मंगलवार, 17 सितम्बर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Zerodha founder Nithin Kamath suffers stroke
Last Updated : सोमवार, 26 फ़रवरी 2024 (16:13 IST)

Zerodha के फाउंडर Nithin Kamath को स्ट्रोक, डॉक्‍टरों से पूछ डाला ये सवाल

Nithin Kamath
Nikhil Kamath : इन दिनों स्‍ट्रोक आना मामूली बात हो गई है। चलते फिरते लोगों के साथ ऐसा हो रहा है। दुख की बात है कि फिर रहने वाले लोगों के साथ भी ऐसा हो रहा है।
हाल ही में दिग्गज ब्रोकरेज फर्म जीरोधा के फाउंडर नितिन कामत ने भी कुछ इसी तरह की बात का खुलासा किया है। दरअसल, नितिन को करीब 6 हफ्ते पहले माइल्ड स्ट्रोक आया था। हालांकि उन्होंने इसकी पुष्टि तो नहीं की, लेकिन उनका मानना है कि इसकी कई वजहें हो सकती हैं।
सोशल मीडिया में लिखा दर्द : नितिन कामत ने अपनी स्‍थिति के बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर खुलासा किया। उन्होंने लिखा है कि पिता का निधन, अच्छी नींद नहीं ले पाना, पानी की कमी, थकान और काम के प्रेशर इसकी वजह हो सकती है। उन्होंने लिखा है कि पूरी तरह से ठीक होने में तीन से 6 महीने का समय लग सकता है।
रिकवरी में लगेंगे छह महीने : नितिन कामत ने अपने ट्वीट में लिखा है कि चेहरे पर भारी झुर्रियां पड़ गई हैं। वह कुछ लिख-पढ़ नहीं पा रहे थे लेकिन अब धीरे-धीरे ऐसा कर पाने लगे हैं। इसके अलावा दिमाग एकदम शून्य हो गया लेकिन अब कुछ चेतना लौटी है। उन्होंने लिखा है कि पूरी तरह से ठीक होने में तीन से छह महीने लगेंगे।

जो फिट है उसे क्‍यों आ रहा स्‍ट्रोक : निखिल कामत ने स्वस्थ रहने पर बहुत जोर देते हैं और इसे लेकर सोशल मीडिया पर भी एक्‍टिव हैं। ऐसे में स्ट्रोक की खबर ने उन्‍हें परेशान और हैरान कर दिया। उन्‍होंने डॉक्‍टरों से पूछा कि जो व्यक्ति फिट है और खुद की काफी फिक्र करता है, उसके साथ ऐसा कैसे हो सकता है। इस पर डॉक्टर ने कहा कि आपको पता होना चाहिए कि कब गियर थोड़ा डाउन करना चाहिए। हमेशा पैसों से अच्छा स्वास्थ्य नहीं खरीदा जा सकता।
करते है वर्कआउट : एक ट्वीट में पहले नितिन कामत ने बताया था कि दुनिया के जा सकता। नितिन कामत ने कहा था कि वह सुबह सबसे पहले अपनी पत्नी सीमा के साथ वर्कआउट करने की कोशिश करते हैं और यह उनकी बॉन्डिंग एक्सरसाइज की तरह भी काम करती है। उनकी पत्नी सीमा कैंसर सर्वाइवर हैं।
Edited by Navin Rangiyal
ये भी पढ़ें
सुप्रीम कोर्ट ने 3 नए आपराधिक कानूनों को चुनौती देने वाली जनहित याचिका की खारिज