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Last Modified: शनिवार, 15 जुलाई 2023 (01:21 IST)

AIUDF प्रमुख बदरुद्दीन बोले- UCC बनेगी मोदी सरकार के पतन का कारण

AIUDF प्रमुख बदरुद्दीन बोले- UCC बनेगी मोदी सरकार के पतन का कारण - Badruddin Ajmal said UCC will lead to downfall of Modi government
AIUDF chief Badruddin Ajmal's claim on UCC : डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने शुक्रवार को दावा किया कि समान नागरिक संहिता (UCC) नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के पतन का कारण बनेगी, क्योंकि इसके समर्थन में बहुत ही कम लोग आएंगे।
 
सांसद ने यह भी दावा किया कि पूर्वोत्तर के अन्य राज्य मिजोरम, मेघालय, नगालैंड और मणिपुर ने पहले ही यूसीसी को अस्वीकार कर दिया है। उन्होंने कहा, सरकार इसे (यूसीसी) कहां लागू करेगी? यह नरेंद्र मोदी सरकार के पतन का कारण बनेगी।

अजमल ने कहा, असम के मुस्लिमों से मेरा अनुरोध है कि वे यूसीसी पर सुझाव एवं टिप्पणी न दें। मुसलमानों के एक अल्लाह, एक आस्था, एक नबी (पैगंबर) और एक कुरान है। उनका कहना है कि उत्तर से लेकर दक्षिण और पश्चिम से पूर्व तक लोगों के बीच यूसीसी को लेकर मतभेद हैं। भारतीय जनता पार्टी कई वर्षों से अपने चुनावी घोषणा पत्र में लैंगिक न्याय के लिए यूसीसी की मांग करती आ रही है।

विधि आयोग ने 14 जून को राजनीतिक रूप से संवेदनशील इस यूसीसी पर सार्वजनिक और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों सहित अन्य हितधारकों से सुझाव मांगकर इस मुद्दे पर एक नई परामर्श प्रक्रिया की शुरुआत की थी।

शिरोमणि अकाली दल ने कहा- समान नागरिक संहिता राष्ट्र हित में नहीं : शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने विधि आयोग द्वारा प्रस्तावित समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर आगे नहीं बढ़ने का आग्रह करते हुए शुक्रवार को कहा कि देशव्यापी अंतर-धार्मिक सहमति के बिना इसे लागू करना संविधान की भावना का उल्लंघन होगा तथा यह लोगों में भय और अविश्वास पैदा करेगा।
 
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने 22वें विधि आयोग के सदस्य सचिव को भेजे एक पत्र में कहा, एकरूपता को एकता के साथ भ्रमित नहीं किया जाना चाहिए। भारत विविधता में एकता का प्रतीक है, एकरूपता में नहीं। केवल एक सच्चा संघीय ढांचा ही हमारी समस्याओं का समाधान कर सकता है और भारत को एक वैश्विक महाशक्ति बना सकता है। 
 
सुखबीर बादल ने केंद्र से यूसीसी के विचार पर आगे नहीं बढ़ने का आग्रह करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर कोई भी निर्णय लेने से पहले सिख समुदाय की भावनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, यह महत्वपूर्ण है क्योंकि संवेदनशील सीमावर्ती राज्य पंजाब में शांति और सांप्रदायिक सद्भाव हमेशा सर्वोच्च राष्ट्रीय प्राथमिकता बनी रहनी चाहिए।
 
शिअद अध्यक्ष ने विधि आयोग को यह भी बताया कि पार्टी ने राज्य और बाहर के विभिन्न हितधारकों के साथ इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया है। उन्होंने कहा, उसके आधार पर हमें जो व्यापक धारणा मिली है, वह यह है कि यूसीसी, यदि लागू होता है तो निश्चित रूप से यह विभिन्न जाति, पंथ और धर्मों के अल्पसंख्यक समुदायों की स्वतंत्रता को प्रभावित करेगा।
Edited By : Chetan Gour (एजेंसियां)
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