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Last Modified: गोरखपुर (उप्र) , सोमवार, 29 सितम्बर 2025 (12:58 IST)

सेहत से खिलवाड़ : केमिकल से रंगे 500 क्विंटल 'लाल आलू' जब्त, किडनी-लीवर पर डाल सकता है असर

Potatoes containing chemicals were seized in Gorakhpur
सब्जियों का राजा भी अब रंगीन होकर बाजार में आ गया है और इसकी रंगीनियत ने आमजनों की सेहत खराब कर दी है। बाजार में बिकते इन रंगीन चमचमाते लाल आलुओं को देखकर अगर आप उन्हें ताजा और बेहतर समझकर खरीद रहे हैं, तो सावधान हो जाइए, क्योंकि इन आलुओं पर हानिकारक केमिकल की परत चढ़ी हुई है, जो सेहत पर विपरीत प्रभाव डाल सकती है। खाद्य सुरक्षा विभाग ने गोरखपुर की नवीन महेवा मंडी से ऐसे ही लगभग 500 क्विंटल रंगीन और केमिकलयुक्त आलू जब्त किए हैं, जिनमें फेरिक ऑक्साइड जैसे हानिकारक केमिकल की मिलावट पाई गई है।

खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने गोरखपुर मंडी में छापेमारी करते हुए आलुओं से भरे दो ट्रक पकड़े हैं। यह आलू उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद और तमिलनाडु के वेल्लौर से मंगाया गया था। जांच टीम ने बताया कि सोशल मीडिया पर रंगीन आलू के वीडियो वायरल हो रहे हैं, इसी क्रम में आलू का परीक्षण करने के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम मंडी आई है।

यहां जब जांच के लिए आलू को पानी में डाला गया, तो पानी का रंग लाल हो गया। प्रारंभिक परीक्षण में ही यह बात स्पष्ट हो जाती है कि इन पुराने आलुओं को कृत्रिम रूप से चमकदार बनाने के लिए ऐसे खतरनाक रसायनों का उपयोग किया जा रहा है, यह वो केमिकल हैं जो आमतौर पर पेंट और सिरेमिक उत्पादों में इस्तेमाल होते हैं।

गोरखपुर में खाद्य सुरक्षा विभाग के सहायक आयुक्त डॉ. सुधीर कुमार सिंह के नेतृत्व में यह छापेमारी की गई है।जैसे ही मंडी के आढ़तियों को सूचना मिली की आलुओं की छापेमारी की जा रही है तो इस दौरान हड़कंप मच गया। मंडी में आलुओं से भरे ट्रक के कई ड्राइवर और (आढ़ती) व्यापारी फरार हो गए। फिलहाल खाद्य विभाग ने आलुओं को जब्त करते हुए उनके नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं, जांच रिपोर्ट आने तक ये माल सीज रहेगा। यदि जांच में मिलावट की पुष्टि होती है, तो आलुओं को नष्ट कर दिया जाएगा और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

मेरठ के लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ डॉक्टर अरविंद कुमार के मुताबिक, इस तरह के आयरन ऑक्साइडयुक्त आलू खाना सेहत से खिलवाड़ करना होगा, क्योंकि यह शरीर के लिए बेहद नुकसानदायक है। यह केमिकल आलू के छिलके से होते हुए उसके अंदर तक पहुंच सकता है, जिससे पाचन तंत्र, किडनी और लीवर पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है, कैंसर जैसी बीमारी घर कर सकती है।

नियमित सेवन से मितली, उल्टी, पेट दर्द और यहां तक कि अंगों की विफलता (organ failure) का खतरा भी हो सकता है। यदि किसी को केमिकल युक्त आलू खाने के बाद शरीर में रिएक्शन दिखाई दें, सांस लेने में तकलीफ़ हो, ऐसे मरीज को तुरंत खुले स्थान पर ले जाएं, ऑक्सीजन उपलब्ध हो तो दें। मरीज को जबरन उल्टी न करवाएं, होश में हो तो पानी या दूध पिलाएं।

इस तरह के आलू के खाने पर तुरंत रोक लगाएं। यदि उल्टी, दस्त, पेट दर्द, चक्कर, सांस लेने में कठिनाई या बेहोशी हो तो गंभीर मानें, तुरंत नज़दीकी अस्पताल में पेशेंट को ले जाकर जांच करवाएं। पेट साफ करने की दवाइयां जैसे Activated charcoal, केमिकल प्रभाव के असर को कम करने के लिए दी जा सकती है। ज़रूरत पड़ने पर IV फ्लूइड, ऑक्सीजन और अन्य सपोर्टिव केयर भी लाभकारी होता है।

हैरान करने वाली बात तो यह है कि ये लाल आलू न केवल मंडियों और सब्जियों के विक्रेता बेच रहे हैं, बल्कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी धड़ल्ले से बिक रहे हैं। सब्जी विक्रेता इन्हें ताजा और बेहतर क्वालिटी बताकर अधिक दामों पर बेचते हैं, जबकि असलियत यह है कि ये आलू कोल्ड स्टोरेज में रखे पुराने, खराब होने की कगार पर पहुंचे होते हैं, जिन्हें केमिकल से रंग कर नया रूप दिया जाता है।

आलू की पहचान किस तरह करें उपभोक्ता
  • आलू की चमक पर ना जाएं, अधिक चमकदार और लाल रंग के आलू खरीदने से बचें।
  • आलू को पानी में डालें यदि उसका रंग निकलता है, तो वह मिलावटी हो सकता है।
  • छिलका हटाने पर जलन या तेज गंध महसूस हो, तो ऐसे आलू का सेवन न करें।
  • आलुओं को अच्छी तरह धोकर/छिलकर ही इस्तेमाल करें।
  • यदि आलू में कुछ गड़बड़ी नजर आए तो तुरंत स्थानीय प्रशासन और खाद्य विभाग को जानकारी दें।
Edited By : Chetan Gour
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