बुधवार, 15 अक्टूबर 2025
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. UN News
  4. Appeal for unhindered access to supplies of aid to Gaza
Written By UN
Last Modified: शनिवार, 11 अक्टूबर 2025 (13:42 IST)

युद्ध से तबाह ग़ाज़ा में सहायता सामग्री की आपूर्ति के लिए निर्बाध पहुंच की अपील

Appeal for unhindered access to supplies of aid to Gaza
Appeal for aid supplies in Gaza : इसराइल और हमास के बीच युद्धविराम समझौता लागू होने की ख़बरों के बाद बड़ी संख्या में ग़ाज़ावासी उत्तरी इलाक़े की तरफ़ वापस लौटने लगे हैं जिससे उधर जाने वाला मुख्य मार्ग भीड़ से भर गया है। इन हालात में संयुक्त राष्ट्र सहायता दलों ने अकाल को फैलने से रोकने के लिए इसराइल से ग़ाज़ा के लिए सभी सीमा चौकियों को खोलने की अपनी अपील दोहराई है।
 
फ़िलिस्तीनियों की सहायता के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी (UNRWA) की संचार निदेशक जूलियेट टौमा ने कहा है, इस समझौते के विवरण या इसे लागू किए जाने के तरीक़े के बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है। अलबत्ता हम ग़ाज़ा में सभी सीमा चौकियों को तुरन्त खोले जाने का आहवान करते हैं ताकि युद्धग्रस्त क्षेत्र में मानवीय सहायता सामग्री की आपूर्ति की जा सके।
 
उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब इसराइली सेनाएं, ग़ाज़ा के कुछ हिस्सों से कथित रूप में पीछे हट रही हैं। इसराइल और हमास के बीच हुए समझौते के अनुरूप ऐसा किए जाने की व्यवस्था है। इस समझौते की मध्यस्थता इस सप्ताह मिस्र में अमेरिकी मध्यस्थों और क़तर व तुर्की के प्रतिनिधियों ने की थी।
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने बताया है कि ग़ाज़ा में गम्भीर कुपोषण से पीड़ित 50 हज़ार युवक जोखिम की चपेट में हैं। जूलिएट टौमा ने इन युवाओं की स्थिति की तरफ़ ध्यान आकर्षित करते हुए ज़ोर देकर कहा कि अकाल को रोकने और नियंत्रित करने के लिए UNRWA की तरफ़ से यह भोजन सामग्री उपलब्ध कराया जाना अत्यन्त महत्वपूर्ण है।
यूएन एजेंसियों का कहना है कि गम्भीर कुपोषण से पीड़ित इन बच्चों और युवकों का तुरन्त इलाज किया जाना होगा। युद्धविराम लागू होने के साथ यह उम्मीद जताई गई है कि इन सबको वो चिकित्सीय उपचार मिल सकेगा जिसकी उन्हें बेहद ज़रूरत है।
संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष सहायता समन्वय अधिकारी टॉम फ़्लैचर ने कहा था कि संयुक्त राष्ट्र का पूरा मानवीय परिवार ग़ाज़ा में सहायता पहुंचाने के लिए जुटा हुआ है। उन्होंने कहा, ग़ाज़ा पट्टी में सहायता सामग्री वितरित करने में UNRWA की अपरिहार्य भूमिका पर ज़ोर दिया और साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप की 20 सूत्रीय योजना में संयुक्त राष्ट्र को सौंपी गई केन्द्रीय भूमिका को भी रेखांकित किया था।
 
कुछ इलाक़ों में युद्ध जारी
इस बीच ग़ाज़ा पट्टी में अब भी काम कर रही सहायता टीमों ने बताया कि युद्धविराम शुक्रवार सुबह तक लागू नहीं हुआ था। यूनीसेफ़ के प्रवक्ता रिकार्डो पाइरेस ने कहा कि फिर भी महत्वपूर्ण मानवीय कार्य जारी हैं, जिनमें गुरुवार को ग़ाज़ा शहर में इन्क्यूबेटर में भर्ती और अपनी जान की लड़ाई लड़ रहे दो शिशुओं को बचाने के लिए यूनीसेफ़ का एक चिकित्सा मिशन भी शामिल है।
प्रवक्ता ने कहा, सौभाग्य से ज़मीनी स्तर पर सहकर्मियों और स्वास्थ्य कर्मियों की कड़ी मेहनत से वे बच्चे बच गए और आज अपने परिवारों से मिल गए। ग़ाज़ा में युद्धविराम लागू होने की ख़बरें के बाद, भारी संख्या में लोग शुक्रवार (10 अक्टूबर) को उत्तरी इलाक़े की तरफ़ अपने घरों के लिए लौटने लगे।
 
यूनीसेफ़ प्रवक्ता रिकार्डो बाइलेस ने बताया कि मिशन को ग़ाज़ा शहर तक पहुंचने के लिए 15 घंटे इन्तज़ार करना पड़ा क्योंकि ज़मीनी स्तर पर स्थिति अब भी बहुत अस्थिर थी और बहुत तेज़ी से गतिविधियां हो रही थीं- बहुत हिंसा। UNRWA की प्रवक्ता जूलिएट टौमा ने भी इसी आकलन को दोहराते हुए बताया कि ग़ाज़ा पट्टी में उनके सहयोगियों ने शुक्रवार सुबह हवाई हमलों की सूचना दी।
 
उन्होंने यह भी बताया कि 7 अक्टूबर 2023 को दक्षिणी इसराइल पर हमास के नेतृत्व वाले आतंकवादी हमलों से शुरू हुए युद्ध के दौरान UNRWA के 370 से अधिक कर्मचारी मारे गए हैं। उन्होंने आगे कहा, संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के बाद से यह संयुक्त राष्ट्र का काम करते हुए मारे गए लोगों की सबसे बड़ी संख्या है।
संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी (WHO) के प्रवक्ता क्रिश्चियन लिंडमियर ने भी सभी सम्भावित मार्गों से निर्बाध सहायता पहुंच का आह्वान दोहराया है। उन्होंने ग़ाज़ा से पूर्वी येरुशलम सहित पश्चिमी तट तक गम्भीर अवस्था वाले मरीज़ों को बेहतर चिकित्सा की ख़ातिर निकासी फिर से शुरू करने और पुनर्निर्माण को गति देने के लिए बड़े पैमाने पर धन उपलब्ध कराए जाने की आवश्यकता पर बल दिया।
 
संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के पास ग़ाज़ा में पहुंचाने के लिए 1 लाख 70 हज़ार मीट्रिक टन भोजन, दवाइयां और अन्य आपूर्ति तैयार है। इसका उद्देश्य ग़ाज़ा में 21 लाख लोगों तक भोजन पहुंचाना है। साथ ही गम्भीर पोषण अवश्यकताओं वाले लगभग 5 लाख ज़रूरतमन्द लोगों तक पौष्टिक भोजन की व्यवस्था को भी बढ़ाना है।
ये भी पढ़ें
क्यों बढ़ रहे हैं सोने चांदी के दाम, डिमांड और सप्लाय में भारी अंतर, क्या है इसका रूस और चीन से कनेक्शन