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Last Modified: नई दिल्ली , रविवार, 8 जुलाई 2018 (17:14 IST)

बच्चा चोरी का डर बेवजह नहीं, वर्ष 2016 में देशभर से 55,000 बच्चे अगवा हुए

बच्चा चोरी का डर बेवजह नहीं, वर्ष 2016 में देशभर से 55,000 बच्चे अगवा हुए - Child theft Home Ministry kidnapping
नई दिल्ली। देश के विभिन्न हिस्सों में बच्चों के चोरी हो जाने का जो डर है, उसे पूरी तरह  बेबुनियाद नहीं कहा जा सकता। खासतौर पर गृह मंत्रालय की ओर से जारी वर्ष 2016 के आंकड़ों को देखते हुए जिनके मुताबिक उस वर्ष भारत से करीब 55,000 बच्चों को अगवा किया गया है और यह आंकड़ा 1 वर्ष पहले के आंकड़ों के मुकाबले 30 फीसदी अधिक है। 
 
गृह मंत्रालय की 2017-18 की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2016 में 54,723 बच्चे अगवा हुए लेकिन केवल 40.4 फीसदी मामलों में ही आरोप पत्र दाखिल किए गए। वर्ष 2016 में बच्चों के अपहरण के मामलों में दोषसिद्धि की दर महज 22.7 फीसदी रही। वर्ष 2015 में ऐसे 41,893 मामले दर्ज किए गए जबकि वर्ष 2014 में यह संख्या 37,854 थी। वर्ष 2017 के आंकड़े अभी प्रस्तुत नहीं किए गए हैं।
 
मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि हाल में हुए पीट-पीटकर हत्या के ज्यादातर मामलों के पीछे सोशल मीडिया पर बच्चा उठाने की अफवाहें थीं। आंकड़े बताते हैं कि बच्चों के अपहरण का डर, खासकर ग्रामीण इलाकों में पूरी तरह से बेबुनियाद नहीं है।
 
बृहस्पतिवार को गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से उन घटनाओं का पता लगाने को कहा था जिनमें सोशल मीडिया पर बच्चा उठाने की अफवाहों के बाद भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या की घटना को अंजाम दिया। बीते 2 महीने में बच्चा चोरी के संदेह में 20 से ज्यादा लोगों की पीट-पीटकर हत्या की गई। हाल की घटना 1 जुलाई को महाराष्ट्र के धुले में हुई जिसमें बच्चा चोर होने के शक में 5 लोगों की हत्या कर दी गई। (भाषा)
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