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Last Modified: अयोध्या , गुरुवार, 16 अक्टूबर 2025 (21:47 IST)

Ayodhya में हनुमान गढ़ी में संतों के बीच मारपीट व फायरिंग, 5 के विरुद्ध FIR, वर्चस्व और गद्दी को लेकर विवाद और हत्याएं का रहा है इतिहास

Hanuman Garhi
श्री राम नगरी अयोध्या में मामूली विवाद को लेकर वाहन हटाने को लेकर साधु-संतों में मारपीट व फायरिंग हुई। इसमें 5 संतों के खिलाफ थाना राम जन्मभूमि में FIR दर्ज की गई। पुलिस मामले की जांच कर रही है। घटना गत 13 अक्टूबर की है।
अयोध्या के हनुमान गढ़ी महंत एवं अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष महंत ज्ञान दास के शिष्य व श्रृंगी ऋषि आश्रम में स्थित राम जानकी मंदिर के महंत हेमंत दास की गाड़ी हनुमान गढ़ी इमली बाग क्षेत्र में सड़क के किनारे खड़ी थी। उसी वक्त हनुमान गढ़ी के ही संत मामा दास अपनी फॉरच्यूनर से से जा रहे थे। उन्होंने हेमंत दास के ड्राइवर राजू यादव से गाड़ी हटाने के लिए कहा। इस कारण से दोनों पक्षों के बीच बढ़ता गया। कहासुनी मारपीट तक आ गई। संत मामा दास उर्फ प्रभु राम तिवारी व उनके शिष्यों ने महंत हेमंत दास के ड्राइवर राजू को बुरी तरह से पीट दिया। इसे उसकी कलाई फैक्चर हो गयी।

पुलिस के पास पहुंचा जहां महंत हेमंत दास व उनके ड्राइवर राजू यादव ने FIR दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि संत मामा दास व उनके चार संत शिष्य संत मनोज दास, आशीष दास, हनुमान दास व जीतेन्द्र दास ने गाली- गलौज के साथ लाठी-डंडों से मारपीट की और संत मामा दास ने पिस्तौल निकलते हुए गोली चलाते हुए फायरिंग करते हुए जानलेवा हमला कर दिया।

थाना प्रभारी निरीक्षक अभिमन्यु शुक्ला ने बताया कि रास्ते मे खड़े वाहन को हटाने को लेकर दोनों पक्षों के बीच विवाद हुआ था। इसकी शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज कर मामले की विवेचना की जा रही और पीड़ित का मेडिकल परीक्षण कराया गया है। मेडिकल रिपोर्ट को अध्ययन किया जा रहा है। रिपोर्ट में मारपीट, बलवा व जानलेवा हमला करने कि धारा लगाई गई है। पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है।  
गद्दी पर कब्जे को लेकर हिंसक झड़पें एवं हत्याएं
हनुमान गढ़ी में संतों-महंतों के बीच वर्चस्व व गद्दी के लिए पहले भी विवाद व हत्याएं हुई हैं। हनुमान गढ़ी में महंतों के बीच कई विवाद हुए हैं। इनमें गद्दी पर कब्जे और अन्य मामलों को लेकर हिंसक झड़पें एवं हत्याएं शामिल हैं। पिछले 38 वर्षों में12 प्रमुख बड़े संतों-महंतों की हत्याएं हो चुकी है।1982 में महंत बजरंग दास की हत्या की गई। 1985 में गद्दीनशीन महंत दीनबंधु दास की हत्या की हुई।

1986 में गद्दीनशिन महंत राम बालक की हत्या हुई। इसी वर्ष 1986 में ही महंत हरी भजन दास की हत्या हुई। 1991 में महंत शंकर दास की हत्या हुई। 30 सितंबर 1995 को महंत रामज्ञा दास की हत्या कर दी गई थी। इसमें हमलावरों ने 150 से अधिक गोलियां चलाई थीं। 1997 में महंत राम कृपाल दास उर्फ़ पगल बाबा की हत्या की गई। 2007 में तीन संतों की निर्मम हत्या की गई जिनकी लाशें मिली।

2015 में महंत संत सेवक दास की हत्या हुई। 19 अक्टूबर 2023 को एक पुजारी रामसहारे दास की उनके चेले ने ही गला काटकर हत्या कर दी थी। इसके बाद 13 अक्टूबर 2025 को हनुमान गढ़ी के वरिष्ठ पुजारी महंत हेमंत दास ने मामा दास व उनके चार शिष्यों के विरुद्ध अपने ड्राइवर के ऊपर मारपीट और जानलेवा हमला करने के आरोप में FIR दर्ज करवाई। Edited by : Sudhir Sharma
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