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Last Updated : बुधवार, 6 नवंबर 2024 (17:00 IST)

जो बाइडेन की थकान से लेकर महंगाई तक, क्‍या हैं Donald Trump की जीत के 6 सबसे बड़े कारण?

Donald Trump
डोनाल्‍ड ट्रंप अमेरिका का राष्‍ट्रपति चुनाव लगभग जीत चुके हैं। चुनाव जीतने के बाद डोनाल्‍ड ट्रंप ने अमेरिका को संबोधित किया। उन्‍होंने कहा कि यह अविश्‍सनीय जीत है। हमने असंभव को संभव कर दिखाया। यह हर अमेरिकी की जीत है।

बता दें कि अमेरिका के चुनावी इतिहास में 130 साल में यह पहली बार हुआ है कि पूर्व राष्ट्रपति जो पिछला चुनाव हार गया हो फिर से राष्ट्रपति बनने जा रहा हो। बता दें कि इस जीत में महंगाई से लेकर अवैध घुसपैठ, जो बाइडेन की थकान और बाइडेन की आर्थिक और विदेश नीतियां अहम मुद्दे बने। एक अहम मुद्दा डोनाल्‍ड ट्रंप पर हुए हमले को भी देखा जा सकता है। प्रचार के दौरान उन पर दो बार जानलेवा हमले हुए, जिससे उनके प्रति सहानुभूति का माहौल बना। यह भी कहा जा रहा है कि ट्रंप को एलन मस्‍क का साथ भी फायदेमंद रहा। जानते हैं आखिर इस जीत के पीछे सबसे बड़े 6 कारण क्‍या हैं।

जो बाइडेन की उम्र और थकान : अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव में राष्ट्रपति जो बाइडेन पहले खुद ही रेस में आए थे। पार्टी की ओर से उन्हीं के नाम के साथ चुनाव में जाना तय हुआ। लेकिन करीब आधे चुनावी प्रचार के दौरान पार्टी को यह समझ में आ गया कि जो बाइडेन की उम्र उनके कामों असर डाल रही है। वे थक से गए हैं। वे पहली प्रेजिडेंशियल डिबेट में आक्रामक दिख रहे डोनाल्ड ट्रंप के सामने काफी फीके दिखाई दिए। इसके बाद उन्हें पार्टी के भीतर विरोध का सामना करना पड़ा। पार्टी में लगातार विरोध और पार्टी के लिए फंड की कमी बने रहने के बाद उन्हें अंतत: पीछे हटना पड़ा।

कमला हैरिस की लेटलतीफी : जो बाइडेन के पीछे हटने के बाद कमला हैरिस को पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया। जो बाइडेन ने ही उनके नाम को आगे बढ़ाया था। कमला हैरिस ने अपनी ओर से भरपूर कोशिश की और उनके आने के बाद से चुनावी सर्वेक्षणों में उनका असर भी काफी दिखने लगा था। जो सर्वेक्षण पहले डोनाल्ड ट्रंप की ओर झुके हुए दिख रहे थे वे बदलने लगे और मुकाबला काफी कड़ा हुआ। सभी पोल्स में दोनों ही नेताओं में कड़े मुकाबले की बात होने लगी। इतना ही नहीं कमला हैरिस को जीत भी दिलाते हुए कई सर्वेक्षणों के परिणाम भी आए। लेकिन जुलाई में राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने के बाद कमला हैरिस के लिए यह बहुत ही बड़ा काम था कि सभी राज्यों में जाकर लोगों को यह बताया और समझाया जा सके कि वे कैसे एक बेहतर राष्ट्रपति साबित होंगी। वे इस काम में बहुत देरी कर गईं। कई रैलियों में उन्हें यहां तक  कहना पड़ा कि अभी भी कई लोगों को मेरे बारे में ज्यादा कुछ पता भी नहीं होगा।

विदेश नीति : इस जीत में विदेश नीति के मुद्दे ने भी काफी योगदान दिया है। चुनाव प्रचार के दौरान पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रिपब्लिकन उम्मीदवार ने डेमोक्रैट्स की वर्तमान सरकार यानी जो बाइडेन की सरकार पर विदेश नीति में सही पॉलिसी न अपनाने का आरोप लगाया। कमला हैरिस इस सरकार में उपराष्ट्रपति थीं। ऐसे में जब भी ट्रंप ने रैली में सवाल उठाया तो कमला हैरिस इसमें फंसती नजर आईं। कमला हैरिस को चुनाव प्रचार के अंतिम दौर में यह कहना पड़ा कि वे बाइडेन प्रशासन से अलग नीति पर काम करेंगे। वे अपनी सरकार की अलग नीति बनाएंगी। ट्रंप ने बाइडेन सरकार पर जबरन विदेशों खर्चों को उठाने का आरोप लगाया और कहा कि इससे देश की आर्थिक स्थिति पर दबाव बना है। उन्होंने उदाहरण में यूक्रेन का मुद्दा भी उठाया है।

अर्थव्यवस्था : अमेरिका की अर्थव्यवस्था इस चुनाव में अहम मुद्दा बना। दरअसल, जो बाइडेन के कार्यकाल में अर्थव्यवस्था में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। 2020 में ट्रंप के जाने के बाद और  जो बाइडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद से देश को कोरोना महामारी का सामना करना पड़ा। वैसे इस महामारी ने दुनिया को पूरी तरह से प्रभावित किया था। और इस दौरान अमेरिका में भी उच्च स्वास्थ्य व्यवस्था के बावजूद 3.5 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। इस दौरान भी लोगों का बाइडेन पर गुस्सा फूटा था। साथ ही इस दौरान जिस प्रकार अर्थव्यवस्था गिरी थी उसे उठने में समय लगा। यह अलग बात है कि अमेरिका अर्थव्यवस्था में ज्यादा नुकसान नहीं हुआ था और आज भी अमेरिकी अर्थव्यवस्था दुनिया की नंबर वन अर्थव्यवस्था है। ट्रंप ने अपने भाषणों में अर्थव्यवस्था का मुद्दा जमकर उठाया और बताया कि कैसे उनके कार्यकाल में अर्थव्यवस्था दुनिया में किस प्रकार मजबूत स्थिति में थी।

महंगाई : अमेरिका में लोगों को बाइडेन के कार्यकाल में महंगाई ने सबसे ज्‍यादा परेशान किया। खाद्य उत्पादों के दाम में वृद्धि से लोग परेशान हुए। आंकड़े बताते हैं सितंबर में फरवरी 2021 से महंगाई इस वर्ष कम रही, लेकिन बाइडेन के कार्यकाल के दौरान आंकड़ा ऊपर ही बना रहा था। खास बात यह है कि खाद्य महंगाई को छोड़कर बाकी मामलों में अर्थव्यवस्था में कोई खास समस्या नहीं रही थी। बता दें कि अमेरिका में 1970 के बाद से वर्तमान में सबसे ज्यादा महंगाई है। यह वह मुद्दा है जिसने हर अमेरिकी पर असर डाला।

अवैध इमीग्रेशन : अमेरिका में अवैध इमीग्रेशन का मुद्दे ने लोगों के सेंटिमेंट्स को बढाया। इसे ट्रंप ने जोर शोर से भुनाया। उन्होंने बाइडेन प्रशासन पर ढिलाई बरतने और लोगों की मदद के नाम पर देश का पैसा बाहरी देशों पर लुटाने का आरोप लगाया। विदेशों से लगातार आ रहे लोगों और इससे बदल रही डेमोग्राफी का मुद्दा कई राज्यों में लोगों के बीच चिंता का कारण बन गया था। लोगों को डोनाल्ड ट्रंप की सरकार के दौरान इस मुद्दे पर कड़ा रवैया अपनाने का तरीका पसंद आया वहीं ट्रंप ने इस मुद्दे पर बाइडेन पर ढिलमुल रवैया अपनाने का आरोप लगाते रहे। लोगों ने इस मुद्दे पर ट्रंप का साथ दिया।
Edited By Navin Rangiyal
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