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Last Updated : गुरुवार, 14 अगस्त 2025 (14:02 IST)

सड़कों से भी हटा देंगे तो कहां जाएंगे डॉग, दिल्‍ली से लेकर इंदौर तक प्रदर्शन, SC के आदेश के खिलाफ नाराजगी

Dogs
दिल्‍ली की सड़कों से लाखों कुत्‍तों को शेल्‍टर हाउस में शिफ्ट करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ देशभर में गुस्‍सा और आक्रोश है। आम आदमी से लेकर सेलिब्रेटी तक आदेश के खिलाफ अपना विरोध जता रहे हैं।
दिल्‍ली में लगातार डॉग लवर्स प्रदर्शन कर कोर्ट से अपील कर रहे हैं कि स्‍ट्रीट डॉग्‍स को शेल्‍टर हाउस न भेजा जाए। वहीं गुरुवार को इंदौर में भी प्रदर्शन किया गया। इंदौर के सैकडों डॉग लवर्स ने शहर के रीगल स्‍क्वैयर पर हाथों में तख्‍तियां लेकर कुत्‍तों को बचाने की गुहार लगाई।
वैक्‍सिनेशन में विफल रहे प्रशासन : डॉग के अधिकारों के लिए लडने वाली एक्‍टिविस्‍ट और एनजीओ संचालिका प्रियांशु जैन ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश से कुत्‍तों की समस्‍या हल नहीं होगी, कोर्ट को अन्‍य विकल्‍पों पर विचार करना चाहिए। उन्‍होंने बताया कि डॉग सोसायटी का हिस्‍सा है, उन्‍हें शेल्‍टर हाउस में भेजने से उनका जीवन नर्क हो जाएगा। प्रदर्शन में शामिल डॉग के अधिकारों के लिए आवाज उठाने वाले सुचेंद्र मिश्रा समेत अन्‍य डॉग लवर्स ने बताया कि दरअसल, हकीकत यह है कि प्रशासन कुत्‍तों के वैक्‍सिनेशन में पूरी तरह से विफल रहा है। उनका सही तरीके से वैक्‍सिनेशन हो, और उन्‍हें खाने की व्‍यवस्‍था हो तो कोई भी डॉग इंसानों के बेहतरीन दोस्‍त और कंपेनियन साबित होंगे।
इंसानों पर भरोसा कैसे करे कुत्‍ते : कुणाल सिंह ने बताया कि आए दिन कुत्‍तों के प्रति हिंसा, उनके साथ दुर्व्‍यवहार और दुत्‍कारने की वजह से उन पर मनोवैज्ञानिक असर हुआ है। ऐसे में खाना भी नहीं मिलता है तो वे कई बार हिंसक हो जाते हैं। उन्‍होंने बताया कि 50 लोग उनके साथ दुर्व्‍यवहार करते हैं ऐसे में कुत्‍ते इंसानों पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं। नतीजा यह होता है कि अच्‍छे इरादे से उनके पास जाने वाले को भी वे काट लेते हैं।
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शहरों से हटाना कोई हल नहीं : सरिता मेहता ने बताया कि वे कोर्ट के आदेश से पूरी तरह से असहमत है, कुत्‍तों की समस्‍या से ऐसे नहीं निपटा जा सकता। अगर दिल्‍ली से कुत्‍ते हटा लिए गए तो 3 लाख कुत्‍ते पास के गाजियाबाद से दिल्‍ली में आ जाएंगे और यह सिलसिला चलता रहेगा। उन्‍हें शहरों से हटा देना कोई समाधान नहीं है। कुल मिलाकर दिल्‍ली से लेकर इंदौर, भोपाल, जबलपुर, लखनऊ, बैंगलोर समेत कई राज्‍यों के शहरों में सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर लोगों में गुस्‍सा है और प्रदर्शन किए जा रहे है।

क्‍या है सुप्रीम कोर्ट का आदेश : बता दें कि हाल ही में मुंबई में कबूतरों को खतरा मानते हुए हाईकोर्ट ने उन्‍हें दाना डालने पर एफआईआर दर्ज करने का प्रावधान किया है— जबकि दिल्‍ली में सुप्रीम कोर्ट ने कुत्‍तों को ‘गंभीर समस्‍या’ मानते हुए उन्‍हें राजधानी की सड़कों से साफ करने का निर्देश दिया है। उन्‍हें शेल्‍टर हाउस भेजा जा रहा है, जहां पहले से ही बेहद खराब स्‍थिति है। सोशल मीडिया में एबीसी सेंटर्स यानी एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर की हालत को लेकर लोग वीडियो शेयर कर रहे हैं, जहां पहले ही कुत्‍ते बेहद खराब हालत में नारकीय जीवन जी रहे हैं। ऐसे में अगर लाखों कुत्‍तों को शहरों से बाहर किया गया तो उन्‍हें रहने खाने से लेकर उनकी देखभाल को लेकर कोई व्‍यवस्‍था हो सकेगी, इसकी उम्‍मीद किसी को भी नहीं है। शेल्‍टर हाउस और एबीसी सेंटरों में तो और ज्‍यादा हिंसक, बीमार और बेसहारा हो जाएंगे।
बता दें कि डॉग के अधिकारों के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मेनका गांधी, कपिल देव, जॉन अब्राहिम, भूमि पेडेनकर, जान्‍हवी कपूर, वरुण धवन समेत कई सेलिब्रेटीज और नागरिक सामने आ रहे हैं। इनका कहना है कि कुत्‍तों को शहरों से बेदखल करने की बजाए शहरों में ही उनके लिए कोई वैकल्‍पिक व्‍यवस्‍था तय की जाना चाहिए। कुत्‍तों के अधिकारों के लिए सोशल मीडिया में भी लगातार ट्रेंड चल रहा है।   
रिपोर्ट : नवीन रांगियाल
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