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Last Modified: तिरुवनंतपुरम , मंगलवार, 15 जुलाई 2025 (20:00 IST)

निमिषा प्रिया के परिजन फांसी टलने से खुश, जिंदा रहने की उम्मीद भी बढ़ी

Nimisha Priya hanging postponed
Nimisha Priya hanging postponed: यमन के अधिकारियों द्वारा केरल की नर्स निमिषा प्रिया की फांसी टालने से उनके परिवार ने राहत की सांस ली है। प्रिया के पति ने सरकार और अन्य संगठनों के सामूहिक प्रयास पर संतोष व्यक्त किया है। उनके पति टॉमी थॉमस ने बताया कि फांसी टाल दी गई है। यह अच्छी खबर है। हम खुश और राहत महसूस कर रहे हैं। मुझे यकीन है कि उसकी फांसी रुकवाने और उसे सुरक्षित वापस लाने के प्रयास जारी रहेंगे।
 
टॉमी ने इस मुहिम में समर्थन के लिए सभी लोगों का धन्यवाद किया। थॉमस ने बताया कि उनकी एक बेटी है, जो 12वीं कक्षा में पढ़ती है और उसे इन सब चीजों से दूर रखा गया है। केरल के पलक्कड़ जिले के कोल्लेंगोडे की रहने वाली प्रिया को जुलाई 2017 में यमन के एक नागरिक की हत्या का दोषी पाया गया था।
 
सना की जेल में कैद है निमिषा : वर्ष 2020 में, यमन की अदालत ने प्रिया को मौत की सजा सुनाई और देश की सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने नवंबर 2023 में उनकी अपील खारिज कर दी। प्रिया (38) वर्तमान में यमन की राजधानी सना की एक जेल में बंद है, जो ईरान समर्थित हूतियों के नियंत्रण में है।
 
सूत्रों ने बताया कि ऐसी जानकारी मिली है कि यमन के स्थानीय अधिकारियों ने 16 जुलाई को होने वाली फांसी की सजा टाल दी है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने हाल के दिनों में प्रिया के परिवार को दूसरे पक्ष के साथ ‘पारस्परिक रूप से स्वीकार्य’ समाधान तक पहुंचने के वास्ते अधिक समय देने के लिए ठोस प्रयास किए हैं। सूत्रों ने बताया कि भारत सरकार शुरू से ही इस मामले में हरसंभव सहायता प्रदान कर रही है। उन्होंने बताया कि मामले की संवेदनशीलता के बावजूद भारतीय अधिकारी स्थानीय जेल अधिकारियों और अभियोजक कार्यालय के साथ नियमित संपर्क में रहे, जिसके कारण सजा स्थगित कराने में सफलता मिली।
 
मां भी यमन गई थी : प्रिया की मां प्रेमकुमारी पिछले साल उसकी रिहाई सुनिश्चित करने के प्रयासों के तहत यमन गई थीं। भारत ने प्रिया की रिहाई के लिए ‘दियात’ या ‘ब्लड मनी’ (एक तरह का मुआवजा) का विकल्प भी तलाशा था। लेकिन पता चला है कि इसमें भी कुछ समस्याएं हैं। सरकार ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया था कि वह हरसंभव कोशिश कर रही है, लेकिन यमन की स्थिति को देखते हुए ज्यादा कुछ नहीं किया जा सकता।
 
सूफी विद्वान कर रहे हैं कोशिश : निमिषा की फांसी रुकवाने के लिए वहां के एक सूफी विद्वान के नेतृत्व में अंतिम प्रयास किए जा रहे हैं। यह प्रयास सुन्नी मुस्लिम नेता कंथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार के कहने पर किए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि प्रमुख विद्वान और सूफी नेता शेख हबीब उमर बिन हाफिज के प्रयासों से ही निमिषा की फांसी टली है। शेख हबीब उमर सूफी संप्रदाय का अनुयायी है और एक अन्य प्रमुख सूफी नेता का पुत्र है, जो बड़ी उम्मीद जगाता है। परिवार को मनाने के प्रयासों के बीच, कंथापुरम मुसलियार ने यमनी अधिकारियों से 16 जुलाई को होने वाली फांसी को अस्थायी रूप से स्थगित करने का भी अनुरोध किया था। 
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 
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