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Last Updated : शनिवार, 21 दिसंबर 2024 (14:35 IST)

राजनेताओं से लेकर अफसरों की कृपा से करोड़ों की काली कमाई से आसामी बना सौरभ शर्मा?

राजनेताओं से लेकर अफसरों की कृपा से करोड़ों की काली कमाई से आसामी बना सौरभ शर्मा? - Black earnings worth crores of former transport department constable Saurabh Sharma exposed
मध्यप्रदेश में परिवहन विभाग के पूर्व कॉस्टबेल सौरभ शर्मा के ठिकानों से करोड़ों की काली कमाई का खुलासा होने के बाद सियासी गलियारों से लेकर अफसरशाही तक हड़कंप मचा हुआ है। सौरभ शर्मा ने अपने दफ्तर में जिस तरह जमीन के अंदर क्विटलों चांदी और कैश छिपा कर रखा था उसके बाद इस बात की संभावना बढ़ गई है कि आने वाले समय में और अधिक काली कमाई का खुलासा होगा। ग्वालियर के एक सामान्य परिवार से आने वाले सौरभ शर्मा आखिर परिवहन विभाग की मामूली सी सात साल की नौकरी में किसकी कृपा से करोड़ों की काली कमाई का आसामी बना गया, अब इसकी पड़ताल शुरु हो गई है।

सात साल की नौकरी में करोड़ों की काली कमाई-सौरभ शर्मा ने भले ही परिवहन विभाग में कॉस्टेबल पद पर सात साल की नौकरी की हो लेकिन इन सात सालों में उसने राजनेताओं और अफसरों के आशीर्वाद से करोड़ों की काली कमाई का साम्राज्य खड़ा कर लिया। भोपाल में रहने वाले पूर्व ट्रांसपोर्ट कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा के ठिकानों पर जब लोकायुक्त और इनकम टैक्स की टीम ने कार्रवाई की तो काली कमाई का जखीरा देखकर अधिकारियों के भी  होश उड़ गए। अब तक की कार्रवाई में सौरभ शर्मा के ठिकानों से 3 करोड़ रुपए की नगदी,50 लाख रुपए का सोना,दो क्विटंल चांदी की सिल्ली, चांदी के 10 किलो जेवर मिले है। इसके साथ  भोपाल में एक निर्माणाधीन बंगला और एक स्कूल , भोपाल, इंदौर और ग्वालियर शहरों में प्रॉपर्टी और घर में नोट गिनने की  सात मशीन मिली। सौरभ शर्मा ने महज सात साल ही नौकरी में करोड़ों की काली कमाई का साम्राज्य खड़ा किया।

सोना लदी लावारिस कार से सौरभ शर्मा का कनेक्शन-भोपाल में मेंडोरी गांव से जिस एसयूवी गाड़ी से 54 किलो सोना और 10 करोड़ बरामद हुआ है वहां सौरभ शर्मा के करीबी चेतन सिंह गौर के नाम पर रजिस्टर्ड है। सौरभ शर्मा मूल रूप से मध्य प्रदेश के ग्वालियर का रहने वाला है. जबकि उसका दोस्त चेतन गौर भी ग्वालियर का ही रहने वाला है। ग्वालियर के आरटीओ नंबर से रजिस्टर्ड जिस इनोवा क्रिस्टा से 54 किलो सोना और 10 करोड़ नगद मिला है, उसका उपयोग सौरभ सिंह ही करता है। बताया जा रहा है कि चेतन सिंह,  सौरभ शर्मा का बेहद नजदीकी है। सौरभ शर्मा के साथ बतौर ड्राइवर का काम शुरू करने वाले चेतन सिंह आज सौरभ सिंह का सबसे बड़ा राजदार है और सौरभ के रियल एस्सटेट से जुड़े काम वहीं संभाल रहा है। परिवहन विभाग से लेकर कारोबार में चेतन सिंह ने जिम्मेदारी संभाल रखी थी। मूल रूप से ग्वालियर का रहने वाले चेतन सिंह करीब छह साल पहले ग्वालियर से भोपाल शिफ्ट हो गया था। 

पूर्व परिवहन मंत्री से सौरभ शर्मा की नजदीकी-सौरभ शर्मा की नजदीक राजनेताओं के साथ अफसरों के साथ थी। प्रदेश सरकार के एक पूर्व परिवहन मंत्री सौरभ शर्मा की नजदीकी किसी से छिपी नहीं है। सौरभ शर्मा को सियासी संरक्षण किसी हद तक हासिल था इसको इससे ही समझा जा सकता है कि सौरभ के पिता हेल्थ विभाग में पदस्थ थे लेकिन उसको अनुकंपा नियुक्ति मिली परिवहन विभाग में मिली। परिवहन विभा में भले सौरभ शर्मा बतौर कॉस्टेबल तैनात था लेकिन परिवहन विभाग के चेकपोस्ट से लेकर जिलों में तैनात होने वाले अफसरों में उसका सीधा दखल था। सौरभ शर्मा को तत्कालीन परिवहन मंत्री और परिवहन विभाग के सीनियर अफसरों का वरदहस्त हासिल था। सौरभ शर्मा ही परिवहन विभाग के चेकपोस्ट पर तैनात होने वाले अफसरों की लिस्ट बनाता था।

वहीं मध्यप्रदेश में सत्तारूढ़ पार्टी के बड़े नेता और पूर्व परिवहन मंत्री के मौजूदा सरकार में वजन कम होने पर सौरभ शर्मा ने बदलते वक्त की नजाकत भांप का परिवहन विभाग से वीआरएस ले लिया और और देश छोड़कर दुबई जा बैठा। सौरभ शर्मा ने परिवहन विभाग में सात साल की नौकरी की और 2023 में उसने नौकरी से इस्तीफा दे दिया। बताते है कि नौकरी से इस्तीफा देने में उसने तीन महीने का नोटिस पीरियड भी पूरा नहीं किया था। 2016 से लेकर 2023 तक परिवहन विभाग में सौरभ शर्मा की तूती बोलती थी और अब छापे के बाद करोड़ों की काली कमाई का सीधा कनेक्शन परिवहन विभाग से जुड़ता दिख रहा है।

सियासत का निशाना बन गया सौरभ शर्मा?- सालों से करोड़ों की काली कमाई का आसामी बना सौरभ शर्मा का क्या सियासत का शिकार बन गया है, इसकी भी चर्चा अब तेज हो गई है। सागर से आने वाले पूर्व परिवहन मंत्री से सौरभ शर्मा की नजदीकी किसी से छिपी नहीं है और बीते दिनों जिस तरह से पूर्व परिवहन मंत्री ने प्रदेश भाजपा संगठन प्रमुख के साथ सरकार के मंत्रियों पर निशाना साधा उसको लेकर प्रदेश की सियासत में भूचाल आया हुआ है। भाजपा संगठन प्रमुख पर हमला बोलने के तुरंत बाद जिस तरह से सौरभ शर्मा के ठिकानों पर लोकायुक्त का छापा पड़ा, उससे इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि सौरभ शर्मा का टारगेट कर निशाना कहीं और साधा गया है। ऐसे में अब आने वाले समय में अगर सौरभ शर्मा की जांच की आंच भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व परिवहन मंत्री तक पहुंचे तो अचरज नहीं होगा।
 
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