अगर खुफिया रिपोर्टों पर विश्वास करें तो पाकिस्तानी सेना एलओसी पर बैट हमलों में तेजी ला सकती है। इसकी खातिर उसने अपने कमांडों एलओसी के पार के कई सेक्टरों में तैनात किए हैं और उनका साथ देने को 300-400 आतंकियों को भी लगा दिया है। इसकी पुष्टि सेनाधिकारी कर रहे हैं। पाक सेना के इन्हीं इरादों को ध्यान में रखते हुए भारतीय सेना ने एलओसी पर स्थित अपनी कई सीमा चौकियों पर अपने कमांडों की तैनाती की है।
यह तैनाती उन सूचनाओं के बाद की गई है जिसमें कहा गया है कि पाक सेना एलओसी पर बैट के जरिए कमांडों कार्रवाईयों को अंजाम देना चाहती है। इसके साथ-साथ वह सीजफायर के उल्लंघन को भी बढ़ाकर घुसपैठ को तेज कर सकती है।
पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम के उल्लंघन में हुई हालिया बढ़ोतरी के कारण जम्मू कश्मीर में एलओसी से सटे इलाकों में बढ़े तनाव के बीच सेना ने आज बताया कि उन्हें प्राप्त सूचना के मुताबिक, पाकिस्तान एलओसी पर और अधिक कमांडो हमले की कोशिश कर रहा है।
बैट अर्थात बार्डर रेडर्स के नाम से जाने जाने वाले यह कमांडो पाकिस्तान के विशेष बलों के कर्मियों और आतंकियों का एक मिलाजुला स्वरूप है। पिछले कुछ सालों में पाक बार्डर रेडर्स भारत के कई सैनिकों की नृशंस हत्या कर चुका है। कइयों के वह सिर भी काटकर ले जा चुका है।
वैसे एलओसी पर बार्डर रेडर्स के हमले कोई नए नहीं हैं। इन हमलों के पीछे का मकसद हमेशा ही भातीय सीमा चौकियों पर कब्जा जमाना रहा है। पाकिस्तानी सेना की कोशिश कोई नई नहीं है। करगिल युद्ध की समाप्ति के बाद हार से बौखलाई पाकिस्तानी सेना ने बार्डर रेडर्स टीम का गठन कर एलओसी पर ऐसी बीसियों कमांडों कार्रवाइयां करके भारतीय सेना को जबरदस्त क्षति सहन करने को मजबूर किया है।
पिछले 22 सालों में कितनी बार पाक सेना के बार्डर रेडर्स ने भारतीय सीमा चौकियों पर हमले किए, जिसका कोई आधिकारिक आंकड़ा मौजूद नहीं है। बैट के हमले ज्यादातर एलओसी के इलाकों में ही हुए थे। इंटरनेशनल बार्डर पर पाक सेना ऐसी हिम्मत नहीं दिखा पाई थी।
जबकि राजौरी और पुंछ के इलाके ही बार्डर रेडर्स के हमलों से सबसे अधिक त्रस्त इसलिए भी रहे थे क्योंकि एलओसी से सटे इन दोनों जिलों में कई फारवर्ड पोस्टों तक पहुंच पाना दिन के उजाले में संभव इसलिए नहीं होता था क्योंकि पाक सेना की बंदूकें आग बरसाती रहती थीं।
कौन है पाकिस्तान की खूनी टुकड़ी बैट
- बैट अर्थात बार्डर एक्शन टीम कह लीजिए या फिर बार्डर रेडर्स, एलओसी पर छापामार युद्ध में माहिर है।
- ये पाकिस्तानी सेना की स्पेशल सर्विस ग्रुप के साथ काम करती है।
-पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई इसे सूचनाएं मुहैया करवाती है।
- बैट एलओसी या सीमा पर दुश्मन के इलाके में एक से तीन किमी अंदर जाकर हमले करती है।
- चार हफ्ते हवाई युद्ध के साथ ही इनकी कुल ट्रेनिंग करीब 8 महीनों की होती है।
- इस टीम का मकसद सीमा पार जाकर छोटे-छोटे हमलों को अंजाम देकर दुश्मन में दहशत फैलाना है। हमलों के दौरान बैट इनाम के तौर पर दुश्मन के सिपाहियों का सिर काटकर अपने साथ ले जाती है।
Edited By : Chetan Gour