भाषा विवाद के बीच चन्द्रबाबू नायडू का बड़ा बयान, दिया नरसिंह राव का उदाहरण
दक्षिण भारत के कई राज्यों में हिन्दी थोपने को लेकर बहस छिड़ी हुई है। इस बीच आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू का बड़ा बयान सामने आया है। यह बयान ऐसे वक्त आया है जब कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में हिन्दी थोपने के खिलाफ विरोध हो रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव का जीवन और विरासत विषय पर एक व्याख्यान को संबोधित करते हुए नायडू ने उन्हें एक महान राजनेता बताया और याद दिलाया कि उन्हें 17 भाषाओं का ज्ञान था। उन्होंने कहा कि अब हम सब बात कर रहे हैं कि आपको हिन्दी क्यों सीखनी चाहिए? उन्होंने न केवल हिन्दी का ज्ञान लिया बल्कि 17 भाषाएं सीखी। इस तरह वे एक महान व्यक्ति बन गए हैं।
नायडू ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिंह राव एक दूरदर्शी व्यक्ति थे जिन्होंने भारत का भविष्य बदल दिया और उनके द्वारा किए गए सुधारों का आज भी फल मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि 1991 से पहले भारत समाजवादी आर्थिक मॉडल अपनाए हुए था। अर्थव्यवस्था में लाइसेंस राज था, विदेशी निवेश सीमित था... 1991 तक भारत एक बड़े आर्थिक संकट का सामना कर रहा था और 1991 के मध्य तक विदेशी मुद्रा भंडार अपने सबसे निचले स्तर पर जा पहुंचा था।
नायडू ने कहा कि यह साहसिक सुधार लाने और दूरदर्शी नीति अपनाने का समय था। जून 1991 में जब राव प्रधानमंत्री बने, तो उन्होंने माना कि संकट एक अवसर है और भारत को साहसिक आर्थिक सुधारों की आवश्यकता है। उन्होंने ऐतिहासिक आर्थिक सुधारों की शुरुआत की।
मुख्यमंत्री ने कहा, उन्होंने भारत का भविष्य बदल दिया, हम सभी आज यहां इस सुधार के फल का लाभ ले रहे हैं। नायडू ने कहा कि राव द्वारा किए गए सुधारों के बाद, अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान बुनियादी अवसंरचना के निर्माण पर काम किया।
नायडू ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भी सराहना की और भारत की आर्थिक वृद्धि का श्रेय उन्हें दिया। इससे पहले नायडू ने प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय का भी दौरा किया। भाषा Edited by : Sudhir Sharma