सोमवार, 20 अक्टूबर 2025
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Is the BJP weakening in Modi-Shah stronghold Gujarat?
Last Updated : शुक्रवार, 17 अक्टूबर 2025 (14:37 IST)

मोदी-शाह के गढ़ गुजरात में क्या कमजोर हो रही भाजपा, चुनाव से 2 साल पहले भूपेंद्र सरकार के चेहरे बदलने से उठे सवाल?

modi shah
गुजरात में 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले भूपेंद्र पटेल सरकार के  चेहरे को एक झटके में बदल दिया गया है। गुरुवारा को भूपेंद्र पटेल सरकार में शामिल सभी 16 मंत्रियों ने अपना इस्तीफा दे दिया और इसके बाद शुक्रवार को भूपेंद्र सरकार में 25 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। मंत्रिमंडल विस्तार में सिर्फ 6 मंत्रियों को दोबारा मौका मिला है। वहीं हर्ष सिंघवी को राज्यमंत्री से अब सीधे गुजरात का डिप्टी सीएम बना दिया गया है। शुक्रवार को हुए मंत्रिमंडल विस्तार के जरिए भाजपा आलाकमान ने जातीय और क्षेत्रीय समीकरण को साधने की कोशिश की है। गुजरात में अचानक से हुए इस सियासी बदलाव को  लेकर सियासी गलियारों में अटकलों का बाजार गरम है।  
गुजरात में दांव पर मोदी-शाह की प्रतिष्ठा- गुजरात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का गढ़ माना जाता है और गुजरात चुनाव के नतीजों से सीधे पीएम मोदी की प्रतिष्ठा दांव पर लगती है। 1995 में गुजरात की सत्ता पर काबिज होने वाली भाजापा सूबे में पिछले 30 सालों से सत्ता मे काबिज है। गुजरात में भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर भी विधानसभा चुनाव लड़ती है, ऐसे् में गुजरात सरकार के प्रदर्शन को सीधे नरेंद्र मोदी से जोडकर देखा जाता है।
gujrat cabinet

ऐसे में जब 2027 का विधानसभा चुनाव भी पीएम मोदी  के  चेहरे पर लड़ा जाना तय है तब भाजपा कोई जोखिम नहीं  लेना चाहती है। गुजरात में यह पहला मौका नहीं है जब भाजपा ने ऐसा प्रयोग किया है। 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले भी भाजपा आलाकमान ने विजय रूपाणी सरकार में बदलाव किया था। 2022 के गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 156 सीटें जीत कर चुनाव पूर्व सभी पूर्वानुमान को धवस्त कर दिया था। भाजपा की इस जीत का कारण चुनाव से ठीक पहले विजय रूपाणी वाली सरकार को बदल कर नए चेहरो को आगे लाना माना गया था।
 
एंटी इंकंबेंसी फैक्टर से निपटने की  कवायद- गुजरात में 2027 में विधानसभा चुनाव होने है और उससे पहले निकाय चुनाव होने है जिसे एक तरह से सेमीफाइनल मुकाबले के तौर पर देखा जा रहा है। ऐसे में आगामी निकाय चुनाव से पहले भाजपा आलाकमान ने मंत्रिमंडल में बदलाव का निर्णय लेकर सभी को चौंका दिया है जब विधानसभा चुनाव में 2 साल से कम शेष बचा है तब मंत्रिमंडल के चेहरे बदलकर पार्टी आलाकमान ने नए चेहरों को मंत्रिमंडल में लाकर सत्ता विरोधी लहर (एंटी इंकंबेंसी) को कम करने की कोशिश की है। इस बार भी गुजरात में विधानसभा चुनावों से दो साल पहले भाजपा आलाकमान ने एक झटके में सरकार के पूरे चेहरे को ही बदल डाला।

गुजरात में भाजपा के इस सरकारी ऑपरेशन के पीछे वजह मंत्रियों की खराब परफॉर्मेंस और उस पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप है। वहीं आज मंत्रिमंडल विस्तार में जिस तरह से पहली बार के विधायकों को जिस तरह से बदला गया उसको भी भाजपा की नो रिपीट थ्योरी के तौर पर देखा जा रहा है। दरअसल भूपेंद्र सरकार में कई मंत्री काफी उम्रदराज थे और 2027 के विधानसभा चुनाव में उनके चुनाव लडने पर अभी से संशय था। ऐसे में भाजपा आलाकमान ने एक झटके में सभी  चेहरो को  बदलकर कई मैसेज दे दिए है।  
जातीय और क्षेत्रीय समीकरण को साधने की कोशिश- गुजरात में मंत्रिमंडल विस्तार के जरिए भाजपा आलाकमान ने जातीय और क्षेत्रीय समीकरण को साधने की कोशिश की  है। आज मंत्रिमंडल विस्तार में 25 चेहरों को शामिल किया गया है। आज शपथ ग्रहण में सिर्फ 6 चेहरो को फिर जगह मिली है।  ऋषिकेश पटेल, कनुभाई देसाई, कुंवरजी बावलिया, प्रफुल्ल पनसेरिया, परषोत्तम सोलंकी और हर्ष संघवी ने आज फिर शपथ ली है। आज मंत्रिमंडल विस्तार में जिस तरह से पाटीदार, पटेल और राजपूत समाज से आने वाले नेताओं को शामिल करने के साथ सौराष्ट्र से आने वाले चेहरों को शामिल किया गया है उससे जातीय और क्षेत्रीय समीकरण को साधने की कवायाद के तौर पर देखा जा रहा है। 
 
कांग्रेस के प्रभाव को कम करने की कवायद- 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस ने अब गुजरात पर निगालें लगाया दी है। राहुल गांधी  पिछले 6 महीने पांच से अधिक बार गुजरात का दौरा कर चुके है और 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में कांग्रेस जमीनी स्तर पर फिर अपने कै़डर को खड़ा करने की कोशिश करने की कोशिश की है। 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जिस तरह से  भाजपा को चुनौती दी थी, वहीं प्रदर्शन अब कांग्रेस 2027 के विधानसभा चुनाव में दोहराना चाहती है। ऐसे में भाजापा आलाकमान ने मंत्रिमंडल पुनर्गठन कर एक तरह से कांग्रेस के बढ़ते प्रभाव को कम करने की कोशिश की है।