EV, बैटरी सब्सिडी से क्यों चिढ़ा चीन, भारत की WTO में की शिकायत, जानिए क्या है पूरा मामला
चीन ने भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) और बैटरी पर दी जा रही सब्सिडी को लेकर विश्व व्यापार संगठन (WTO) में शिकायत दर्ज कराई है। वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने बुधवार को कहा कि मंत्रालय डब्ल्यूटीओ के समक्ष चीन द्वारा रखी गई विस्तृत प्रस्तुतियों का अध्ययन करेगा।
क्या लगाया आरोप
चीन ने विश्व व्यापार संगठन में औपचारिक शिकायत दर्ज कर भारत पर आरोप लगाया है कि उसकी नई और बैटरी सब्सिडी योजनाओं घरेलू उद्योगों को अनुचित प्रतिस्पर्धात्मक लाभ देती हैं और चीन के व्यापारिक हितों को नुकसान पहुंचा रही हैं। चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि भारत को अपने गलत कदमों को तुरंत सुधारना चाहिए, अन्यथा चीन अपनी घरेलू कंपनियों के वैध अधिकारियों और हितों की रक्षा के लिए कड़े कदम उठाएगा।
एक पूर्व रिपोर्ट के अनुसार, बाज़ार अनुसंधान फर्म रो मोशन के आंकड़ों के अनुसार, वैश्विक ईवी बिक्री में चीन का लगभग दो-तिहाई हिस्सा है, जो लगभग 13 लाख इकाइयों का योगदान देता है।
चीन की विश्व व्यापार संगठन में यह शिकायत मीडिया में आई उन खबरों के बीच आई है जिनमें कहा गया है कि भारत राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज भंडार (एनसीएमएस) कार्यक्रम शुरू कर सकता है, जिसका उद्देश्य देश में दुर्लभ मृदा तत्वों की उपलब्धता सुनिश्चित करना है।
द इकोनॉमिक टाइम्स की एक खबर के मुताबिक भारत सरकार राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज भंडार (एनसीएमएस) कार्यक्रम शुरू करने वाली है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश में दुर्लभ मृदा तत्वों की उपलब्धता सुनिश्चित करना और घरेलू दुर्लभ मृदा खनिज उत्पादन के विस्तार को बढ़ावा देना है।
ये दुर्लभ मृदा खनिज इलेक्ट्रिक वाहनों, पवन टर्बाइनों और अन्य हरित ऊर्जा प्रौद्योगिकी विकास के लिए आवश्यक हैं। चीन द्वारा इन तत्वों के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के निर्णय के बाद यह कदम भारत के पक्ष में साबित हो सकता है। Edited by : Sudhir Sharma