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Last Modified: बुधवार, 12 नवंबर 2025 (12:56 IST)

दिल्ली बम धमाकों का इंदौर कनेक्शन आया सामने, अलफलाह यूनिवर्सिटी का ट्रस्टी महू का जावेद सिद्दकी

Indore connection of Delhi bomb blasts comes to light
दिल्ली बम धमाकों का इंदौर कनेक्शन भी अब सामने आया है।  दिल्ली में आतंकी हमले को अंजाम देने वाला डॉ. उमर जिस अल फलाह मेडिकल यूनिवर्सिटी से जुड़ा था अल फलाह यूनिवर्सिटी का कर्ताधर्ता इंदौर के महू निवासी जवाद अहमद सिद्दकी है । वहीं दिल्ली धमाकों के बाद जवाद अहमद सिद्दकी  और उसका भाई फरार है। जवाद और उसे भाई की तलाश में NIA समेत अन्य जांच एजेंसियां लगातार छापामार कार्रवाई कर रही है।
 
इंदौर के महू निवासी जावद अहमद सिद्दीकी फरीदबाद स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी जिस ट्रस्ट के जरिए बनाई गई है, उसका अध्यक्ष है। खुफिया एजेंसी से जुड़े सूत्र बताते है कि जब खुफिया एजेंसियाों ने फरीदाबाद मॉड्यूल का भंडाफोड़ करते हुए तीन डॉक्टरों समेत कई क्विंवटल विस्फोटक जब्त किया तब से जावद और उसका भाई फरार है। अलफलाह यूनिवर्सिटी का चैयरमेन जावद अहमद सिद्दकी और उसका भाई अफाम सिद्दिकी अब बम धमाकों के बाद फरार है। वहीं अब खुफिया एजेंसियां आतंकी माड्यूल में दोनों भाईयों की भूमिका की जांच शुरु कर दी है। जवाद अपने परिवार के साथ इंदौर के  महू में रहता है और  उसके परिवार पर पहले भी कई आरोप लग चुके है। निेवेश कंपनी के नाम पर परिवार के लोगों ने महू में कई लोगों के साथ ठगी की थी। फिर रातों रात महू से परिवार गायब हो गया था। महू पुलिस अब जवाद के महू निवासी रिश्तेदारों व पुराने संपर्कों की जानकारी जुटा रही है।
 
इंदौर के महू निवासी जवाद सिद्दकी ने सबसे पहले इंजीनियरिंग कालेज खोला था। बाद में उसने यूनिवर्सिटी की नींव रखी थी। जवाद ही यूनिवर्सिटी का कुलाधिपति है और ट्रस्ट का अध्यक्ष भी वहीं है। वहीं जावद का भाई अफाम पहले भी दो मामलों में जेल जा चुका है। जवाद का परिवार लोगों को दोगुना मुनाफा देने का लालच देकर निजी बैंक चलाने लगा था। महू में वर्ष 2001 में अल फलाह इन्वेस्टमेंट कंपनी खोली थी। जब तय दावे के अनुसार पैसा नहीं लौटाया तो महू के पीडि़तों ने निवेश का पैसा लौटाने के दबाव बनाया। इसके बाद जवाद का परिवार महू से चले गया और काॅलेज की नींव रखी। तब जवाद के भाई हमूद पर महू में केस भी दर्ज हुआ था। एडिशनल एसपी रूपेश द्विवेदी ने बताया कि जवाद का परिवार महू के कायस्थ मोहल्ले में रहता था। उसके पिता मोहम्मद हामिद महू के शहरकाजी भी रह चुके है।
 
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