रविवार, 28 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. जम्मू-कश्मीर न्यूज़
  4. 40 days of severe cold weather begins in Kashmir
Written By Author सुरेश एस डुग्गर
Last Updated : बुधवार, 21 दिसंबर 2022 (10:38 IST)

बर्फ की आस में भयानक सर्दी के साथ शुरू हुआ चिल्लेकलां कश्मीर में

बर्फ की आस में भयानक सर्दी के साथ शुरू हुआ चिल्लेकलां कश्मीर में - 40 days of severe cold weather begins in Kashmir
जम्मू। कश्मीर में 40 दिनों का भयानक सर्दी का मौसम, जिसे स्थानीय भाषा में चिल्लेकलां कहा जाता है, सूखे के साथ ही आरंभ हुआ है। हालांकि कश्मीरियों को आस है कि जल्द बर्फबारी होगी और सूखे से निजात मिलेगी। वैसे मौसम विज्ञान विभाग का कहना था कि चिल्लेकलां पर मौसम मुख्य रूप से आंशिक रूप से बादल छाए रहने के लिए साफ है और 26 दिसंबर से बर्फबारी हो सकती है।
 
इतना जरूर था कि श्रीनगर में तापमान शून्य से 3.4 डिग्री सेल्सियस नीचे गिरने के कारण रात के दौरान डल झील की ऊपरी पानी की परत कुछ क्षेत्रों में जम गई थी। झील पर रहने वाले एक स्थानीय निवासी अब्दुल रशीद का कहना था कि झील के अंदरुनी हिस्से जम गए हैं और हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले दिनों में झील पूरी तरह से जम जाएगी, क्योंकि ठंड तेज हो रही है। कश्मीर के सभी महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों पर रात के दौरान पारा शून्य डिग्री से नीचे चला गया है।
 
जानकारी के लिए कश्मीर की सर्दी 3 चरणों में समाप्त हो जाती है, जो 21 दिसंबर (चिल्लेकलां) से 40 दिनों की तीव्र अवधि के साथ शुरू होती है, इसके बाद 20 और दिन कम तीव्र (चिल्ले खुर्द) और अंत में 10 दिनों की हल्की ठंड (चिल्ले बच्चा) होती है।
 
मौसम विभाग के अधिकारियों के मुताबिक नवंबर और दिसंबर के महीने अब तक के प्रमुख हिस्से के लिए शुष्क थे और इस साल कश्मीर में औसत बारिश या बर्फबारी दर्ज की गई। इसी तरह जम्मू संभाग ने 4 मानसून महीनों में 886 मिमी औसत वर्षा का अनुभव किया, जो सामान्य 826 मिमी की तुलना में 7 प्रतिशत अधिक है।
 
क्या है चिल्लेकलां?
 
कश्मीर में 21 और 22 दिसंबर की रात से सर्दी के मौसम की शुरुआत मानी जाती है। करीब 40 दिनों तक के मौसम को चिल्लेकलां कहा जाता है। चिल्लेकलां करीब 40 दिनों तक चलता है और उसके बाद चिल्ले खुर्द और फिर चिल्ले बच्चा का मौसम आ जाता है।
 
दरअसल, कश्मीर घाटी एक सर्द इलाका है। यहां साल के तकरीब 7 महीनों में मौसम ठंडा ही रहता है। सर्दियों का मौसम शुरू होते ही तापमान में गिरवाट आना शुरू हो जाती है और धीरे-धीरे यह जमाव बिंदु से नीचे चला जाता है जिससे समूची वादी शीतलहर की चपेट में आ जाती है।
 
21 दिसंबर से वादी में सर्दियों का सबसे कठिन दौर 40 दिवसीय चिल्लेकलां शुरू हो जाता है। चिल्लेकलां में कडा़के की ठंड पड़ती है। आसमान घने बादलों से ढंका रहता है। इस दौरान अमूमन बर्फबारी होती है। तापमान जमाव बिंदु से नीचे बना रहता है जिसके चलते तमाम जलस्रोत जम जाते हैं। चिल्लेकलां के बाद 20 दिवसीय चिल्ले खुर्द शुरू होता है।
 
चिल्ले खुर्द चिल्लेकलां में पड़ने वाली ठंड से कम तीव्रता वाला होता है। इस दौरान भी बर्फबारी होती है लेकिन तापमान जमाव बिंदु से ऊपर आना शुरू हो जाता है। चिल्लेखुर्द की समाप्ति के बाद 10 दिवसीय चिल्ले बच्चा शुरू हो जाता है। यह चिल्लेकलां व चिल्लेखुर्द में पड़ने वाली ठंड से कम तीव्रता से कम होता है। इस दौरान जमीन, जो कि तापमान के जमाव बिंदु से नीचे चले जाने के चलते ठंडी पड़ी हुई होती है, गर्म होनी शुरू हो जाती है। चिल्ले बच्चा की समाप्ति के साथ ही वादी में 70 दिनों तक रहने वाली कड़ाके की ठंड का न केवल दौर समाप्त हो जाता है बल्कि इसके साथ ही सर्दियों का मौसम भी रुखसत हो जाता है।
 
Edited by: Ravindra Gupta
ये भी पढ़ें
CoronaVirus Threat : आखिर कौन सा वैरिएंट मचा रहा है चीन में तबाही?