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Last Updated :नई दिल्ली , रविवार, 9 जुलाई 2023 (14:37 IST)

मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए सरकार ने डाली UCC की गुगली : सचिन पायलट

मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए सरकार ने डाली UCC की गुगली : सचिन पायलट - Sachin Pilot's statement regarding Uniform Civil Code
Uniform Civil Code : देश में समान नागरिक संहिता (UCC) को लेकर छिड़ी बहस के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने कहा है कि बिना किसी ठोस प्रस्ताव के इस पर बात करना हवा में तीर चलाने जैसा है और सरकार ने जनता से जुड़े मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए यह गुगली डाली है।
 
पायलट ने यह आरोप भी लगाया कि सरकार यूसीसी को लेकर अब तक कोई प्रस्ताव या खाका लेकर सामने नहीं आई है, लेकिन वह इसका राजनीतिक टूल के रूप में इस्तेमाल कर रही है।
 
उन्होंने यूसीसी पर छिड़ी बहस और इस पर कांग्रेस के रुख के बारे में पूछे जाने पर कहा, समान नागरिक संहिता क्या है, क्या कोई विधेयक आया है, क्या कोई प्रस्ताव आया है, क्या कोई खाका तैयार किया गया है, पता ही नहीं है। यूसीसी के नाम पर अलग-अलग लोग, अलग-अलग दल, अलग-अलग धर्मगुरु अपनी राय दे रहे हैं।
 
राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने सवाल किया, सरकार का प्रस्ताव क्या है, संसद की स्थाई समिति क्या बोल रही है, क्या संसद में कोई विधेयक आया है, यूसीसी की परिभाषा क्या है? पायलट ने कहा कि बिना किसी ठोस प्रस्ताव के यूसीसी पर बात करना हवा में तीर चलाने जैसा है।
कांग्रेस नेता ने कहा, इन्होंने (सरकार) एक गुगली डाल दी है, अब इस पर चर्चा करते रहिए, बहस करते रहिए। किसी प्रस्ताव के बारे में किसी को कुछ पता नहीं है। पायलट ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार जानबूझकर ध्यान भटकाने का काम करती है, ताकि महंगाई और जनता से जुड़े अन्य मुद्दों पर पर चर्चा नहीं हो।
उन्होंने कहा, मैं समझता हूं कि अगर किसी वंचित, चाहे वह पुरुष हो या महिला, को अधिकार देना है या मान-सम्मान देना है, संपत्ति का अधिकार देना है, सशक्त बनाना है, तो फिर किसे आपत्ति हो सकती है, लेकिन इसे लेकर कोई खाका ही नहीं है, सिर्फ राजनीतिक टूल का इस्तेमाल किया गया है।
यूसीसी विवाह, तलाक और उत्तराधिकार पर समान कानून लागू करने के लिए है। अमल में आने पर यह देश के सभी नागरिकों पर लागू होगा। धर्म, जाति, समुदाय या स्थानीय परंपराओं के आधार पर कानून में भेदभाव नहीं किया जाएगा। विधि आयोग ने यूसीसी पर लोगों से राय मांगी है।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)
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