- ड्रोन और कुत्तों से भी तलाश जारी
-
दुकानदारों ने किया प्रदर्शन
-
शिवखोड़ी में कम हुई श्रद्धालुओं की संख्या
रियासी हमले में शामिल आतंकियों को तलाशने और उन्हें मार गिराने की कवायद के तहत एनआईए (NIA) भी जुटी हुई है और हजारों सैनिक भी। दर्जनों मुश्की कुत्ते हमलावरों की थाह पाने की कोशिश में हैं जबकि बीसियों ड्रोन भी आसमान से सैनिकों की आंखें बन धरती पर नजरें रखे हुए हैं। इस बीच इस हमले के विरोध में रियासी में बंद रहा और शिवखोड़ी में पहुंचने वालों की संख्या बहुत कम रही।
रियासी जिले में श्रद्धालुओं से भरी बस पर हुए आतंकी हमले की जांच एनआईए के हवाले कर दी गई है। एनआईए की टीम पुलिस की मदद करने और जमीनी हालात का आकलन करने के लिए आज सुबह जम्मू संभाग के जिला रियासी पहुंच गई थी। एनआईए की फॉरेंसिक टीम भी जमीनी स्तर से साक्ष्य जुटाने में मदद करने की कोशिश कर रही है। अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) और फोरेंसिक विभाग की टीमों ने आतंकवादी हमले के स्थल का दौरा किया और जांच शुरू की।
रियासी में आतंकी हमले को लेकर शिवखोड़ी के आधार शिविर रनसू में सोमवार को बाजार भी बंद रहा। दुकानदारों ने दुकानें बंद रखीं। घोड़ा, पिट्ठू और पालकी की सेवा देने वाले लोगों ने सोमवार को हमले के विरोध में अपनी सेवाएं बंद रखी। दुकानदारों ने बाजार में एक जगह एकत्रित होकर धरना दिया। इस दौरान हमले पर कड़ा रोष जताया गया। साथ ही हमले में मारे गए लोगों के परिजनों संग संवेदनाएं व्यक्त कीं। इसके साथ ही घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की।
रियासी में पुलिस, एसओजी, सीआरपीएफ, सेना के जवानों द्वारा तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। वन क्षेत्र में तलाशी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। रविवार की शाम को रियासी में तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक बस पर आतंकवादियों ने हमला किया था, जिसमें एक मासूम बच्चे समेत 9 श्रद्धालुओं की जान चली गई थी, जबकि कई गंभीर घायल हैं।
अधिकारियों ने बताया कि सेना, पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) समेत सुरक्षा बलों ने राजौरी जिले की सीमा से लगे तेरयाथ-पोनी-शिव खोरी इलाके की बहुआयामी घेराबंदी कर दी है। उन्होंने बताया कि ड्रोन और खोजी कुत्तों समेत निगरानी उपकरणों से लैस होकर इलाके और जिले के आसपास के इलाकों में व्यापक तलाशी अभियान शुरू हो गया है। सूत्रों ने बताया कि हमले में शामिल आतंकवादियों के पड़ोसी राजौरी और रियासी के ऊपरी इलाकों में छिपे होने की आशंका है।
उन्होंने बताया कि इस इलाके में घने जंगल और गहरी खाइयां हैं। रियासी की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मोहिता शर्मा ने बताया कि इलाके में तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है। उन्हें (आतंकवादियों को) पकड़ने के प्रयास जारी हैं। जानकारी के अनुसार, हमले में दो आतंकवादी शामिल थे।
दुकानदारों और स्थानीय लोगों ने जम्मू कश्मीर प्रशासन से आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने रियासी से पौनी और आधार शिविर व शिवखोड़ी यात्रा मार्ग पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने की मांग की। वहीं, रविवार को हुए हमले के बाद सोमवार को शिवखोड़ी धाम में यात्रियों की आवाजाही आम दिनों के मुकाबले कुछ कम दिखी।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को जीएमसी और नारायणा अस्पताल में घायल यात्रियों से मुलाकात की और कहा कि यह आतंकवादी हमला जम्मू क्षेत्र में अशांति फैलाने की नापाक साजिश का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि ऐसी कोशिशों को नाकाम कर दिया जाएगा।
अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को लेकर चिंता : अमरनाथ यात्रा के शुरू होने से 20 दिन पहले एक यात्री बस पर हुए आतंकी हमले में 10 लोगों की मौत ने सुरक्षाधिकारियों और प्रशासन के पांव तले से जमीन इसलिए खिसका दी है क्योंकि उन्हें इस बात का अंदाजा भी नहीं था कि आतंकी इस तरह से श्रद्धालुओं को निशाना बना सकते हैं।
रियासी जिले के पौनी में रविवार शाम को श्रद्धालुओं की बस पर आतंकी हमले के बाद राजौरी, पुंछ, कटड़ा के अतिरिक्घ्त अमरनाथ यात्रा मार्ग के संवेदनशील ठिकानों पर भी हाई अलर्ट बरतने को कहा गया है। राजौरी जिले के कालाकोट उपमंडल और बुद्धल तहसील के कई जंगली इलाकों की घेराबंदी कर सुरक्षाबलों ने बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन शुरू दिया है, ताकि हमला करने के बाद आतंकी इन जंगलों में पनाह लें तो उन्हें ढेर किया जा सके।
पिछले कुछ सालों में जम्मू कश्मीर में हुए बड़े आतंकी हमले
28 अप्रैल, 2024 : उधमपुर जिले के बसंतगढ़ में आतंकी हमले में एक ग्राम रक्षा गार्ड (वीडीसी) शहीद हो गया। आतंकी भाग निकले।
22 अप्रैल, 2024 : राजौरी जिले के शाहदरा शरीफ में एक समाज कल्याण विभाग (एसडब्ल्यूडी) अधिकारी की आतंकियों ने हत्या कर दी। उसका भाई, एक प्रादेशिक सेना का जवान, जो निशाना था, बच गया।
21 दिसंबर, 2023 : पुंछ जिले के सुरनकोट के डेरा की गली में आतंकी हमले में सेना के पांच जवान शहीद हो गए और दो अन्य घायल हो गए। अगले दिन हिरासत में लिए गए चार नागरिकों की मौत हो गई।
22 नवंबर, 2023 : राजौरी जिले के कालाकोट तहसील के धर्मशाल इलाके के बाजीमाल में दो दिनों तक चली मुठभेड़ में दो कैप्टन समेत पांच जवान शहीद हो गए, जबकि दो विदेशी आतंकी मारे गए।
5 मई, 2023 : राजौरी के कंडी में एक आईईडी विस्फोट में सेना के पांच पैरा-कमांडो शहीद हो गए और मेजर घायल हो गए।
18 जुलाई 2023 : पुंछ के सुरनकोट तहसील के सिंधरा टॉप पर सेना ने चार खूंखार पाकिस्तानी आतंकवादियों को मार गिराया।
20 अप्रैल, 2023 : पुंछ जिले के मेंढर तहसील के भट्टा दुरियन में सेना के पांच बहादुरों ने अपने प्राणों की आहुति दी।
1 जनवरी, 2023 : राजौरी जिले के ढांगरी गांव में दो विदेशी आतंकवादियों द्वारा की गई गोलीबारी और आईईडी विस्फोट में अल्पसंख्यक समुदाय के सात नागरिक मारे गए, जिनमें से दो नाबालिग थे।
11 अगस्त, 2022 : राजौरी के दरहाल इलाके के परगल में एक सेना शिविर पर हमले के दौरान सेना के 5 जवान शहीद हो गए और दो फिदायीन मारे गए।
18 दिसंबर, 2022 : राजौरी में अल्फा गेट के बाहर एक आतंकवादी हमले में दो नागरिक मारे गए।
मार्च-अप्रैल 2022 : राजौरी जिले की कोटरंका तहसील में 28 दिनों के भीतर पुलिस, मजदूरों, विवाह घर आदि को निशाना बनाकर चार विस्फोट हुए, लेकिन बहुत कम नुकसान हुआ। बाद में पुलिस ने सभी विस्फोटों की जांच की।
11 अक्टूबर, 2021 : सुरनकोट के चमरेर जंगलों में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में एक जेसीओ समेत पांच सेना के जवान शहीद हो गए।
16 अक्टूबर, 2021 : पुंछ के मेंढर तहसील के भट्टा दुरियन में आतंकवादियों के एक ही समूह के साथ मुठभेड़ में एक और जेसीओ समेत चार और सैनिकों की जान चली गई।
30 अक्टूबर, 2021 : राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में एक लेफ्टिनेंट समेत सेना के दो जवान माइन विस्फोट का शिकार हो गए।