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Last Updated : गुरुवार, 23 अक्टूबर 2025 (20:10 IST)

बिहार के बाद 5 और राज्यों में SIR की प्रक्रिया शुरू, 2026 में होंगे विधानसभा चुनाव

ECI
SIR process begins in five states: चुनाव आयोग ने बिहार के बाद 5 और राज्यों में एसआईआर (SIR) की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इन सभी राज्यों में 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव आयोग ने नई दिल्ली में आयोजित CEOs और DEOs की दो दिवसीय राष्ट्रीय बैठक में SIR की सभी बारीकियों और इसकी जरूरतों पर विस्तार से चर्चा की। इसके साथ ही चुनावी राज्यों में एसआईआर की प्रक्रिया भी शुरू हो गई। उल्लेखनीय है कि बिहार में एसआईआर की प्रक्रिया काफी विवादों में रही थी।
 
इन राज्यों में होंगे चुनाव : बिहार के बाद अब असम, तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में SIR की प्रक्रिया की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इन राज्यों में मार्च-अप्रैल 2'25 में विधानसभा चुनाव होंगे। चुनाव आयोग ने राज्य चुनाव आयुक्तों के साथ मिलकर इसके लिए व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस समीक्षा बैठक की अध्यक्षता मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने की। 
 
उन्होंने इस संबंध में राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों तथा संबंधित राज्यों के चुनाव अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। चुनाव आयोग ने मतदाता जागरूकता पर ज्यादा जोर दिया है। चुनाव आयोग ने डिजिटल माध्यमों के ज्यादा से ज्यादा प्रयोगी और शिकायत निवारण के त्वरित समाधान को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश भी दिए हैं। 
 
क्या है एसआईआर प्रक्रिया : एसआईआर प्रक्रिया का पूरा नाम 'स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन' या विशेष सघन पुनरीक्षण है। यह भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of Indi) द्वारा मतदाता सूची को त्रुटिहीन और पूरी तरह से अपडेट करने के लिए शुरू की गई एक व्यापक प्रक्रिया है। यह नियमित रूप से होने वाले संक्षिप्त पुनरीक्षण से अलग है। इस प्रक्रिया का मुख्‍य उद्देश्य मतदाता सूची से मृतक, डुप्लीकेट या अपात्र मतदाताओं के नामों को हटाना और छूटे हुए पात्र नागरिकों के नाम जोड़ना है। ताकि सूची पूरी तरह से सटीक और शुद्ध हो।
 
यह एक गहन और व्यापक अभियान है, जिसमें पिछली बार के गहन पुनरीक्षण (जो कई राज्यों में 2002-2003 के आसपास हुआ था) के बाद से बनी मतदाता सूची को एक तरह से नए सिरे से तैयार किया जाता है। इसमें बूथ लेवल अधिकारी (BLO) घर-घर जाकर मतदाताओं का सत्यापन करते हैं। इस प्रक्रिया के तहत मतदाताओं को सूची में अपना नाम बनाए रखने के लिए पुनः फॉर्म जमा करने होते हैं। उन मतदाताओं को, जिनका नाम पिछली बार के गहन पुनरीक्षण के बाद जोड़ा गया था, अपनी पात्रता और नागरिकता साबित करने के लिए जन्मतिथि/जन्मस्थान से जुड़े दस्तावेज (जैसे पासपोर्ट, जन्म प्रमाण पत्र, या चुनाव आयोग द्वारा निर्दिष्ट अन्य दस्तावेज) जमा करने की आवश्यकता होती है।
 
यह प्रक्रिया जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 21 (3) के तहत और संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत चुनाव आयोग के व्यापक विवेकाधीन अधिकारों के तहत की जाती है। चुनाव आयोग ने सबसे पहले बिहार में SIR प्रक्रिया शुरू की, जिसके बाद अब इसे पूरे देश में चरणबद्ध तरीके से लागू करने की तैयारी है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य 'एक व्यक्ति, एक वोट' के सिद्धांत को मजबूत करना है, लेकिन दस्तावेजीकरण की आवश्यकता के कारण कई राजनीतिक दलों ने इसको लेकर चिंता जताई है। 
Edited by: Vrijendra Singh Jhala