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Last Modified: वृंदावन , रविवार, 19 अक्टूबर 2025 (15:25 IST)

खुला बांके बिहारी मंदिर का खजाना, योगी सरकार से अखिलेश बोले- मंदिरों के खजाने तो छोड़ दे

banke bihari temple
Banke Bihari mandir Treasure : वृंदावन के बांकेबिहारी मंदिर के 160 वर्ष पुराने खजाने को शनिवार को 54 वर्ष बाद खोला गया। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित उच्च प्रबंधन समिति आदेश पर खुले खजाने में बक्सों में बंद कुछ बर्तन, खाली संदूक, एक छोटा चांदी का छत्र और जेवरात के कुछ खाली बॉक्स मिले। इस बीच सपा नेता अखिलेश यादव ने योगी सरकार से मंदिरों के खजाने छोड़ने की अपील की। 
 
अखिलेश ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा कि भाजपा सरकार से करबद्ध आग्रह। कम-से-कम मंदिरों के खजाने तो छोड़ दे। इतना भी लालच अच्छा नहीं। दुर्भाग्यपूर्ण!
 
1971 में आखिरी बार खुला था खजाना : ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में परिसर में ही खजाना है। वर्ष 1971 में अंतिम बार इस खजाने को खोला गया था। उसमें रखे ठाकुर जी के चढ़ावे के जेवरात व अन्य वस्तुएं एक बक्से में रखी गई थीं। बाद में भूतेश्वर स्थित भारतीय स्टेट बैंक में एक लॉकर लेकर वह बक्सा लाकर में रख दिया गया। तब से खजाने में सील लगी थी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई उच्च प्रबंधन समिति के निर्देश पर शनिवार को फिर खजाना खोला गया।
 
मंदिर के पट बंद होने के बाद सिविल जज जूनियर डिवीजन शिप्रा दुबे की अगुवाई में अधिकारियों की टीम दोपहर करीब एक बजे मंदिर पहुंची। करीब डेढ़ बजे खोलने की प्रक्रिया शुरू हुई। गर्भगृह के पास खजाने के लोहे के दरवाजे पर लगा ताला कटर से काटा गया। आठ गुणा दस फीट के इस कमरे में काफी मिट्टी भरी थी। मजदूरों ने यह मिट्टी हटाई। टीम में कमेटी में शामिल चार सेवायत भी थे। ALSO READ: 54 साल बाद खुला बांके बिहारी मंदिर का खजाना, इसमें क्या मिला?
 
खजाने में क्या मिला : कमरे में बाईं ओर एक और लोहे का दरवाजा दिखा। इस दरवाजे को सब्बल डालकर खोला गया। यह कमरा करीब 6 गुणा चार फीट का था। इसी कमरे में चार लोहे के संदूक मिले, जबकि एक लकड़ी का खाली संदूक था। लोहे के संदूक के कुंडे टूटे हुए थे और उनके बंद ताले संदूक में रखे थे। इन संदूक में पुराने कांसे और पीतल आदि के बर्तन रखे थे। लकड़ी के खाली बाक्स में कुछ नहीं था। कुछ जेवरात के खाली बाक्स इसमें मिले। लोहे के दो संदूक अभी खोले नहीं गए हैं।
 
कमरे में एक छोटा सा चांदी का छत्र भी मिला है। तीन बड़ी पीतल की डेग, तीन कलशे, एक परात, चार बड़े पत्थर गोलाकार डेढ़ फीट ऊंचाई के, एक लकड़ी का तख्ता तो एक फीट ऊंचाई का था मिला। दो पीतल के छोटे घंटे भी मिले। इसी कमरे में फर्श में रखे पत्थर को हटाया गया तो उसमें नीचे जाने की सीढ़ी दिखाई दी। करीब सात सीढ़ी के बाद नीचे तीन गुणा चार फीट का एक छोटा कमरा मिला।
 
उच्च प्रबंधन समिति के सदस्य दिनेश गोस्वामी ने बताया कि यही खजाना है। इसमें सांप के दो छोटे बच्चे मिले, बाकी यह पूरा खाली था। सांप के बच्चों को वन विभाग की टीम ने पकड़ लिया। करीब साढ़े चार बजे खजाने से टीम बाहर आ गई। रविवार को फिर टीम खजाने में खोजबीन करेगी। 
edited by : Nrapendra Gupta