दीवाली का त्योहार। इस पर जगह-जगह जाम। अवैध पार्किंग और अतिक्रमण। नो एंट्री में एंट्री और वन वे में प्रवेश। इन सब अव्यवस्थाओं ने मिलकर इंदौर के ट्रैफिक को बेलगाम कर दिया है। सबकुछ सही करने के तमाम प्रयासों के बावजूद यातायात पुलिस की आंखों में एक बेबसी नजर आती है। वजह है बढ़ती हुई भीड़, वाहनों के ग्राफ में उछाल और इंदौर के नागरिकों का बिगड़ा हुआ ट्रैफिक सेंस। नतीजन इन दिनों शहर का ज्यादातर हिस्सा जाम की भेंट चढता नजर आ रहा है।
सोमवार को एमजी रोड पर देर तक जाम लगा रहा। रात 8 बजे से शुरू हुआ जाम करीब साढ़े 9 बजे तक रहा। एमजी रोड से लेकर शास्त्री ब्रिज, रीगल चौराहा तक वाहनों की लंबी कतारें नजर आईं। उसके बाद शास्त्री ब्रिज के दोनों तरफ वाहन फंसे रहे। दोनों तरफ लंबा ट्रैफिक जाम रहा। राजवाड़ा हो या सराफा। जवाहर मार्ग हो या राजकुमार ब्रिज और स्वदेशी ब्रिज। पाटनीपुरा हो या मालवा मिल और रसोमा चौराहा। सपना संगीता हो या भंवरकुआ इलाका। विश्रांति मार्ग या चिमनबाग। जहां और जिस तरफ शाम को निकल जाओ तो आपको जाम में फंसते हुए ही जाना होगा। कमोबेश पूरे इंदौर के प्रमुख मार्गों और चौराहों की यही हालत है। इंदौर की सड़कों और चौराहों पर बिगड़ते इस पूरे दृश्य को समझने और इसके समाधान के लिए
वेबदुनिया ने ट्रैफिक के अफसरों से
सीधी बात की।
जो दिक्कत निकलकर सामने आई वो थी, शहर में पार्किंग स्थलों की कमी। बढ़ते वाहनों की संख्या, त्योहार पर एक साथ एक ही समय में परंपरागत बाजारों में नागरिकों का आना, इंदौर के लोगों का बिगड़ा हुआ ट्रैफिक सेंस और यातायात पुलिस के पास कोई पुख्ता इंतजाम और तैयारी का नहीं होना। अफसरों का कहना है कि उनके पास पर्याप्त फोर्स है। वे लगातार प्रयास कर रहे हैं, लेकिन वाहनों की संख्या, संकरी सड़कें, ई-रिक्शाओं की अराजकता और नियमों का पालन नहीं करने की वजह से हालात बिगड़ रहे हैं। अफसरों ने बताया कि वे जल्द ही इंदौर के ट्रैफिक की इंजीनियरिंग पर रिसर्च कर के एक नया प्लान लागू करेंगे।
पढ़िए वेबदुनिया की ये रिपोर्ट।
आनंद कलादगि, डीसीपी, ट्रैफिक इंदौर से सीधी बातसवाल : क्यों इंदौर के ट्रैफिक पर सवाल उठ रहे हैं?
जवाब : इंदौर तेजी से बढ़ता हुआ शहर है। 35 लाख पापुलेशन है। उसके बराबर 35 लाख वाहन भी हैं। दीवाली की वजह से ट्रेडिशनल बाजारों में दबाव बढ़ रहा है। इसके लिए हमने योजना बनाई है।
सवाल : राजवाड़ा से लेकर, सराफा, जवाहर मार्ग यहां तक कि एमजी रोड पर आए दिन जाम और ट्रैफिक अव्यवस्थाएं हैं?
जवाब : राजवाड़ा और सराफा के आसपास जितने भी रोड हैं, जैसे सीतलामाता बाजार, गौराकुंड से नरसिंह बाजार, गौराकुंड से एमजी रोड और राजवाड़ा और जवाहर मार्ग तरफ इन सबको हम आज से नोव्हीकल जोन डिक्लेयर करने वाले हैं। इसके साथ ही हम आज से दबाव देखकर टू व्हीलर पर भी प्रतिबंध लगाने का निर्णय लेंगे।
सवाल : शहर में कितने चौराहे या पॉइंट हैं, जहां ज्यादा दबाव है, वहां के लिए विभाग का क्या प्लान है?
जवाब : इंदौर में 100 से ज्यादा बड़े चौराहे हैं। इनमें 60-65 में सिग्नल लग चुके हैं। जहां सिग्नल नहीं है, वहां भी हमारे ट्रैफिक जवान सुबह 8 से रात 11 बजे ड्यूटी दे रहे हैं।
सवाल : नो एंट्री में में लोग बेखौफ वाहन लेकर घुस आते हैं। कोई देखने वाला नहीं है?
जवाब : नो एंट्री में भी सुबह 6 से रात 11 तक निगरानी की जा रही है। इंदौर में 19 नो एंट्री पॉइंट हैं, इसके साथ ही करीब 35 रोड पर हमने अपने कर्मचारी लगा रहे हैं।
सवाल : कई सिग्नल पर ट्रैफिक जवान नहीं होते हैं, इंदौर का पूरा यातायात सिग्नल के भरोसे हैं। लोग नियम तोड़ते नजर आते हैं?
जवाब : देखिए, आमतौर पर सिग्नल पर जवान की जरूरत नही होती है। फिर भी हमने कई जगह जवान तैनात किए हैं। सिग्नल के नियमों का पालन करना आम वाहन चालकों की जिम्मेदारी है, जनता को भी थोड़ा सहयोग करना चाहिए।
सवाल : सिग्नल पर जवान तो मोबाइल देखते हुए या इधर उधर बैठे नजर आते हैं?
जवाब : देखिए, जवान 8 से 9 घंटे ड्यूटी करता है। इस बीच उसे दो से तीन मिनट का ब्रेक भी चाहिए होता है।
सवाल : आपने कहा कि शहर बढ़ रहा है, ट्रैफिक और वाहन बढ़ रहे हैं तो क्या विभाग के पास फ्यूचर में इंदौर के लिए कोई बड़ा ट्रैफिक प्लान है?
जवाब : एक बार पूरे इंदौर के चौराहे और ट्रैफिक का निरीक्षण किया जाएगा। कहां दिक्कत है, कहां दबाव है। ट्रैफिक इंजीनियरिंग के स्तर पर क्या बदलाव हो सकते हैं, यह हम देखेंगे।
सवाल : क्या और किस तरह के बदलाव करेंगे?
जवाब : लेफ्ट टर्न दे सकते हैं, डिवाइडर की लंबाई बढ़ाएंगे। रोड की चौड़ाई बढ़ाएंगे। नगर- निगम और स्मार्ट सिटी के अधिकारियों के साथ बैठक कर फैसले लेंगे। सड़कों की इंजीनियरिंग बदलने की कोशिश करेंगे। इसके बाद शहर में मुख्य चौराहों पर कैमरों का इंस्टालेशन करने का काम चल रहा है। यह सब जल्द ही किया जाएगा।
दिक्कत तो है, लेकिन सुधारेंगे
एक लाख वाहन आते हैं और पार्किंग हमारे पास 5 हजार की है, कैसे करेंगे
संतोष कौल, एसीपी, ट्रैफिक से सीधी बातसवाल : जगह- जगह वाहन खड़े
कर दिए जाते हैं, सड़
कों पर रेंगते हुए वाहन चलते हैं, कहां दिक्कत है?
जवाब : सौ साल पुराने रोड और बाजार हैं, परंपरागत तरीके से त्यौहारों पर पूरा इंदौर राजवाड़ा पर ही आता है। इसलिए त्यौहार पर दबाव बढ़ जाता है।
सवाल : लोग पार्किंग का इस्तेमाल नहीं करते, अवैध पार्किंग से सड़कें से पटी पड़ी हैं?
जवाब : पार्किंग पर्याप्त नहीं है राजवाड़ा में। वाहन एक लाख वाहन राजवाड़ा पर आते हैं और पार्किंग 5 हजार वाहनों के लिए है। इसलिए दिक्कत होती है।
सवाल : कहां- कहां पार्किंग स्थल है, वहां मॉनिटरिंग क्यों नहीं होती?
जवाब : वीर सावरकर मार्केट पर, एमजी रोड थाने के बाजू में और सुभाष चौक में पार्किंग है। बाकी सागर जूस गोराकुंड पर, बालाजी पार्किंग, बजाज खाना में पार्किंग है। लोगों को बता रखा है कि यहां अपने वाहन पार्क करें।
सवाल : क्या त्यौहारों पर पहले से तैयारी नहीं करता विभाग?
जवाब : अब त्यौहार का समय होता है, सभी को एक ही समय में उसी ट्रेडिशनल मार्केट में खरीददारी के लिए आना होता है, थोड़ा दबाव तो बढ़ जाता है।
सवाल : कल एमजी रोड पर भी जाम लगा, जाम लगना आम बात हो गई है?
जवाब : नहीं जाम नहीं है, रोड संकरा है, दबाब बढ़ता है तो ट्रैफिक कुछ धीमा हो जाता है।
सवाल : भोपाल में ई- रिक्शा पर कार्रवाई की गई है, इंदौर में ई- रिक्शावालों का आतंक है, हर जगह घुस जाते है, कार्रवाई क्यों नहीं की जाती?
जवाब : हमने राजवाड़ा में प्रतिबंध लगाया है ई रिक्शा पर। कार्रवाई उन पर कर रहे हैं, लेकिन यह सच है कि ई रिक्शा की वजह से दिक्कत आती है, वे कहीं भी घुस जाते हैं, लेकिन उन पर भी कार्रवाई करते ही है, चालान बनाते हैं।
सवाल : क्या ट्रैफिक पुलिस के पास फोर्स की कमी है?
जवाब : नहीं, फोर्स की कमी नहीं है। हम रोटेड करते रहते हैं फोर्स को।
फोटो : धर्मेंद सांगले