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Last Modified: मंगलवार, 9 सितम्बर 2025 (14:27 IST)

केपी शर्मा ओली का प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा, नेपाल में बड़ा राजनीतिक संकट

KP Sharma Oli resignation
Nepal PM KP Sharma Oli resignation: भारत के पड़ोसी देश नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (खड्ग प्रसाद शर्मा) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के आवास पर कब्जा जमा लिया है। पीएम आवास संसद में प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी। प्रदर्शनकारियों ने वित्त मंत्री को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा है। प्रधानमंत्री ओली दुबई भागने की फिराक में हैं। फिलहाल नेपाल बड़े राजनीतिक संकट के दौर से गुजर रहा है।  
 
त्रिभुवन हवाई अड्‍डे पर उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। आरएसपी के 21 सांसदों ने इस्तीफा दे दिया है। कुल मिलाकर नेपाल में हालात पूरी तरह काबू से बाहर हो गए हैं। 72 वर्षीय ओली वर्तमान हालातों में अपनी सत्ता नहीं बचा पाए। आइए जानते हैं कौन हैं केपी शर्मा ओली और कैसा है उनका राजनीतिक करियर.... 
 
नेपाल के वर्तमान प्रधानमंत्री खड्ग प्रसाद शर्मा ओली, जिन्हें आमतौर पर केपी शर्मा ओली के नाम से जाना जाता है, नेपाल की राजनीति के एक प्रमुख और प्रभावशाली व्यक्ति हैं। उनका जन्म 22 फरवरी 1952 को नेपाल के तेरहथुम जिले में हुआ था। ओली ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत कम उम्र में ही कर दी थी और वे धीरे-धीरे नेपाल की कम्युनिस्ट राजनीति में एक महत्वपूर्ण नेता बन गए।
 
राजनीतिक यात्रा का आरंभ : ओली की राजनीतिक यात्रा की शुरुआत छात्र आंदोलन के माध्यम से हुई। उन्होंने 1966 में नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की युवा शाखा में शामिल होकर राजनीति में कदम रखा। उन्होंने पंचायती राज व्यवस्था के खिलाफ कई आंदोलनों में भाग लिया, जिसके कारण उन्हें कई बार जेल जाना पड़ा। 1973 से 1987 तक उन्होंने 14 साल जेल में बिताए। जेल से रिहा होने के बाद वे नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी के भीतर तेजी से आगे बढ़े और पार्टी के प्रमुख नेताओं में से एक बन गए।
 
प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल : केपी शर्मा ओली 2015 में पहली बार नेपाल के प्रधानमंत्री बने। उस समय नेपाल में विनाशकारी भूकंप के बाद पुनर्निर्माण का काम चल रहा था। उनका दूसरा कार्यकाल 2018 में शुरू हुआ, जब उनकी पार्टी, नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी), और सीपीएन (माओवादी सेंटर) के बीच गठबंधन के बाद उन्हें प्रधानमंत्री बनाया गया। इस कार्यकाल में, उन्होंने नेपाल में राजनीतिक स्थिरता लाने और विकास परियोजनाओं को बढ़ावा देने का प्रयास किया।

हालांकि, उन्हें अपनी ही पार्टी के भीतर आंतरिक कलह का सामना करना पड़ा, जिसके कारण 2021 में उन्हें पद छोड़ना पड़ा। 15 जुलाई 2024 को, ओली ने चौथी बार नेपाल के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। यह उनकी राजनीतिक वापसी का एक महत्वपूर्ण क्षण था, लेकिन सितंबर 2025 में जेन-जेड आंदोलन के बाद उन्हें एक बार फिर अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी। 
 
विवादित व्यक्तित्व : केपी शर्मा ओली अपनी राष्ट्रवादी और कभी-कभी विवादास्पद नीतियों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने भारत और नेपाल के बीच के संबंधों को लेकर मुखर रुख अपनाया है। उन्हें चीन का करीबी माना जाता है। भारत के साथ कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख को लेकर विवाद रहा। उनके समर्थक उन्हें एक मजबूत और निर्णायक नेता मानते हैं, जो देश के हितों की रक्षा कर सकता है, जबकि आलोचक उन पर निरंकुशता और सत्तावादी प्रवृत्तियों का आरोप लगाते हैं।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 
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