जानिए गोल या तिकोनी नहीं, हमेशा चौकोर ही क्यों होती हैं किताबें, रोचक है इसके पीछे की वजह
Reason Behind Books Square shape : किताबें हमारे जीवन में ज्ञान और सूचना का आधार हैं। कई लोगों को किताबों का बहुर शौक होता है। दुनिया की बड़ी बड़ी लाइब्रेरियां तमाम किताबों से भरी हैं। किताबें सफ़र से लेकर अलेकेपन की बेहतरीन साथी हैं, लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि वे हमेशा चौकोर या आयताकार होती हैं? इस लेख में हम आपको बताएंगे कि इसके पीछे क्या कारण हैं।
क्या गोल या तिकोनी किताबें हो सकती हैं?
तकनीकी रूप से, किताबें किसी भी आकार की हो सकती हैं। हालाँकि, गोल या तिकोनी किताबें बनाना संभव है, लेकिन वे व्यावहारिक नहीं होतीं।
कारण: पेज का सीमित उपयोग: गोल या तिकोनी आकार में पेज का पूरा उपयोग नहीं हो पाता, जिससे कागज की बर्बादी होती है।
स्टोरेज और स्टैकिंग में समस्या: गोल या तिकोनी किताबों को स्टोर करना और एक-दूसरे के ऊपर रखना मुश्किल हो जाता है।
चौकोर किताबों का चयन क्यों होता है?
प्रैक्टिकल डिज़ाइन का फायदा
चौकोर या आयताकार आकार किताबों को बनाने में आसान और किफायती बनाता है। यह डिज़ाइन छपाई, बाइंडिंग और ट्रिमिंग में भी सहूलियत देता है।
पढ़ने में सुविधा
चौकोर पन्ने पर पाठक के लिए टेक्स्ट पढ़ना आसान होता है। पेज का हर कोना उपयोग में आता है, जिससे रीडिंग का अनुभव बेहतर होता है।
स्टोरेज और पोर्टेबिलिटी
चौकोर किताबें आसानी से अलमारियों में फिट हो जाती हैं। इन्हें कैरी करना और एक जगह से दूसरी जगह ले जाना भी आसान होता है।
वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक कारण
आँखों की मूवमेंट: हमारी आँखें एक रेखीय पैटर्न में चलती हैं, इसलिए चौकोर पेज पर पढ़ना स्वाभाविक होता है।
मानव आदत: इंसान आयताकार या चौकोर चीजों का उपयोग करने का आदी है, जैसे मोबाइल स्क्रीन, टीवी, और लैपटॉप।
डिजाइन और क्रिएटिविटी के अपवाद
हालांकि अधिकतर किताबें चौकोर होती हैं, कुछ क्रिएटिव किताबें खास आकार में भी बनाई जाती हैं। बच्चों की किताबों और कॉफी टेबल बुक्स में अनोखे आकार देखने को मिल सकते हैं। किताबों का चौकोर होना सिर्फ एक डिजाइन चॉइस नहीं, बल्कि इसके पीछे व्यावहारिक, वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक कारण हैं। यह आकार न केवल पब्लिशिंग और रीडिंग में सहूलियत देता है, बल्कि किताबों को स्टोर और कैरी करना भी आसान बनाता है।