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Last Modified: गाजीपुर (उप्र) , गुरुवार, 28 नवंबर 2024 (18:19 IST)

UP में IPS अधिकारी समेत 18 पुलिसकर्मियों पर FIR, जानिए क्‍या है मामला...

UP में IPS अधिकारी समेत 18 पुलिसकर्मियों पर FIR, जानिए क्‍या है मामला... - FIR against 18 policemen including IPS officer in Uttar Pradesh
Uttar Pradesh News : जिले की एक अदालत के एक आदेश पर भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के एक अधिकारी और 4 पुलिस निरीक्षकों समेत 18 पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। यह मामला बर्खास्त हेड कांस्टेबल अनिल सिंह के अपहरण से जुड़ा है जिसने चंदौली पुलिस विभाग के भीतर भ्रष्टाचार उजागर किया था।
 
सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। यह मामला बर्खास्त हेड कांस्टेबल अनिल सिंह के अपहरण से जुड़ा है जिसने चंदौली पुलिस विभाग के भीतर भ्रष्टाचार उजागर किया था। यह प्राथमिकी बुधवार को यहां स्थित नंदगंज थाने में दर्ज की गई है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, वाराणसी के भुल्लनपुर की शिव शंकर कॉलोनी में रहने वाले बर्खास्त हेड कांस्टेबल अनिल सिंह ने 2022 में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 156(3) के तहत एक आपराधिक शिकायत दर्ज कराई थी।
सिंह का आरोप था कि चंदौली के पुलिस अधीक्षक समेत वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और चंदौली कोतवाली के अन्य पुलिसकर्मी हर महीने जनता से 12.5 लाख रुपए की उगाही कर रहे हैं और वे यह रकम आपस में बांटते हैं। इस दावे की जांच पुलिस उपमहानिरीक्षक (सतर्कता) लव कुमार द्वारा की गई जिसमें आरोप सही पाए गए। इस खुलासे से क्रोधित चंदौली के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने 28 फरवरी 2021 को अनिल सिंह को बर्खास्त कर लिया।
 
सिंह ने यह भी दावा किया कि भ्रष्टाचार उजागर करने वाले कई लोगों की हत्या कर दी गई है। सिंह ने पांच सितंबर 2021 को अपनी शिकायत में यह आरोप भी लगाया कि तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अमित कुमार और ‘स्वाट’ टीम के निरीक्षक राजीव कुमार सिंह, सर्विलांस प्रभारी निरीक्षक अजित कुमार सिंह, थानेदार (एसएचओ) सत्‍येंद्र विक्रम सिंह सहित पुलिस अधिकारियों के एक समूह ने गाजीपुर के बधरा में उनके ससुराल से उनका अपहरण कर लिया।
आरोप है कि ये अधिकारी उनकी हत्या करने के इरादे से बिना नंबर प्लेट वाली कार में सादे कपड़ों में वहां पहुंचे थे। हालांकि सिंह की बेटी खुशबू सिंह ने किसी तरह पुलिस को संपर्क किया और नंदगंज थाने के एसएचओ को इसकी सूचना दी जिससे उनकी जान बच सकी।
 
सिंह का दावा है कि दो दिनों तक अवैध रूप से हिरासत में रहने के बाद उन्हें एक फर्जी मामले में फंसाया गया और सात सितंबर 2021 को चंदौली के बबुरी थाने में एक फर्जी मामला दर्ज किया गया। सिंह ने गाजीपुर में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष सीआरपीसी की धारा 156(3) के तहत आवेदन दाखिल किया और साक्ष्य पर गौर करने के बाद अदालत ने 21 सितंबर 2024 को इन आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश जारी किया। अदालत ने इस मामले की ठीक से जांच करने का भी आदेश दिया।
अदालत के आदेश के दो महीने बाद 27 नवंबर 2024 को गाजीपुर के नंदगंज थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 147 (दंगा), 219 (सरकारी कर्मी द्वारा कानून नहीं मानना), 220 (गलत तरीके से हिरासत में लेना), 364 (अपहरण), 389 (वसूली), 467 (धोखाधड़ी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से फर्जीवाड़ा), 471 (फर्जी दस्तावेजों का उपयोग) और 120बी (आपराधिक षड़यंत्र) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई।
 
इस प्राथमिकी में निरीक्षक राजीव कुमार सिंह, निरीक्षक अजित कुमार सिंह, आईपीएस अधिकारी अमित कुमार और चंदौली एवं अन्य जिलों में तैनात अन्य पुलिसकर्मियों को नामजद किया गया है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour