सुप्रीम कोर्ट ने 3 नए आपराधिक कानूनों को चुनौती देने वाली जनहित याचिका की खारिज
Supreme Court rejects PIL challenging 3 new criminal laws : उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने 1 जुलाई से लागू होने वाले 3 नए आपराधिक कानून (3 new criminal laws) - भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करने से सोमवार को इंकार कर दिया।
इस आधार पर खारिज की जनहित याचिका : प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने चेन्नई निवासी टी. शिवज्ञानसंबंदन की जनहित याचिका को इस आधार पर खारिज कर दिया कि उनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट का याचिकाकर्ता से सवाल: प्रधान न्यायाधीश ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि नए आपराधिक कानूनों को चुनौती देने वाले आप कौन होते हैं? इस मामले में आपको याचिका दायर करने का कोई अधिकार नहीं है। जनहित याचिका में केंद्रीय गृह और कानून एवं न्याय मंत्रालयों को पक्षकार बनाया गया था। भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम देश में आपराधिक न्याय प्रणाली को पूरी तरह से बदलने के लिए तैयार किए गए हैं और इस साल 1 जुलाई से लागू होंगे।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta