कोलकाता। ओडिशा के अधिकांश हिस्सों को तबाह करने वाले चक्रवात 'फानी' से पश्चिम बंगाल को अब कोई खतरा नहीं है, क्योंकि यह पड़ोसी देश बांग्लादेश में प्रवेश करने से पहले और कमजोर हो चुका है। ओडिशा में शुक्रवार को इस चक्रवाती तूफान ने भारी तबाही मचाई थी जिसमें 12 लोगों की जान चली गई। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
यहां क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के उपमहानिदेशक संजय बंद्योपाध्याय ने बताया कि पूर्वानुमान के अनुसार राज्य में विशेष रूप से बांग्लादेश से सटे जिलों में मध्यम बारिश होगी, लेकिन शहर और आसपास के क्षेत्र में मौसम की स्थिति दिन में सामान्य रहेगी।
उन्होंने कहा कि इस प्रणाली (चक्रवात 'फानी') से पश्चिम बंगाल को कोई खतरा नहीं है। पश्चिम बंगाल में प्रवेश करने से पहले यह भीषण चक्रवाती तूफान कमजोर हो गया था। बंद्योपाध्याय ने कहा कि 'फानी' का अभी और आगे बढ़ना जारी रहेगा और अगले 6 घंटों में इसके और कमजोर पड़ने की संभावना है। इसके दोपहर तक बांग्लादेश की तरफ मुड़ने की भी संभावना है।
अधिकारी ने कहा कि कोलकाता से सटे जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है और शहर में दोपहर बाद तक आसमान साफ रहने की उम्मीद है। पश्चिम बंगाल सरकार ने चक्रवाती तूफान के मद्देनजर हावड़ा, हुगली, झारग्राम, कोलकाता और सुंदरवन के अलावा पूर्वी और पश्चिमी मिदनापुर, उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिलों में शुक्रवार को एहतियाती कदम उठाए थे।
चक्रवाती तूफान 'फानी' से बिजली, संचार, रेल और हवाई संपर्क को व्यापक नुकसान पहुंचा : केंद्र ने कहा है कि चक्रवाती तूफान 'फानी' ने पुरी, भुवनेश्वर और ओडिशा के अन्य इलाकों में दूरसंचार और बिजली आपूर्ति के बुनियादी ढांचे को व्यापक नुकसान पहुंचाया है, जबकि शनिवार को राज्य में रेल और हवाई संपर्क बहाल हो रहा है।
कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने ओडिशा में इस चक्रवाती तूफान के दस्तक देने के 1 दिन बाद ओडिशा, पश्चिम बंगाल और आंध्रप्रदेश के चक्रवात प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों की समीक्षा की।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि ओडिशा ने जानकारी दी है कि पुरी, भुवनेश्वर और अन्य इलाकों में दूरसंचार और बिजली आपूर्ति के बुनियादी ढांचे को व्यापक नुकसान पहुंचा है, हालांकि एहतियाती उपायों और बड़े पैमाने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के चलते कम लोगों की जान गई।
पश्चिम बंगाल सरकार ने चक्रवात के हल्के प्रभाव को दर्ज किया जबकि आंध्रप्रदेश सरकार ने भारी बारिश होने और श्रीकाकुलम जिले में फसलों तथा सड़कों को कुछ नुकसान पहुंचने की सूचना दी है। बयान के मुताबिक रेलवे ने मुख्य लाइन दुरुस्त कर दी है और शनिवार तक डीजल इंजन वाली रेलगाड़ियों का आंशिक परिचालन शुरू हो जाएगा। भुवनेश्वर के लिए उड़ानें भी शनिवार दोपहर से बहाल हो जाएंगी।
कैबिनेट सचिव ने ऊर्जा मंत्रालय और दूरसंचार विभाग से ओडिशा सरकार को बिजली के खंभों, कर्मियों और डीजल जेनरेटर सेट मुहैया कर फौरन ही जरूरी सहायता पहुंचाने का निर्देश दिया है। भुवनेश्वर को बिजली की आपूर्ति करने वाली ट्रांसमिशन लाइन शनिवार तक बहाल होने की उम्मीद है।
बयान में कहा गया है कि संचार विभाग ने संकेत दिया है कि मोबाइल सेवाएं भी आंशिक रूप से बहाल हो जाएंगी। बंदरगाहों और रिफाइनरी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने ओडिशा में राहत सहायता कार्य के लिए 16 अतिरिक्त टीमें भेजी हैं। इन टीमों ने ज्यादातर सड़कों पर गिरे पेड़ों और अन्य चीजों को हटा दिया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ओडिशा सरकार की सलाह पर 5 मई को ओडिशा में होने वाली एनईईटी परीक्षा को स्थगित कर दिया है। मंत्रालय किसी महामारी को फैलने से रोकने के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञों की टीमें भी भेज रहा है।
राहत कोशिशों की समीक्षा करते हुए कैबिनेट सचिव ने निर्देश दिया कि केंद्रीय मंत्रालयों और एजेंसियों के अधिकारियों को ओडिशा सरकार के करीबी संपर्क में रहना चाहिए और सभी जरूरी सहायता तेजी से मुहैया करानी चाहिए। भोजन, दवाइयां, पेयजल और अन्य आवश्यक वस्तुएं राज्यों की जरूरतों के मुताबिक हवाई मार्ग से भेजे जाने के लिए तैयार रखी गई हैं।
बयान में कहा गया है कि रेलवे और नागरिक विमानन मंत्रालयों ने चक्रवात प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री मुफ्त में पहुंचाने का इंतजाम किया है। आंध्रप्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल सरकारों के मुख्य एवं प्रधान सचिवों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एनसीएमसी की बैठक में हिस्सा लिया।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ), गृह, रक्षा, स्वास्थ्य, नागरिक विमानन, रेलवे, पेट्रोलियम, ऊर्जा, दूरसंचार, इस्पात, पेयजल एवं स्वच्छता, खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालयों, मौसम विभाग, एनडीएमए और एनडीआरएफ के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में शामिल हुए।
भारतीय नौसेना ने ओडिशा में बचाव एवं पुनर्वास प्रयास शरू किया : भारतीय नौसेना के पूर्वी नौसैन्य कमान ने ओडिशा में भीषण चक्रवाती तूफान 'फानी' से मची तबाही के बाद बड़े पैमाने पर बचाव एवं पुनर्वास के प्रयास शुरू किए।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक समुद्र में स्थिति का जायजा लेने के लिए नौसेना के डोर्नियर विमान ने 2 उड़ानें भरीं और मंदिर नगरी पुरी के आस-पास बड़े पैमाने पर हुई बर्बादी की जानकारी दी। इसमें कहा गया कि पूर्वी नौसैन्य कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ ने स्वयं तूफान प्रभावित इलाकों का हवाई निरीक्षण किया और राहत कार्यों की समीक्षा के लिए आईएनएस चिल्का का दौरा किया।
अधिकारियों ने बताया कि अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान ने शुक्रवार को पुरी में दस्तक दी थी जिससे यहां भारी बारिश हुई और 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। इसके चलते झोपड़ियां उजड़ गईं, कई गांवों एवं नगरों को डुबाने के बाद यह तूफान कमजोर पड़ने के साथ ही पश्चिम बंगाल पहुंच गया। हवाई निरीक्षणों के आधार पर पूर्वी नौसैन्य कमान राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन के साथ मिलकर पुरी एवं उसके उपनगरों के इर्द-गिर्द 3 दिशाओं से राहत एवं पुनर्वास कार्यों को अंजाम दे रहा है।
विज्ञप्ति में कहा गया कि खाद्य सामग्री, जरूरी दवाओं, कपड़ों, कीटनाशकों, मरम्मत के सामान, टूटे पेड़ों को हटाने के लिए आरी, टॉर्च, बैटरियां आदि से भरे राहत एवं पुनर्वास 'ब्रिक्स' एवं 'पैलेट्स' (कंटेनरीकृत राहत भंडारों के लिए नौसैन्य भाषा) को आईएनएस चिल्का भेज दिया गया है। इसी तरह पूर्वी बेड़े के 3 पोत भी बचाव एवं पुनर्वास प्रयासों में लगे हुए है। (भाषा)