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  4. Investigation report reveals that 9 innocent children died due to cold refriger syrup
Last Updated : शनिवार, 4 अक्टूबर 2025 (14:33 IST)

जांच रिपोर्ट में खुलासा, कोल्ड्रिफ सिरप से हुई 9 मासूमों बच्‍चों की मौत, मध्यप्रदेश में बिक्री पर लगा बैन

Cough Syrup Death in Madhya Pradesh
मध्‍यप्रदेश में कोल्‍ड्रिफ सिरप पीने के बाद हुई बच्‍चों की मौत के बाद प्रदेश में इसकी बिक्री पर बैन लगा दिया गया है। पूरे मध्यप्रदेश में इस सिरप और कंपनी के अन्य उत्पादों की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। बता दें कि यह फैसला छिंदवाड़ा में Coldrif सिरप पीने से हुई बच्चों की मौत के बाद प्रदेश सरकार ने उठाया है।

हाल ही में छिंदवाड़ा जिले में सर्दी खांची की Coldrif सिरप के सेवन से 9 बच्‍चों की मौत हो गई थी। घटना को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने इस सिरप की बिक्री पर पूरे मध्यप्रदेश में तत्काल प्रतिबंध लगा दिया है। इतना ही नहीं, सिरप बनाने वाली कंपनी के अन्य प्रोडक्ट्स पर भी बैन लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
कहां बनती थी सिरप : जो जानकारी सामने आ रही है उसे पता चलता है कि यह सिरप तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित एक फैक्ट्री में तैयार किया जाता है। घटना सामने आने के बाद मध्यप्रदेश सरकार ने तमिलनाडु सरकार से जांच रिपोर्ट मांगी थी। जांच रिपोर्ट में गंभीर लापरवाही की पुष्टि हुई, जिसके आधार पर प्रदेश सरकार ने कड़ा कदम उठाते हुए प्रतिबंध लागू किया है।

क्‍या कहा एमपी के सीएम ने : मध्‍यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि छिंदवाड़ा में Coldrif सिरप के कारण हुई बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुखद है। इस सिरप की बिक्री को पूरे मध्यप्रदेश में बैन कर दिया है। सिरप को बनाने वाली कंपनी के अन्य प्रोडक्ट की बिक्री पर भी बैन लगाया जा रहा है।  सिरप बनाने वाली फैक्ट्री कांचीपुरम में है, इसलिए घटना के संज्ञान में आने के बाद राज्य सरकार ने तमिलनाडु सरकार को जांच के लिए कहा था। रिपोर्ट के आधार पर कड़ा एक्शन लिया गया है। बच्चों की दुखद मृत्यु के बाद स्थानीय स्तर पर कार्रवाई चल रही थी। राज्य स्तर पर भी इस मामले में जांच के लिए टीम बनाई गईं हैं। दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

छिंदवाड़ा के परासिया में हुई थीं मौतें : बता दें कि छिंदवाड़ा जिले के परासिया ब्लॉक के 9 बच्चों की मौत कोल्ड्रिफ कफ सिरप की वजह से हो गई। इसके अलावा कई बच्चों का इलाज चल रहा है। जांच में खुलासा हुआ है कि सिरप में नॉन-फार्माकॉपिया ग्रेड प्रोपीलीन ग्लाइकॉन का इस्तेमाल हुआ है। इसमें आशंका व्यक्त की गई कि वह डायथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) और एथिलीन ग्लाइकॉल से दूषित था। यह दोनों ही किडनी को नुकसान पहुंचाने वाले जहरीले पदार्थ हैं।

इस रिपोर्ट के बाद तमिलनाडु सरकार ने भी पूरे राज्य में कोल्ड्रिफ सिरप की बिक्री और उपयोग पर तुरंत रोक लगा दी। इसके थोक और रिटेल दुकानों से स्टॉक फ्रीज करने के आदेश दिए गए। कंपनी को स्टॉप प्रोडक्शन ऑर्डर जारी किया गया और मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस कैंसिल करने के लिए शो-कॉज नोटिस भेजा गया है।

अतिरिक्‍त जांच की जा रही है : वहीं इस मसले पर केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने भी बयान जारी किया है। मंत्रालय का कहना है कि मध्य प्रदेश सरकार के अनुरोध पर तमिलनाडु एफडीए ने तमिलनाडु के कांचीपुरम में मेसर्स श्रीसन फार्मा के विनिर्माण परिसर से कोल्ड्रिफ कफ सिरप के नमूने लिए थे। इन नमूनों के परीक्षण के परिणाम सामने आए हैं। नमूनों में डीईजी अनुमेय सीमा से अधिक पाया गया है। इसके अलावा एनआईवी, आईसीएमआर-नीरी, सीडीएससीओ और एम्स, नागपुर के विशेषज्ञों वाली टीम भी मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा और उसके आसपास मौतों के कारणों का आंकलन करने के लिए विभिन्न नमूनों और कारकों का विश्लेषण कर रही है।

डॉक्‍टरों के पास 1420 बच्चों सूची : परासिया एसडीएम शुभम यादव ने कहा कि हम कार्यवाही कर रहे हैं। हमारे पास 1420 बच्चों की लाइन लिस्ट है, जो सर्दी, बुखार, जुखाम से ग्रसित रहे हैं। इसमें हमने प्रोटोकॉल बनाया है कि दो दिन से ऊपर कोई भी बच्चा बीमार रहता है तो उसको हम सिविल हॉस्पिटल में 6 घंटे मॉनिटरिंग में रखते है। तबियत बिगड़ने पर जिला अस्पताल रेफर करते है। ठीक होने के बाद उनको घर भेज देते है। इसके बाद भी आशा कार्यकर्ताओं से उनकी मॉनिटरिंग करवाते हैं। इसके अलावा हमने पानी और मच्छर संबंधी जांच करवा ली है, जो कि नॉर्मल आई है। एक सैंपल हमारा नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी गया था। वह भी नॉर्मल आया है। पानी के सैंपल जांच के लिए CSIR निरी भेजे गए हैं, जिसका इंतजार है।
Edited By: Navin Rangiyal