Maithili Thakur : क्या सियासत की अग्नि परीक्षा में सफल हो पाएंगी मैथिली ठाकुर, अलीनगर की सीट कितनी आसान, क्या कहता है समीकरण
लोक गायिका मैथिली ठाकुर को अलीनगर से टिकट दिया है। मैथिली ठाकुर ने एक दिन पहले 14 अक्टूबर को ही भाजपा में शामिल हुई थीं। 25 जुलाई 2000 को बिहार के मधुबनी में जन्मी मैथिली ठाकुर के पिता रमेश ठाकुर एक म्यूजिक टीचर हैं। वे सोशल मीडिया पर काफी लोकप्रिय हैं। इंस्टाग्राम पर उन्हें 6.3 मिलियन लोग फॉलो करते हैं। मैथिली के गाए गए वीडियो पर लाखों व्यूज आते हैं। पिछले साल हुए नेशनल क्रिएटर अवॉर्ड में उन्हें भी पीएम मोदी के हाथों सम्मानित किया गया था। इस दौरान मैथिली ठाकुर ने उनके साथ सेल्फी लेते हुए वीडियो भी शेयर किया था। क्या मैथिली संगीत के सुरों की तरह आम जनता की नब्ज को समझ पाएंगी।
मैथिली बेनीपट्टी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहती थीं लेकिन भाजपा ने यहां विनोद नारायण झा को टिकट दे दिया। मैथिली ने एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा था कि मैं अपने गांव के क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती हैं। वहां से एक अलग जुड़ाव है। वहां से शुरुआत होती है तो सीखने को मिलेगा। लोगों से मिलना-जुलना, लोगों की बातें सुनना, मुझे ज्यादा समझ में आएगा। मैथिली ठाकुर मशहूर लोक गायिका हैं।
कितनी पढ़ी-लिखी हैं मैथिली ठाकुर
मैथिली ने अपने पिता और दादा दोनों से संगीत की शिक्षा प्राप्त की। छोटी उम्र से ही उन्होंने शास्त्रीय और मैथिली लोक संगीत का प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया था। वर्षों की शिक्षा के बाद उन्होंने खुद को एक मशहूर लोक गायिका के रूप में स्थापित किया। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई गांव में की। कुछ वर्ष बाद परिवार दिल्ली शिफ्ट हो गया और मैथिली ने वहां बाल भवन इंटरनेशनल स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के आत्माराम सनातन धर्म कॉलेज से ग्रेजुएशन किया।
मैथिली ठाकुर के पास कितनी संपत्ति
मीडिया खबरों के मुताबित उनकी अनुमानित कुल संपत्ति लगभग 7 से 10 करोड़ रुपये बताई जाती है। रिपोर्ट्स के अनुसार एक कार्यक्रम या शो के लिए मैथिली 5-7 लाख रुपये तक फीस लेती हैं। सोशल मीडिया पर उनकी पहुंच लाखों में है। यूट्यूब चैनल पर करोड़ों व्यूज़, और इंस्टाग्राम पर लाखों फॉलोअर्स हैं। उनकी कमाई का मुख्य स्रोत लाइव शो, यूट्यूब रेवेन्यू, और सांस्कृतिक कार्यक्रम हैं।
मिल चुके हैं कई अवॉर्ड्स
रियलिटी शो सारेगामापा लिटिल चैंप्स और इंडियन आइडल जूनियर में उनकी आवाज को ठुकरा दिया गया था। इसके बाद उन्होंने 2017 में द राइजिंग स्टार शो में फर्स्ट रनर-अप का खिताब जीता था। इस दौरान मैथिली 11वीं कक्षा में पढ़ रही थीं। मैथिली ठाकुर को उनके संगीत और योगदान के लिए कई अवॉर्ड मिल चुके हैं। 2024 में बिहार सरकार ने उन्हें राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड का ब्रांड एंबेसडर बनाया। इससे पहले उन्हें संगीत नाटक अकादमी का उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार भी मिल चुका है। यह पुरस्कार किसी भी युवा कलाकार के लिए बेहद सम्मान की बात माना जाता है।
क्या कहता है अलीनगर का समीकरण
2008 में परिसीमन के बाद गठित हुई अलीनगर विधानसभा सीट से ही मैथिली का बचपन का नाता है। 2011 की जनगणना के अनुसार अलीनगर विधानसभा में 12.37 प्रतिशत आबादी मतदाता अनुसूचित जाति की है। इसके अतिरिक्त इस सीट पर 58 हजार 419 मुस्लिम मतदाता हैं। अलीनगर सीट से पिछली बार वाईपी के टिकट पर मिश्री लाल यादव जीते थे। बाद में वे भाजपा में शामिल हो गए थे। 2024 के फ्लोर टेस्ट के दौरान राजद का साथ देने के आरोप में पार्टी ने इनसे किनारा कर लिया था।
2 बार रहा RJD का कब्जा
अलीनगर विधानसभा सीट पर अब तक 2010, 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव हुए हैं। इन तीन चुनावों में दो बार आरजेडी के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने आरजेडी के टिकट पर 2010 और 2015 में दो बार जीत दर्ज की है। हालांकि उसके बाद से अब्दुल बारी सिद्दीकी बिहार विधान परिषद के सदस्य बन गए और चुनावी राजनीति से दूर हो गए हैं। Edited by : Sudhir Sharma