PM CARES Fund भारत सरकार का फंड नहीं, Delhi HC में सरकार ने कहा- हमारा कंट्रोल नहीं
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री सुरक्षा कोष को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि PM CARES फंड भारत के संविधान के अनुच्छेद 12 के तहत पब्लिक अथॉरिटी नहीं है। सूचना के अधिकार अधिनियम (RTI) 2005 के तहत 'सार्वजनिक प्राधिकरण' के रूप में गठित नहीं है। PMO के अवर सचिव ने हलफनामा दायर कर कहा कि PM CARES फंड को एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट के रूप में स्थापित किया गया है और यह भारत के संविधान या संसद या किसी राज्य विधानमंडल द्वारा या उसके तहत नहीं बनाया गया है।
क्या है हलफनामे में : प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में एक अवर सचिव द्वारा दायर एक हलफनामे में कहा गया है कि पीएम केयर्स फंड एक सरकारी कोष नहीं है क्योंकि इसमें दिया गया दान भारत की संचित निधि में नहीं जाता है और संविधान तथा सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत इसकी चाहे जो भी स्थिति हो, तीसरे पक्ष की जानकारी का खुलासा नहीं किया जा सकता है।
हलफनामे में कहा गया है कि ट्रस्ट पारदर्शिता के साथ काम करता है और इसकी निधि का लेखा परीक्षण एक लेखा परीक्षक (ऑडिटर) द्वारा किया जाता है। यह ऑडिटर एक चार्टर्ड एकाउन्टेंट होता है, जिसे भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा तैयार पैनल से चुना जाता है।
क्या तीसरे पक्ष को मिलती है जानकारी : हलफनामे में तर्क दिया गया है कि संविधान और आरटीआई अधिनियम के तहत आपात स्थितियों में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष यानी पीएम केयर्स फंड की जो भी स्थिति हो, लेकिन तीसरे पक्ष की जानकारी का खुलासा करने की अनुमति नहीं है।
हलफनामा एक याचिका के जवाब में दायर किया गया था, जिसमें संविधान के तहत पीएम केयर्स फंड को राज्य (स्टेट) घोषित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था ताकि इसके कामकाज में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।
इसी याचिकाकर्ता ने आरटीआई अधिनियम के तहत पीएम केयर्स फंड को सार्वजनिक प्राधिकार घोषित करने के लिए एक अन्य याचिका भी दायर की है, जिसकी सुनवाई इस याचिका के साथ हो रही है।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने याचिकाकर्ता सम्यक गंगवाल की ओर से दी गई दलीलों को सुना और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के कार्यालय से कहा कि वह मामले में बहस करने के लिए उनकी उपलब्धता के बारे में अदालत को सूचित करें।
पीएमओ में अवर सचिव प्रदीप कुमार श्रीवास्तव द्वारा दायर हलफनामे में कहा गया है कि पीएम केयर्स आरटीआई अधिनियम के प्रावधानों के तहत सार्वजनिक प्राधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा कि मैं दोहराता हूं कि पीएम केयर्स फंड को एक सार्वजनिक परमार्थ ट्रस्ट के रूप में स्थापित किया गया है। यह ट्रस्ट भारत के संविधान या संसद या राज्य विधानमंडल द्वारा बनाए गए किसी कानून के जरिए सृजित नहीं किया गया है। Edited by : Sudhir Sharma एजेंसियां