह कई बार उजड़ी और फिर से बसाई गई। मौर्य काल से लेकर तोमर राजाओं के शासन तक दिल्ली सुरक्षित रही। इसके बाद मुहम्मद गौरी ने दिल्ली को उजाड़ दिया था। कुतुब, खिलजी, तुगलक, तैमूर और बाबर ने यहां पर खूब लूटपाट मचाई। बाद में धीरे धीरे दिल्ली में फिर से बसाहट हुई। दिल्ली का जो इतिहास रहा है वह युद्ध, आक्रमण और सत्ता परिवर्तन का इतिहास रहा है। भारत के भविष्य के लिए अब यह स्थान उपयुक्त नहीं माना जा रहा है।
2. ज्योतिष का आकलन: 12 दिसंबर 1911 को दोपहर 12 बजे दिल्ली को भारत की राजधानी बनाया था। 1931 में, नई दिल्ली को आधिकारिक तौर पर भारत की राजधानी घोषित किया गया था। कुछ ज्योतिष दिल्ली की स्थापना कुंडली के आधार पर भी कहते हैं कि भविष्य में दिल्ली नहीं रहेगी भारत की राजधानी। ज्योतिषियों का मानना है कि दिल्ली पर भविष्य में संकट के बादल गहरा सकते हैं। ऐसे में इसका राजधानी बना रहना भारत के लिए सही नहीं है। ज्योतिष के अनुसार 2025 के बाद दिल्ली में राजनीतिक अस्थिरता चरम पर रह सकती है। ग्रहों की स्थिति दिल्ली के राजनीतिक और सामाजिक ढांचे और अस्थिर करके देश में अराजकता फैला सकती है।
3. दिल्ली की समस्या: यदि भारत की भौगोलिक स्थिति को देंखे को दिल्ली को भारत की राजधानी बनाए रखना अब देश के लिए और भविष्य के लिए यह सुरक्षित नहीं माना जा सकता है। अब यह अटकलें लगाई जा रही है दिल्ली पर कई तरह के बढ़ते खतरे के चलते हो सकता है कि भविष्य में भारत की राजधानी कुछ और हो। ट्रैफिक, प्रदूषण, बढ़ते क्राइम, जनसंख्या दबाव, सुरक्षा, पर्यावरण और प्रशासनिक आधार पर दिल्ली से देश का शासन चलाना भविष्य में मुश्किल हो सकता है।
4. राजधानी बदलने की बहस: भारत की राजधानी को बदलने को लेकर काफी बहस चल रही है। कोई कह रहा है कि इसे दिल्ली से शिफ्ट करके साउथ में चेन्नई, बेंगलुरु, मैसूर या हैदराबाद शिफ्ट कर देना चाहिए। कोई कह रहा है कि इसे राजस्थान, उत्तर प्रदेश या बिहार के सेंटर में ले जाना चाहिए। नहीं तो सेंट्रल इंडिया में किसी नई और सुरक्षित जगह इसे शिफ्ट किया जाना चाहिए।
5. सुरक्षा को लेकर चिंता: ऐसे इसलिए सोचा जाने लगा है कि दिल्ली नॉर्थ इंडिया के सेंटर में स्थिति है जिसके चलते भारत के शत्रु चीन और पाकिस्तान की यहां पर आसानी से अपनी पहुंच बना सकते हैं। दिल्ली से पाकिस्तान की दूरी महज 450 किलोमीटर है जबकि चीन के अक्साई चीन की दूरी महज 750 किलोमीटर दूर है। ऐसे में यदि युद्ध होता है तो दिल्ली तक इन दोनों देशों का पहुंचना आसान होगा। यहां आसानी से मिसाइल या ड्रोन गिराए जा सकते हैं। दूसरा दिल्ली का प्रदूषण, जनसंख्या और लो स्टैंडर्ड ऑफ लिविंग का विस्तार होना भी बड़ा कारण है। आज दिल्ली की जनसंख्या करीब 33 मिलियन है। यूएन की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया की सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला शहर बन जाएगा। दिल्ली में हर रोज कम से कम 1000 लोग आते हैं जिसमें से 300 लोग यहीं पर बस जाते हैं। इसके कारण ट्रैफिक के साथ ही कई अन्य चीजें भी बढ़ती जा रही है। जैसे देश में होने वाले 5 क्राइम में से 3 दिल्ली में ही होते हैं।
6. नागपुर या भोपाल बन सकती है राजधानी: दिल्ली की जगह यदि भारत की नई नई राजधानी बनाने की संभावना पर विचार करें तो नागपुर और भोपाल को लेकर चर्चा ज्यादा हो रही है। क्योंकि यह दोनों ही शहर भौगोलिक दृष्टि से सुरक्षित है। वायरल हो रही खबर के अनुसार नागपुर को सबसे सुरक्षित जगह बताया जा रहा है। दोनों ही शहर शांति, संतुलन और समृद्धि का प्रतीक बन सकते हैं। दोनों ही स्थान पर देश के राज्यों के लोगों का पहुंचना लगभग समान और आसान है।
7. राजधानी शिफ्ट करने का कोई प्रस्ताव नहीं: हालांकि, हाल के वर्षों में, दिल्ली में प्रदूषण की समस्या एक बड़ी चिंता का विषय बन गई है। जिसके कारण कुछ लोगों ने राजधानी को किसी और शहर में स्थानांतरित करने का सुझाव दिया है, लेकिन सरकार ने अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया है। यहां यह स्पष्ट कर देना चाहिए कि भारत की राजधानी नई दिल्ली है और इसे बदलने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है।