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  4. Chief Minister Dr. Mohan Yadav gave tips to the officers in the Collector-Commissioner Conference in Bhopal.
Last Modified: मंगलवार, 7 अक्टूबर 2025 (15:43 IST)

भोपाल में कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में बोले CM डॉ. मोहन यादव, जनता से संवाद के साथ जनप्रतिनिधियों का करें सम्मान, निगेटिव खबरों का करें खंडन

जनता का विश्वास ही हमारी सबसे बड़ी पूंजी, हमें यह विश्वास बनाए रखना है:- मुख्यमंत्री डॉ. यादव

Collector-Commissioner Conference in Bhopal
भोपाल। राजाधनी में मंगलवार से शुरु हुई दो दिवसीय कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अफसरों का जिला और प्रशासन चलाने की सीख दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी फील्ड अधिकारी जनप्रतिनिधियों एवं आम जनता से सतत संवाद अनिवार्य रूप से बनाए रखें। आमजन से मिलने की व्यवस्था और जनसुनवाई को और भी बेहतर बनाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलों में कई बार स्थानीय मीडिया, सोशल मीडिया में नकारात्मक खबरें छपती हैं, इनको वेरीफाई कर इनका तत्काल खंडन किया जाना चाहिए। आज सोशल मीडिया की पहुंच जन-जन तक है। शासन के द्वारा किए जा रहे लोक-कल्याणकारी कार्यों को सोशल मीडिया के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाया जाए।

मुख्यमंत्री ने सभी लोक सेवकों से प्रदेश के समग्र और समावेशी विकास के लिए प्राण-प्रण से कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि शासन की कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से प्रदेश के सर्वांगीण विकास और जनता के कल्याण के लिए शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को एकजुट होकर मिशन मोड में कार्य करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने प्रदेश में जवाबदेह शासन व्यवस्था स्थापित की है। लोक सेवकों का यह दायित्व है कि वे अपनी प्रतिभा, लगन, क्षमता और समर्पण के साथ जनता तक योजनाओं का अधिकतम लाभ पहुंचाएँ।

समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे विकास-मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि शासन का अंतिम उद्देश्य समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास और कल्याण की किरण पहुंचाना है। राज्य सरकार सबके साथ, सबके लिए खड़ी है। जनता में यह विश्वास पैदा करना ही सुशासन का सबसे बड़ा उद्देश्य है। प्रदेश में जनता का विश्वास हमें मिल रहा है। यही हमारी सबसे बड़ी पूंजी है और हमें यह जनविश्वास हर हाल में बनाए रखना है।

योजनाओं का लाभ मिले जनता को- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस में इसी बात पर मंथन किया जाएगा कि शासन व्यवस्था को और अधिक सहज, सरल, बेहतर, पारदर्शी और विकेंद्रीकृत कैसे बनाया जाए, जिससे योजनाओं का लाभ और अधिक शीघ्रता से जनता तक पहुंच सके। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जिलों में तैनात अधिकारी अपने काम और नवाचार से अपनी पहचान कायम करें। किसी भी ज्वलंत विषय पर पूरी दक्षता और तथ्यों के साथ अपनी बात रखें। स्थानीय जनता, मीडिया और जनप्रतिनिधियों से निरंतर आत्मीय संवाद बनाए रखें। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि परमात्मा ने यदि हमें समाज के लिए काम करने का दायित्व दिया है तो हमें एक विनम्र विद्यार्थी की तरह इस दायित्व का निर्वहन करना ही चाहिए। हर दिन, हर तरीके से नई चीजें सीखें और अपनी दक्षता और अनुभव से उनका बेहतर क्रियान्वयन करें, लक्ष्य यह रखें कि नवाचार का समाज को अधिकतम लाभ मिले।

गुड गवर्नेंस से ग्रेट रिजल्ट की ओर हों अग्रसर- मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि लोकतंत्र एवं जनकल्याण में हम सबकी महत्वपूर्ण एवं विशिष्ट भूमिका है। फील्ड में तैनात अधिकारियों की बड़ी जिम्मेदारी है कि जनता को योजनाओं का वास्तविक लाभ मिले। उन्होंने कहा कि गुड गवर्नेंस से हम ग्रेट रिजल्ट प्राप्त कर सकते हैं और हम सभी को इसी दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारा देश तेज़ी से विकसित भारत के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने परफॉर्म, रिफार्म एंड ट्रांसफॉर्म के रूप में जन सेवा का मंत्र दिया है। आप सभी इस मंत्र को आत्मसात करते "विकसित और आत्मनिर्भर भारत" के निर्माण के लिए "विकसित और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश" का निर्माण करें।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कलेक्टर्स ऐसे जनहितैषी कार्य करें, जो आने वाले समय में जिले की जनता को याद रहें। अपने कार्यकाल का एक-एक क्षण जन-कल्याण में लगाएं और प्रदेश को नई ऊंचाईयों में ले जाएं। उन्होंने कहा कि नवाचार ऐसे हों, जो दीर्घकालिक हों। जिस विभाग से संबंधित नवाचार हो, उसकी पूरी कार्ययोजना विभाग से अनुमोदित हो, जिससे वह नवाचार स्थाई हो सके।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में हमारे प्रदेश ने उत्कृष्ट कार्य किया है। दाल, मसाले एवं टमाटर उत्पादन में हम देश में प्रथम स्थान पर हैं। गेहूं, मक्का और मिर्च में दूसरे स्थान पर हैं। दुग्ध उत्पादन में हमारा चौथा स्थान है। अब हम विभिन्न प्रयासों से प्रदेश को दुग्ध कैपिटल बनाने की दिशा में अग्रसर हैं। दुग्ध उत्पादन में हमारा देश में योगदान 9 प्रतिशत से बढ़कर 20 प्रतिशत तक ले जाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। हम किसानों की आय बढ़ाने के लक्ष्य के साथ कार्य कर रहे हैं, इस लक्ष्य का मार्ग सिंचाई ही है। सभी अपने-अपने क्षेत्रों में चल रही सिंचाई परियोजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन पर ध्यान देने के साथ सिंचित रकबा बढ़ाने की दिशा में प्रयास और नवाचार करें।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्य की पूर्ति करते हुए प्रदेश के प्रत्येक बच्चे को उच्च गुणवत्ता रोजगारोन्मुख एवं मूल्य आधारित शिक्षा प्रदान करना एक महत्वपूर्ण कार्य है। हमारा लक्ष्य न केवल शत प्रतिशत साक्षरता है बल्कि शालाओं में नामांकन दर को बढ़ाना भी अति आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता को गुड गवर्नेस लाभ दिलाने के लिए व्यवस्थाओं में सुधार की आवश्यकता है, तो वह भी जरूर करें। जिलों में तैनात सभी अधिकारी लगातार दौरे करें, किसी गांव में रात्रि विश्राम भी करें। फील्ड दौरों में छात्रावास, स्कूल, आंगनबाड़ी, राशन दुकान, निर्माण कार्यों, हॉस्पिटल आदि का औचक निरीक्षण भी करें।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कलेक्टर्स-कमिश्नर से आह्वान करते हुए कहा सिंहस्थ-2028 मध्यप्रदेश की आध्यात्मिक, धार्मिक और सांस्कृतिक सम्पन्नता को दुनिया के सामने लाने का बहुत बड़ा अवसर है। सिंहस्थ में आने वाला हर श्रद्धालु मध्यप्रदेश के वैभव को देखे, इसके लिए हमें अभी से प्रयास करने होंगे। सभी जिलाधिकारी अपने-अपने जिलों में सांस्कृतिक और धार्मिक विरासतों के उद्धार एवं सौंदर्याकरण पर ध्यान दें। यह सुनिश्चित करें कि आपके क्षेत्र के स्थल दुनियाभर के पर्यटकों को आकर्षित करें। जिन जिलों में धार्मिक लोक, राम-वन-गमन पथ, कृष्ण पाथेय का निर्माण होना है, वह सिंहस्थ से पहले पूर्ण हों। दूर-दूर से आए श्रद्धालु उज्जैन के साथ प्रदेश के अन्य स्थलों का भी भ्रमण करेंगे। इस दौरान वे प्रदेश की अविस्मरणीय छवि अपने साथ लेकर जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह अवसर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करेगा। स्थानीय स्तर पर रोजगार एवं आय के ऐतिहासिक स्त्रोत बनेंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कांन्फ्रेंस के ये दो दिन अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। यह दो दिन प्रदेश की 8 करोड़ से अधिक जनता एवं प्रदेश के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विश्वास जताया कि शासन ने जो लक्ष्य निर्धारित किए हैं, वह फील्ड अधिकारियों की मेहनत एवं प्रतिबद्धता से हम अवश्य प्राप्त करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हम सब मिलकर संकल्प लें कि आने वाले समय में अपने प्रदेश को सुशासन, विकास एवं आम जनता की संतुष्टि के विषय में अग्रणी राज्य बनायेंगे।

 
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