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Written By WD Feature Desk
Last Updated : मंगलवार, 14 अक्टूबर 2025 (18:08 IST)

Bihar election 2025: कौन हैं मैथिली ठाकुर? बिहार चुनाव से पहले ली BJP में एंट्री

bihar election 2025
Maithili Thakur To Join BJP: लोक गायिका मैथिली ठाकुर भाजपा में शामिल हो गई हैं। पटना के होटल चाणक्य स्थित भाजपा मीडिया सेंटर में मिलन समारोह में मैथिली को पार्टी की सदस्यता दिलाई गई।मीडिया खबरों के मुताबिक मैथिली दरभंगा की अलीनगर सीट से चुनाव लड़ सकती हैं। हालांकि मैथिली ठाकुर ने अपने गांव से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी। हालांकि भाजपा ने मधुबनी की बेनीपटृी विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक विनोद नारायण झा पर फिर से विश्वास जताया। 

मैथिली ठाकुर आज किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। अपनी मधुर आवाज और भारतीय लोकगीतों के प्रति अपने गहरे समर्पण के कारण, यह बिहार की मशहूर लोकगायिका देश-विदेश में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुकी हैं। आइये जानिए उनके बारे में विस्तार से : 

मैथिली ठाकुर का परिचय: मैथिली ठाकुर का जन्म 25 जुलाई 2000 को बिहार के मधुबनी जिले के बेनीपट्टी इलाके में हुआ था। उन्हें बचपन से ही गीत-संगीत का माहौल मिला, जिसने उनमें लोकगीतों के प्रति गहरी रुचि जगाई।

पारिवारिक पृष्ठभूमि: मैथिली के पिता, रमेश ठाकुर, स्वयं एक संगीतज्ञ हैं, और उनकी माता, पूजा ठाकुर, एक गृहणी हैं। मैथिली को उनके पिता और दादाजी से भारतीय शास्त्रीय संगीत के साथ-साथ लोक गीतों को सुरों में बाँधकर गाने की विस्तृत ट्रेनिंग मिली। उनके बड़े भाई का नाम ऋषभ ठाकुर है, और छोटे भाई का नाम अयाची ठाकुर है। ये दोनों भाई अक्सर मैथिली के साथ संगत करते हैं।

कैसे हुई शुरुआत: मैथिली को देशव्यापी पहचान 2017 में मिली, जब वह एक राष्ट्रीय रियलिटी शो "राइजिंग स्टार" की फाइनलिस्ट बनी थीं। हालांकि वह खिताब नहीं जीत पाईं, लेकिन उनकी प्रतिभा ने लाखों लोगों का दिल जीत लिया।

ब्रांड एंबेसडर से 'स्टेट आइकॉन' तक का सफर
मैथिली ठाकुर की लोकप्रियता केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं रही है। बिहार की संस्कृति और जागरूकता अभियानों में उनका योगदान उल्लेखनीय रहा है।
खादी और पर्यटन: 2022 में, उन्हें बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड ने ब्रांड एंबेसडर बनाया था। इसके अलावा, वह बिहार पर्यटन विभाग की भी ब्रांड एंबेसडर हैं। खादी और हैंडीक्राफ्ट उत्पादों का प्रचार-प्रसार करके उन्होंने स्थानीय कारीगरों को एक नई पहचान दी है।
चुनाव आयोग की आइकॉन: उनकी व्यापक लोकप्रियता को देखते हुए, 2023 में भारत निर्वाचन आयोग  ने उन्हें बिहार का 'स्टेट आइकॉन' नियुक्त किया था। इस भूमिका में उन्होंने मतदाता जागरूकता अभियानों में सक्रिय रूप से भाग लिया, खासकर युवाओं को मतदान के लिए प्रेरित किया।

सोशल मीडिया पर लाखों हैं फॉलोवर्स: मैथिली ठाकुर की सफलता का एक बड़ा हिस्सा सोशल मीडिया पर उनकी मजबूत उपस्थिति है। विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर उनके लाखों फॉलोवर्स हैं। उनके वीडियो, जिनमें वह मैथिली, भोजपुरी, और हिंदी में पारंपरिक भजन और लोकगीत गाती हैं, करोड़ों बार देखे जाते हैं। यह युवा वर्ग में उनकी जबरदस्त पहुंच को दर्शाता है।

बिहार विधानसभा चुनाव में मैथिली: हाल ही में, मैथिली ठाकुर ने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से मुलाकात की थी, जिसके बाद उनके विधानसभा चुनाव लड़ने की चर्चाएं तेज हो गईं थी। मैथिली ने कहा था कि काम की वजह से वे दिल्ली में रहती हैं लेकिन बिहार से उनका जुडाव हमेशा रहता है। यह माना जा रहा है कि उनकी लोकप्रियता बीजेपी के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है। ये देखना दिचास्प होगा कि भाजपा उनकी छवि को चुनाव में कैसे भुनाती है।