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Last Modified: बुधवार, 21 अक्टूबर 2020 (19:46 IST)

Hathras Case : CBI की पूछताछ के बाद 2 डॉक्टरों को हटाए जाने पर विवाद

Hathras Case : CBI की पूछताछ के बाद 2 डॉक्टरों को हटाए जाने पर विवाद - Controversy over removal of 2 doctors after CBI inquiry in Hathras case
अलीगढ़ (उप्र)। हाथरस सामूहिक बलात्कार मामले में सीबीआई द्वारा पूछताछ के 24 घंटे के अंदर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में 2 अस्थाई चिकित्साधिकारियों को हटाए जाने पर विवाद खड़ा हो गया है।

कनिष्ठ चिकित्सक जहां इस कार्रवाई को गलत बता रहे हैं, वहीं एएमयू प्रशासन अस्थाई चिकित्साधिकारियों की सेवा समाप्ति को लेकर जताई जा रही आशंकाओं को बिलकुल बेबुनियाद और बेहद काल्पनिक करार देते हुए इसे नियमित प्रक्रिया का हिस्सा बताया है।

यह मामला गत मंगलवार को प्रकाश में आया जब मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने बताया कि जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में अस्थाई चिकित्साधिकारी के तौर पर काम कर रहे डॉक्टर मोहम्मद अजीमुद्दीन और डॉक्टर उबैद इम्तियाज की सेवाएं समाप्त की जा रही हैं।

हाथरस मामले की जांच कर रही सीबीआई की टीम ने सोमवार को जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल जाकर पूछताछ की थी। हाथरस मामले की पीड़िता शुरुआत में इसी अस्पताल में भर्ती कराई गई थी। यहां से उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रैफर किया गया था, जहां इलाज के दौरान 29 सितंबर को उसकी मौत हो गई थी।

रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने एएमयू के कुलपति को लिखे पत्र में उनसे दो डॉक्टरों की बर्खास्तगी का आदेश वापस लेने का आग्रह किया है। पत्र में कहा गया है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो एसोसिएशन 24 घंटे के अंदर अपनी बैठक बुलाकर भविष्य की रणनीति तय करेगा।

बर्खास्त किए गए डॉक्टर मोहम्मद अजीमुद्दीन और डॉक्टर उबैद इम्तियाज का कहना है कि उन्होंने हाथरस मामले में कोई भी बयान नहीं दिया है। सेवा समाप्ति से पहले उन्हें अपनी सफाई देने तक का मौका नहीं दिया गया। दोनों ने कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप की मांग की है।

एएमयू के प्रवक्ता प्रोफेसर शाफे किदवई ने इस बारे में पूछे जाने पर बताया कि उन दोनों डॉक्टरों को पिछली नौ सितंबर को एक महीने के लिए नौकरी पर रखा गया था। उसके बाद उन्हें स्थिति के बारे में पूरी तरह अवगत कराया गया था। अब उन्हें हटाया जाना एक सामान्य प्रक्रिया है। सीबीआई द्वारा पूछताछ के बाद दोनों की सेवा समाप्त किया जाना महज एक संयोग है।
इस बीच, वरिष्ठ भाजपा नेता निशांत शर्मा ने हाथरस मामले में विवादास्पद बयान देने वाले सभी डॉक्टरों की केन्द्र सरकार द्वारा जांच कराए जाने की मांग की है। शर्मा ने बताया कि उन्होंने इस सिलसिले में केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि इस बात की जांच की जाए कि कहीं इन डॉक्टरों का पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से कोई संबंध तो नहीं है, जिस पर हाथरस कांड के पीछे साजिश रचने का आरोप है।(भाषा)
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