Madhya Pradesh News : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बाबा साहब अंबेडकर को नमन करते हुए उनकी विपरीत परिस्थितियों में शिक्षा दीक्षा ग्रहण करने को गौरव की बात कह अनुकरणीय बताया। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने जो सीखा वो समाज को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि युवाओं की स्किल के विकास और स्पष्ट दिशा देने के साथ ही विश्वविद्यालय की आत्मनिर्भरता के लिए प्रयास किए जाएंगे। राज्यपाल पटेल ने कहा कि हमारा संविधान प्रेरणादायक जीवंत दस्तावेज और स्वतंत्र भारत का आधुनिक धर्म ग्रंथ है, जिसका समर्पित भाव से पालन, हर भारतीय का परम कर्तव्य है।
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने सम्मानपूर्वक जीवन जीने के लिए समरस, समावेशी राष्ट्र के संविधान निर्माता डॉक्टर बाबासाहेब अंबेडकर को नमन करते हुए कहा कि बाबा साहब ने अपनी अद्भुत दूरदृष्टि से हमें संविधान के रूप में जाति, लिंग, भाषा, धर्म, धन और शक्ति बल आदि के भेदभावों से मुक्त समावेशी, समरस समाज की धरोहर सौंपी है।
राज्यपाल पटेल आज महू में डॉ. बीआर अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय के 6वें दीक्षांत समारोह में अध्यक्षीय उद्बोधन दे रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य में आयोजित समारोह में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ के पूर्व कुलाधिपति डॉ. प्रकाश सी बरततूनिया, विधायक सुश्री उषा ठाकुर अतिथि बतौर उपस्थित थे।
राज्यपाल पटेल ने कहा कि हमारा संविधान प्रेरणादायक जीवंत दस्तावेज और स्वतंत्र भारत का आधुनिक धर्म ग्रंथ है, जिसका समर्पित भाव से पालन, हर भारतीय का परम कर्तव्य है। विद्यार्थियों का दायित्व है कि संविधान का अपने आचरण, व्यवहार में समर्थन और संरक्षण करें। समाज के तुलनात्मक रूप से वंचित, पिछड़े वर्गों, समुदायों के भाई-बहनों के विकास की जवाबदारी, जिम्मेदारी के साथ स्वीकार करें।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा साहेब के सपनों के अनुरूप राष्ट्र निर्माण के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति के द्वारा शिक्षण संस्थानों को ऐसे नागरिकों को तैयार करने का अवसर दिया है। यह जरूरी है कि विश्वविद्यालय और शिक्षक, हमारी संस्कृति के अनुरूप देश और समाज की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सामाजिक समृद्धि और समानता के प्रति समर्पित युवा ध्वज वाहक तैयार करें।
राज्यपाल ने शिक्षकों से अनुरोध किया कि शिक्षण प्रणाली को वह विद्यार्थियों की उद्यमिता को बढ़ावा देने, नवाचार की प्रेरणा देने, चिंतन, नेतृत्व के गुणों के साथ सामाजिक सरोकारों में सहभागिता के संस्कार प्रदान करने वाली बनाएं। युवा ही हमारी सबसे बड़ी शक्ति है, देश जब आजादी की सौवीं सालगिरह मनाएगा, देश का नेतृत्व युवा कर रहे होंगे, उस समय विकसित भारत का स्वरूप कैसा हो उसके लिए युवाओं को आज से ही कार्य करना होगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बाबा साहब अंबेडकर को नमन करते हुए उनकी विपरीत परिस्थितियों में शिक्षा दीक्षा ग्रहण करने को गौरव की बात कह अनुकरणीय बताया। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने जो सीखा वो समाज को समर्पित किया। देश का संविधान इस बात का प्रमाण है जिसमें भारत की विविधता भरी संस्कृति, जनजाति नागरिक आदि को एक साथ जोड़ा गया है। बाबा साहेब ने चित्रों के संयोजन से संविधान को गौरवान्वित किया है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री रहने के दौरान इस विश्वविद्यालय में हमने कई संकाय शुरू किए, अब और जरूरत के मुताबिक नए संकाय खोले जाएंगे। जनवरी माह में राज्यपाल की अध्यक्षता में कुलगुरुओं की बैठक में इस पर निर्णय लिए जाने का मुख्यमंत्री ने भरोसा जताया। उन्होंने कहा कि युवाओं की स्किल के विकास और स्पष्ट दिशा देने के साथ ही विश्वविद्यालय की आत्मनिर्भरता के लिए प्रयास किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने दीक्षांत समारोह के माध्यम से विद्यार्थियों को उपाधि देने के सिलसिले को आरम्भ करने में राज्यपाल की पहल का अभिनंदन भी किया। उन्होंने विद्यार्थियों को शिक्षा दीक्षा के ज़रिए अपना भविष्य उज्जवल बनाने की शुभकामनाएं भी दीं। समारोह को सारस्वत अतिथि बरतूनिया ने भी संबोधित किया।
दीक्षांत समारोह में संस्थान के 16 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई। अंबेडकर विश्वविद्यालय के द्वारा विगत 5 वर्षों में 100 से अधिक शोधार्थियों ने पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है। वहीं बीते सत्र में विश्वविद्यालय से 851 विद्यार्थियों ने डिग्री हासिल की है। इसमें से पीएचडी करने वाले विद्यार्थियों को मंच पर डिग्री प्रदान की गई।
आरंभ में अतिथियों द्वारा मां सरस्वती, भगवान बुद्ध और बाबासाहेब की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया गया और दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया गया। स्वागत उद्बोधन विश्वविद्यालय के कुलगुरु रामलाल अत्राम ने दिया। आभार कुलसचिव ने माना। इस अवसर पर संभागायुक्त दीपक सिंह, आईजी अनुराग, कलेक्टर आशीष सिंह भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने सड़क पर उतारा अपना हेलीकॉप्टर
इंदौर मध्य प्रदेश का प्रतिनिधि चेहरा है। मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव के नेतृत्व में निरंतर विकास के पथ पर अग्रसर। इन्दौर नित नई मिसाल पेश करता है। आज इंदौर दौरे पर आए मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने जब अपना हेलीकॉप्टर इन्दौर विकास प्राधिकरण द्वारा बनाए जा रही MR 12 सड़क पर उतारा तो इस विकास की नींव पर जैसे पुख़्ता मुहर लग गई।
इंदौर विकास प्राधिकरण के प्रशासक संभागायुक्त दीपक सिंह और कलेक्टर आशीष मुख्यमंत्री के साथ इस सड़क पर पहुंचे और इसकी मज़बूती और उपयोगिता की जानकारी उन्हें दी। लवकुश चौराहे से बायपास तक लगभग साढ़े 9 किलोमीटर लंबी और 60 मीटर चौड़ी इस सड़क पर मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर उतरा और यहीं से रवाना भी हुआ। इस सड़क की कुल लागत 185 करोड़ रुपए है।