मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र का हंगामेदार आगाज, सीरफ कांड और किसानों के मुद्दें पर घिरी सरकार
भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज हंगामेदार आगाज हुआ। आज पहले दिन कांग्रेस ने SIR में गड़बड़ी और बीएलओ की मौत के साथ छिंदवाड़ा कफ सीरप कांड और प्रदेश में खाद संकट और अतिवृष्टि को लेकर किसानों को हुए नुकसान को लेकर विधानसभा परिसर में विरोध प्रदर्शन किया।
कांग्रेस विधायक आज छिंदवाड़ा कांड के विरोध में अपने हाथों में बच्चों के पुतले और 'पूतना' को लेकर पहुंचे। कांग्रेस विधायकों ने सरकार को ही पूतना बताया और बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया। कांगेस विधायक सेना पटेल पूतना के ड्रेसअप मे विधानसभा पहुंची और बच्चों के पुतले को लेकर छिंदवाड़ा में बच्चों की मौत पर सरकार को घेरते हुए जमकर प्रदर्शन किया। वहीं सदन में इंदौर के एमवाय अस्पताल में बच्चों के चूहे से कुतरने का मुद्दा भी उठा।
वहीं सदन की कार्यवाही के दौरान काग्रेस ने सत्र की अवधि को लेकर जमकर हंगामा किया। कांग्रेस विधायकों ने हंगामा करते हुए कहा जब विधायक जनहित के मुद्दे उठा ही नहीं सकते हैं तो फिर सत्र बुलाने का क्या मतलब। कांग्रेस विधायकों ने सदन में आसंदी के सामने आकर जमकर नारेबाजी की। गौरतलब है कि विधानसभा का शीतकालीन सत्र पांच दिन का ही है जिसमें कुल चार बैठकें ही होगी।
आज से शुरु हुआ सत्र पांच दिसंबर तक चलेगा, जिसमें 3 दिसंबर को गैस त्रासदी का स्थानीय अवकाश होने के चलते सदन की कार्यवाही नहीं होग। विधानसभा के शीतकालीन सत्र में राज्य सरकार वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए द्वितीय अनुपूरक बजट प्रस्तुत करेगी। वहीं, नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष का चुनाव सीधे मतदाताओं से कराने संबंधी विधेयक, दुकान एवं स्थापना संशोधन विधेयक, मुख्यमंत्री, मंत्री,विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और विधायकों के वेतन-भत्ते संशोधन विधेयक प्रस्तुत किए जाएंगे।
वहीं विधानसभा सत्र के पहले दिन आज प्रदेश में पिछले दिनों अतिवृष्टि से किसानों की बर्बाद हुई फसल और नुकसान के प्रस्ताव पर नियम 139 के तहत चर्चा भी है। इसके साथ ही भावांतर योजना को लेकर सत्ता पत्र के विधायकों ने खुद सरकार को घेरा।