शुक्रवार, 20 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Existential threat to butterfly species
Written By
Last Updated : गुरुवार, 5 अगस्त 2021 (16:09 IST)

भारत की 35 तितली प्रजातियों पर अस्तित्व का संकट

भारत की 35 तितली प्रजातियों पर अस्तित्व का संकट - Existential threat to butterfly species
नई दिल्ली, तितलियों की आबादी को बेहतर पर्यावरणीय दशाओं के संकेतक के तौर पर जाना जाता है। परागण, खाद्य श्रृंखला और पारिस्थितिक तंत्र में भी तितलियों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। लेकिन, प्रदूषण, कीटनाशकों के उपयोग, जंगलों की कटाई और जलवायु परिवर्तन की मार पड़ने से तितलियों की आबादी पर संकट मंडराने लगा है।

भारतीय प्राणी विज्ञान सर्वेक्षण के अनुसार भारत में तितलियों की 1,318 प्रजातियां दर्ज की गई हैं। अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आईसीयूएन) के अनुसार भारत में तितलियों की 35 प्रजातियां अपने अस्तित्व के लिहाज से गंभीर रूप से संकटग्रस्त हैं। आईसीयूएन ने भारत की तितलियों की 43 प्रजातियों को संकटग्रस्त और तीन तितली प्रजातियों को न्यूनतम रूप से विचारणीय संकटग्रस्त श्रेणियों में रखा है। संसद में एक प्रश्न के उत्तर में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री अश्विनी चौबे ने यह जानकारी प्रदान की है।

अगर तितलियां पृथ्वी से खत्म हो जाएं तो सेब से लेकर कॉफी तक कई खाद्य फसलों के स्वाद से हम वंचित हो जाएंगे। तितलियां जब फूलों का रस पीकर परागण करती हैं तो फूलों का रूपांतरण फल में संभव हो पाता है। संयुक्त राष्ट्र की संस्था फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार दुनिया की 75 फीसदी खेती परागण पर निर्भर करती है। पर्यावरणविदों का मानना है कि तितलियों के खत्म होने का असर दूसरे जीवों पर भी पड़ सकता है क्योंकि उनके अंडे से बने लार्वा और प्यूपा कई दूसरे जीवों का भोजन होते हैं।

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री ने लोकसभा में बताया है कि तितलियों की संख्या में सुधार के लिए राज्य सरकारों को तितली पार्कों की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र के बाद मध्यप्रदेश के इंदौर और भोपाल जैसे शहरों में ऐसे पार्क बनाये गए हैं।

भोपाल स्थित तितली पार्क में पहले ही साल तकरीबन तीन दर्जन तितलियों की प्रजातियां देखी गई हैं। इनमें कॉमन जेजवेल, ग्राम ब्लू, कॉमन बेंडेड ऑल, कॉमन इवनिंग ब्राउन, ब्लू टाइगर, प्लेन टाइगर, स्ट्रिप्ड टाइगर, कॉमन इंडियन क्रो और कॉमन ग्रास येलो जैसी प्रजातियाँ शामिल हैं।

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री ने बताया है कि भारत में दुर्लभ और संकटग्रस्त तितलियों की प्रजातियों के संरक्षण के लिए विभिन्न राज्यों में राष्ट्रीय उद्यानों, वन्यजीव अभ्यारण्य और जैवमंडल रिजर्व स्थापित किए गए हैं। इसके साथ ही, भारत सरकार के वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची-1 में तितलियों की 126 प्रजातियां, अनुसूची-2 के तहत 299 प्रजातियाँ और अनुसूची-4 के अंतर्गत 18 प्रजातियां शामिल हैं।

भारतीय प्राणी विज्ञान सर्वेक्षण ने दुर्लभ और संकटग्रस्त तितलियों की प्रजातियों के संरक्षण हेतु राष्ट्रीय हिमालयी अध्ययन मिशन के तहत हिमालयी क्षेत्र में सक्रिय परागणकों के रूप में तितलियों पर अध्ययन किया है। हालांकि, तितिलयों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए शोध किए जाने की आवश्यकता है।

भारत सरकार ने देश में दुर्लभ और संकटग्रस्त प्रजातियों के संरक्षण और सुरक्षा के लिए विभिन्न वन्यजीव संरक्षण अधिनियम तैयार किए हैं। दुर्लभ प्रजातियों के जंतुओं के अनुकूल वातावरण बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा रामसर स्थलों के रूप में नामित अंतरराष्ट्रीय महत्व की आर्द्र भूमियां और प्राकृतिक विरासत स्थल चिह्नित किए गए हैं। (इंडिया साइंस वायर)
ये भी पढ़ें
मोदी सरकार का बड़ा फैसला, कोरोना से अनाथ हुए बच्चों का 5 लाख तक का मुफ्त बीमा