पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था। भारतीय सेना के सैन्य अभियान महानिदेशक (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) की सफलता और पाकिस्तान के अंदर हुए सटीक हमलों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की पूरी कहानी बताई है। पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान एवं उसके नियंत्रण वाले इलाकों (पीओके) में आतंकी ढांचे को निशाना बनाया गया था। इन हमलों के बाद 4 दिनों तक भीषण संघर्ष हुआ, जो 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति के साथ समाप्त हुई।
100 से ज्यादा पाकिस्तानी सैनिक मारे गए
उन्होंने बताया कि किस तरह आतंक के ठिकानों को तबाह किया गया। घई ने बताया कि 7 मई की सुबह तड़के भारतीय वायुसेना (IAF) ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर जबरदस्त कार्रवाई की। लेफ्टिनेंट जनरल घई ने कुछ दिन पहले वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह के इस विवरण को दोहराया कि मई में हुए संघर्ष के दौरान पाकिस्तान ने कम से कम 12 विमान खो दिए थे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना द्वारा दिए गए मरणोपरांत पुरस्कारों की सूची का हवाला देते हुए मंगलवार को कहा कि समझा जा रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पड़ोसी देश के 100 से अधिक सैनिक मारे गए।
आतंकियों को ढूंढकर किया ढेर
लेफ्टिनेंट जनरल घई ने जून में पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले तीन आतंकवादियों को मार गिराए जाने का भी ज़िक्र किया और कहा कि सेना पाताल लोक से ढूंढ निकालने के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ थी और हमने ऐसा ही किया। उन्होंने कहा, हमें 96 दिन लगे, लेकिन हमने उन्हें चैन से नहीं बैठने दिया। उन्होंने कहा कि जब इन तीनों आतंकवादियों को ढूंढकर मार गिराया गया, तो ऐसा लग रहा था जैसे वे भागते-भागते थक गए हों और वे बहुत कुपोषित भी लग रहे थे।
जल, जमीन और वायु तीनों में पाकिस्तान का घेराव
लेफ्टिनेंट जनरल घई ने कहा, आतंकवाद के विरुद्ध हमारी रणनीति में सैद्धांतिक बदलाव आया है।घई ने कहा कि भारतीय नौसेना भी कार्रवाई में थी। नौसेना अरब सागर में पहुंच चुकी थी और जब डीजीएमओ ने बात की, तो वे पूरी तरह से तैयार थे। अगर दुश्मन ने इसे और आगे बढ़ाने का फैसला किया होता, तो यह उनके लिए विनाशकारी हो सकता था, और न केवल समुद्र से, बल्कि अन्य आयामों से भी।
पाकिस्तान ने शुरू की सीमा से गोलीबारी
सैन्य अभियान महानिदेशक कहा कि पाकिस्तानियों ने संभवतः अनजाने में पिछले महीने 14 अगस्त को पुरस्कारों की सूची जारी कर दी थी और मरणोपरांत दिए गए पुरस्कारों की संख्या से हमें अब पता चलता है कि नियंत्रण रेखा पर उनके (सुरक्षाबलों के) हताहतों की संख्या भी 100 से अधिक थी। सैन्य अधिकारी ने कहा, हमने आतंकवादियों के ठिकानों पर हमले किए और एक बार जब यह काम पूरा हो गया, तो हमारा इरादा इसे आगे बढ़ाने का नहीं था, जब तक कि हमें ऐसा करने के लिए मजबूर न किया जाए। उन्होंने कहा कि आतंकी ठिकानों पर हमला होते ही पाकिस्तान ने तुरंत सीमा पार से गोलीबारी शुरू कर दी।
नाकाम रहे पाकिस्तान के ड्रोन हमले
उन्होंने कहा कि कहा कि भारत के खिलाफ पाकिस्तान के ड्रोन हमले बेहद नाकाम रहे। उन्होंने कहा कि दोनों देश के डीजीएमओ के बीच वार्ता के बाद भी पाकिस्तान ने ड्रोन भेजे। उन्होंने कहा हमारे जवानों और सैन्य सामग्रियों को नुकसान पहुंचाने के प्रयास में विभिन्न प्रकार के ड्रोन का इस्तेमाल किया गया, लेकिन सब कुछ बुरी तरह नाकाम रहा। उन्होंने कहा कि इन हमलों के कारण 9 और 10 मई की रात को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी ठिकानों पर सटीक हमले किए। उन्होंने कहा, हमने उनके 11 हवाई ठिकानों पर हमले किये। अगर आप ध्यान दें, तो आठ हवाई अड्डे, तीन हैंगर और चार रडार क्षतिग्रस्त हो गए। उन्होंने कहा, जमीन पर भी पाकिस्तानी हवाई संपत्तियां नष्ट हो गईं।
लेफ्टिनेंट जनरल घई ने कहा कि जमीन पर हुए नुकसान में एक सी-130 श्रेणी का विमान, एक एईडब्ल्यू एंड सी (एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल), चार से पांच लड़ाकू विमान शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को हवा में भी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि जिस बेखौफ अंदाज़ में ये हमले किए गए, वही सबसे अहम है।
पाकिस्तान के लिए विनाशकारी होगा आगे का संघर्ष
उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय नौसेना अपनी भूमिका निभाने के लिए पूरी तरह तैयार थी और अगर पाकिस्तान ने आगे संघर्ष जारी रखने का फैसला किया होता, तो यह न केवल समुद्र से, बल्कि अन्य माध्यमों से भी उसके लिए विनाशकारी हो सकता था। उन्होंने 7 से 10 मई के बीच चले संघर्ष के बारे में कहा कि सात मई को भारत द्वारा नौ आतंकी ठिकानों पर बमबारी के तुरंत बाद पाकिस्तान ने सीमा पार से गोलीबारी शुरू कर दी थी।
घई ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री ने इस बारे में बात की है और तीन बातें कही हैं- पहला, आतंकवादी हमले को युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा, इसलिए निर्णायक जवाबी कार्रवाई होगी। दूसरा, हम परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेंगे और तीसरा, आतंकवादियों और आतंकवाद के प्रायोजकों के बीच कोई अंतर नहीं है। इनपुट एजेंसियां Edited by : Sudhir Sharma