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Last Modified: लखनऊ , गुरुवार, 16 अक्टूबर 2025 (19:46 IST)

लखीमपुर खीरी की माटी से बने 25 हजार इको फ्रेंडली दीयों से जगमगाएगी रामनगरी अयोध्या

जनसहभागिता, स्वावलंबन और पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक बना दीपोत्सव, महिला स्वयं सहायता समूह की दीदियों ने संभाली दीपोत्सव की कमान

Ayodhya Deepotsav 2025
Ayodhya Deepotsav 2025: योगी सरकार के अयोध्या दीपोत्सव से न केवल भगवान श्रीराम की नगरी का त्रेतायुगीन वैभव पुनर्जीवित हुआ है, बल्कि यह आत्मनिर्भरता, जनसहभागिता और पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक भी बन गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘इको-फ्रेंडली दीपोत्सव’ के संकल्प को साकार करने के लिए प्रदेश की आधी आबादी ने आगे आकर अपनी भूमिका निभाई है।

अयोध्या में होने वाले नौवें दीपोत्सव-2025 को दिव्य और भव्य बनाने के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों की दीदियों ने अहम योगदान दिया है। इस वर्ष लखीमपुर खीरी की माटी से बने 25 हजार इको-फ्रेंडली दीये अयोध्या धाम की पवित्र भूमि पर रोशनी बिखेरेंगे। ये दीये खीरी की माटी और जड़ी-बूटियों की प्राकृतिक खुशबू से तैयार किए गए हैं, जो रामनगरी की फिजाओं में प्रकाश के साथ सकारात्मक सुगंध भी फैलाएंगे। इसके अलावा, प्रदेश के कई अन्य जिलों की महिलाओं ने भी दीपोत्सव-25 के लिए हजारों की संख्या में दीये भेजे हैं।
 
44 महिलाओं ने बनाए 25 हजार दीये : लखीमपुर खीरी की जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में अयोध्या का दीपोत्सव अब जनसहभागिता, स्वावलंबन और पर्यावरण संरक्षण का जीवंत उदाहरण बन गया है। इसी के तहत लखीमपुर की तीन स्वयं सहायता समूहों की 44 महिलाओं ने प्रभु श्रीराम की नगरी को आलोकित करने के लिए 25 हजार दीये तैयार किए। उन्होंने बताया कि “लखीमपुर की रौशनी से समृद्धि की दिवाली” की थीम पर अयोध्या में दीये भेजने की तैयारी जुलाई माह से ही प्रारंभ कर दी गई थी। इन दीयों को बनाने में महिलाओं का उत्साह देखते ही बनता था। मुख्यमंत्री योगी की मंशा के अनुरूप महिलाओं को आत्मनिर्भर व स्वावलंबी बनाने और समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए बड़े पैमाने पर इस पहल को आगे बढ़ाया गया। महिलाओं को प्रति दीया 5 रुपये का भुगतान किया गया, जिससे उन्होंने कुल ₹1.25 लाख की आय अर्जित की।
 
मैं बहुत सौभाग्यशाली हूं : खीरी के धौरहरा ब्लॉक की ज्योति प्रेरणा स्वयं सहायता समूह की सदस्य ग्राम पंचायत गुदरिया की संजू देवी ने बताया कि उन्होंने पहली बार दीपोत्सव के लिए दीये तैयार किए हैं और वह बहुत खुश हैं। उन्होंने कहा कि दीये बनाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से आधुनिक चाक उपलब्ध कराई गई। ग्राम पंचायत हरदी की सुंदर प्रेरणा स्वयं सहायता समूह की सदस्य बिट्टू देवी ने बताया कि उन्हें आधुनिक इलेक्ट्रिक चाक उपलब्ध कराई गई, जिससे न केवल उत्पादन में तेजी आई, बल्कि दीयों की गुणवत्ता भी बेहतर हुई। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा दीये बनाने की यह पहल महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ी पहल है।
 
ग्राम पंचायत हरदी की सीता प्रेरणा स्वयं सहायता समूह से जुड़ी फूलमती ने कहा कि “रामनगरी के दीपोत्सव के लिए दीये तैयार करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। इससे जहां एक ओर सांस्कृतिक परंपराएं पुनर्जीवित हुई हैं, वहीं आत्मनिर्भरता की भावना भी मजबूत हुई है।” ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार और महिला सशक्तिकरण की यह मिसाल अब पूरे प्रदेश के लिए अनुकरणीय बन गई है।
 
श्रद्धालुओं की सेहत पर प्रशासन की पैनी नजर : दीपोत्सव 2025 को लेकर अयोध्या प्रशासन ने खाद्य सुरक्षा के मोर्चे पर पूरी तैयारी कर ली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर जिलाधिकारी ने खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 8 विशेष टीमें गठित की हैं। इन टीमों का उद्देश्य है कि दीपोत्सव के दौरान अयोध्या आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को सुरक्षित और शुद्ध खाद्य सामग्री ही उपलब्ध हो।
 
अयोध्या के जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे के आदेश पर पांचों तहसीलों में पांच एसडीएम के नेतृत्व में अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं, जबकि नगर क्षेत्र में सिटी मजिस्ट्रेट की दो टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं। इसके अलावा, सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा मानिक चन्द्र सिंह के नेतृत्व में एक विशेष टीम मुख्यालय स्तर पर गठित की गई है, जो जिलेभर में सक्रिय है।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 
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