मंगलवार, 11 नवंबर 2025
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. प्रादेशिक
  4. Police attack case in Hapur Uttar Pradesh
Last Modified: सोमवार, 29 सितम्बर 2025 (12:12 IST)

हापुड़ में पुलिस पर हमला : दबिश के दौरान आरोपी को छुड़ाने की कोशिश, पुलिसकर्मियों से मारपीट, वर्दी फाड़ी

Police attack case in Hapur Uttar Pradesh
Hapur Uttar Pradesh Crime News : उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले स्थित थाना सिंभावली क्षेत्र में कानून व्यवस्था को सीधी चुनौती देने वाली एक शर्मनाक घटना सामने आई है। मामला बीती शाम गांव वैट से जुड़ा है, जहां सोशल मीडिया पर फायरिंग करते हुए एक वीडियो वायरल हो रहा है, वायरल वीडियो में फायरिंग करते शख्स की पहचान सारिक के रूप में हुई है। आरोपी सारिक को पकड़ने के लिए जब पुलिस टीम उसके घर पर गई तो उसक परिजनों ने हमला कर दिया। इस दौरान पुलिसकर्मियों से ना सिर्फ मारपीट की गई, बल्कि दो पुलिसकर्मियों की वर्दी तक फाड़ दी गई।

यह घटना न सिर्फ पुलिस व्यवस्था की गंभीरता को उजागर करती है, बल्कि यह भी सवाल खड़े करती है कि आखिर कानून के सामने अपराधियों का हौसला इतना बुलंद क्यों है? मामला उस समय बिगड़ा जब पुलिस टीम ने सारिक पुत्र नबाब के घर दबिश दी। सारिक पर अवैध हथियार से फायरिंग का आरोप है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।

जैसे ही पुलिस ने पूछताछ शुरू की, आरोपी के परिजनों ने विरोध करते हुए वीडियो बनाकर सारिक को छुड़ाने की कोशिश की। इस दौरान आरोपी की बहनों और अन्य परिजनों ने पुलिस पर धावा बोल दिया। दो महिला परिजनों ने एक पुलिसकर्मी को पकड़कर उनसे धक्कामुक्की और अभद्रता की।
पुलिस द्वारा की गई एफआईआर के मुताबिक इस हमले में दारोगा अशोक कुमार की वर्दी फाड़ दी गई और उनकी नेम प्लेट खींचकर फेंक दी गई। वहीं दरोगा संजय सिंह से भी अभद्रता की गई और नाखून से हमला कर उन्हें घायल कर दिया गया। हालांकि तमाम विरोध के बावजूद पुलिस टीम ने आरोपी सारिक को गिरफ्तार कर लिया और उसे जेल भेज दिया है।
 
पुलिस से अभद्रता का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद यह मामला और अधिक गंभीर हो गया है। इस हमले में शामिल सारिक, उसके पिता नबाब, मां शमीम, बहनों इकरा और अरसी और भाई अरबाज के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं 191(2), 121(1), 132, 352, 351(3) के तहत मुकदमा दर्ज किया है। इन धाराओं में सरकारी कार्य में बाधा, मारपीट, गाली-गलौज और ऑन ड्यूटी पुलिसकर्मियों पर हमला जैसी गंभीर धाराएं शामिल हैं।
खाकी वर्दी के साथ अभद्रता, मारपीट और गालीगलौज पुलिस कार्रवाई पर हमला नहीं, बल्कि कानून के शासन पर सीधा प्रहार है। जब पुलिसकर्मी, जो समाज में सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी निभाते हैं, उन्हें ही आम नागरिक और विशेष रूप से आरोपियों के परिजन खुलेआम निशाना बनाते हैं, तो यह सोचने का विषय है कि आम जनता कितनी सुरक्षित है।

सोशल मीडिया पर पुलिस के साथ बदसलूकी की घटना ने पुलिस प्रशासन के सामने यह चुनौती रख दी है कि ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए और अधिक सख्त व प्रभावी कदम उठाए जाएं। इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अपराधियों के मन से कानून का भय खत्म होता जा रहा है।
ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या अब पुलिस की वर्दी का सम्मान और भय भी समाज में कम हो रहा है? यदि हां, तो यह एक चिंताजनक संकेत है, जिस पर न केवल प्रशासन बल्कि पूरे समाज को सोचना होगा, कि हम क्या थे, क्या हो गए और भविष्य में क्या होगा?
Edited By : Chetan Gour
ये भी पढ़ें
सेहत से खिलवाड़ : केमिकल से रंगे 500 क्विंटल 'लाल आलू' जब्त, किडनी-लीवर पर डाल सकता है असर