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Last Updated : शनिवार, 19 जुलाई 2025 (13:39 IST)

अपराध की दुनिया का सबसे करीबी दोस्‍त शेरू कैसे बन गया चंदन मिश्रा का जानी दुश्‍मन, सरेआम हत्‍या से बिहार में बवाल

chandan mishra
बिहार की अपराधिक कहानियों और राजनीति में इन दिनों चंदन मिश्रा का नाम काफी सुर्खियों में है। चंदन मिश्रा की सरेआम हत्‍या कर दी गई है। जिसने भी यह कांड देखा दहल उठा। इस कांड ने बिहार में राजनीतिक भूचाल आ गया है।  बता दें कि चंदन मिश्रा गैंगस्टर हुआ करता था, लेकिन पटना के पारस अस्पताल में उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। चंदन की हत्या किसी जमाने में उसके ही दोस्त रह चुके शेरू ने करवाई। ये हत्या इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि अपराधियों ने खुलेआम अस्पताल में फायरिंग की और फिर हथियार लहराते हुए मौके से फरार हो गए।

पहला मर्डर : साल 2007 में चंदन मिश्रा 12 साल का था। उसके पिता मंटू मिश्रा उस समय पंचायत के मुखिया थे। इसी समय क्रिकेट खेलने के दौरान चंदन का झगड़ा अपने एक पाटीदार शशिकांत से हो गया। शशिकांत ने चंदन के मुखिया पिता को चोर और भ्रष्ट कह दिया था। इसके बाद चंदन अपने घर गया, पिता का लाइसेंसी हथियार लिया और शशिकांत को गोली मार दी, जिससे शशिकांत की मौत हो गई।

शेरू से दोस्‍ती : पिता मंटू मिश्रा चंदन को थाने ले गए और पुलिस के हवाले कर दिया। नाबालिग होने की वजह से चंदन को रिमांड होम भेजा गया। यहां चंदन ढाई साल तक यहां हिरासत में रहा। हिरासत में शेरू सिंह से उसकी दोस्ती हुई थी, जिसे एक व्यक्ति की बेटी के साथ छेड़खानी के आरोप में रिमांड पर लाया गया था। यहां लाए जाने से पहले शेरू को इतना पीटा गया था कि रिमांड में उसकी तबीयत काफी खराब हो गई थी। उसका चलना-फिरना तक मुश्किल था। इस दौरान चंदन ने शेरू की काफी मदद और देखभाल की। दोनों पक्‍के दोस्‍त हो गए।

एक साथ तीन हत्‍याओं से दलहा शहर : दोनों की दोस्ती गहरी हो गई। इसी दौरान शेरू ने वहां भागने की योजना बनाई। चन्दन को भी इसके लिए तैयार किया और दोनों रिहाई के सिर्फ दो दिन पहले रिमांड होम से भाग गए। फरार होने के कुछ ही दिन बाद दोनों ने एक ही दिन में तीन हत्याएं की। दोनों ने मिलकर नौशाद मुखिया, इस्लाम मियां का लड़का और सुरेश खरवार इन तीनों की हत्या सिर्फ एक दिन में कर दी।

चंदन और शेरू में अदावत : शेरू का किसी बात को लेकर चंदन से विवाद हो गया। उम्र और क्राइम की दुनिया में शेरू जूनियर था और चंदन सीनियर था। 2014 में शुरू हुआ विवाद आगे बढ़ता गया। शेरू को एक हत्या मामले में पहले फांसी और फिर आजीवन कारावास की सजा हुई, जबकि चंदन को आजीवन कारावास की सजा हुई। चंदन के परिवार के अनुसार चंदन पर जेल में रहते कोई हत्या का आरोप नहीं लगा था। उसे उम्मीद थी कि उम्रकैद की सजा पूरी कर लेने के बाद वो रिहा हो जायेगा।

ये डर था शेरू को : हाल ही में अपने पिता और खुद के इलाज को लेकर ज़ब चंदन पैरोल पर बाहर आया, तो शेरू को लगा कि यदि ये बाहर आ गया तो फिर उसका वर्चस्व खत्म हो जायेगा। चंदन के रील और वीडियो देखकर उसे इस बात का और एहसास हुआ। पैरोल के दौरान चंदन के साथ काफी संख्या में लोग मिलने आ रहे थे, जिसका वीडियो भी सामने आ रहा था। चंदन के गांव से सिर्फ 2 किमी दूर शेरू का गांव था। पुरुलिया जेल में उसे सब जानकारी हो रही थी। चंदन के पिताजी को लीवर की प्रॉब्लम थी। एम्स अस्पताल में पिता का इलाज कराने के बाद चंदन अपना इलाज पारस में कराने आया था। डॉक्टर पिंटू ने चंदन का ऑपरेशन किया था। 16 जुलाई को उसे रिलीज होना था, लेकिन डॉक्टर पिंटू ने कहा कि एक दिन और रुक जाएं, 17 जुलाई को रिलीज कर देंगे। चंदन को पेरोल खत्म होने पर 18 जुलाई को जेल में हाजिर भी होना था।

और करवा दी हत्‍या : सुपारी देकर करवाई चंदन की हत्या चंदन के परिवार के अनुसार शेरू ने 10 लाख में तौसीफ को सुपारी दी थी। शेरू ने बक्सर के अपने 3 लड़के भी तौसीफ को दिए थे। तौसीफ़ ने अपने 2 लड़कों को साथ रखा। चंदन के परिवार के अनुसार चंदन को 32 गोली मारी गई थी। हॉस्पिटल में कमरे का गेट अंदर से लॉक नहीं होता था। इस वजह से सभी आरोपी अस्पताल के कमरे में घुसे और चंदन की गोली मारकर हत्या कर दी। घटना को अंजाम देने के बाद सभी आरोपी मौके से फरार हो गए। आरोपियों की तस्वीर सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है। फिलहाल पुलिस इन सभी की तलाश मेंजुटी हुई है।

मर्डर से पहले चंदन को कॉल : जब जेल से चंदन निकला तो शेरू ने चंदन को वीडियो कॉल किया। शेरू ने कहा- "का बाबा तू बड़ी घूम तार, पटना हम ना घूमेम, हम अंदरे रहेम? (आप बाहर घूम रहे हैं हैं, पटना हम नहीं घूमेंगे, हम अंदर ही रहेंगे?)। इसके बाद 15 जुलाई को जिस दिन चंदन का ऑपरेशन हुआ था, उस दिन भी शेरू ने वीडियो कॉल किया। शेरू ने इस दिन अपनी पत्नी से भी चंदन की बात करवाई, फिर बेटे को भी कॉल पर जोड़ा। शेरू ने कहा- "बेटा के भी आशीर्वाद दे दीं"। चंदन ने उस दिन शेरू से कहा- "तुम भी बाहर जब निकलोगे, हम लोगों को जो करना था वो हमने कर लिया, अब ये सब छोड़ देना है, अब आगे का जो काम है वह करना है।" चंदन के करीबी लोगों का कहना है कि शेरू ने हत्या से पहले चंदन का भरोसा जीतने की कोशिश की।
Edited By: Navin Rangiyal
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