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Written By WD Feature Desk
Last Updated : गुरुवार, 1 अगस्त 2024 (16:13 IST)

रवींद्रनाथ टैगोर ने भारत के अलावा इन 2 देशों के लिए भी लिखा था राष्ट्रगान

रवींद्रनाथ टैगोर ने भारत के साथ साथ कई और देशों का राष्ट्रगान लिखा था

15th August 2024
15th August 2024
15th August 2024 : रवींद्रनाथ टैगोर को भारतीय राष्ट्रगान के रचयिता और संगीत-साहित्यिक सम्राट के रूप में जाना जाता है। उनकी रचनाएं, गीत और विचार आज भी लाखों लोगों को प्रेरित करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रवींद्रनाथ टैगोर का केवल भारत ही नहीं, बल्कि दो और पड़ोसी देशों के राष्ट्रगान में भी योगदान है? ALSO READ: भारत छोड़ो आंदोलन में रखी गई थी स्वतंत्रता की नींव, जानें 10 जबरदस्त बातें
 
रवींद्रनाथ टैगोर ने इन देशों के लिए लिखा था राष्ट्रगान:
रवींद्रनाथ टैगोर ने भारत के साथ-साथ बांग्लादेश और श्रीलंका के लिए भी राष्ट्रगान लिखे थे। इन गानों को इतना ज्यादा पसंद किया गया कि वहां के देशों ने इसे अपना राष्ट्रगान बना लिया।
 
भारत का राष्ट्रगान 'जन गण मन' और बांग्लादेश का राष्ट्रगान 'आमार सोनार बांग्ला' टैगोर ने लिखी थी।
श्रीलंका के राष्ट्रगान 'श्रीलंका मथा' का एक हिस्सा भी टैगोर की कविता से लिया गया है। 'श्रीलंका मथा' लिखने वाले आनंद समरकून शांति निकेतन में रवींद्रनाथ टैगोर के पास ही रहे थे। ALSO READ: देश को आजादी दिलाने में इन 3 महिलाओं का रहा बलिदान, जानें इतिहास
 
भारत का राष्ट्रगान 'जन गण मन' है बेहद खास:
भारत के राष्ट्रगान की पंक्तियां रवींद्रनाथ टैगोर के गीत 'भारतो भाग्यो बिधाता' से ली गई हैं। राष्ट्रगान 52 सेकंड का होता है। जब राष्ट्रगान गाया या बजाया जाता है तो श्रोताओं को सावधान की मुद्रा में खड़े होना बेहद जरूरी होता है।
15th August 2024
कुछ अवसरों पर राष्ट्रगान संक्षिप्त रूप में भी गाया जाता है। इसमें प्रथम और अंतिम पंक्तियां ही बोलते हैं। इसमें लगभग 20 सेकंड का समय लगता है।
 
पहली बार किसने किया था राष्ट्रगान का हिंदी में अनुवाद?
हिंदी भाषा में इसका पहली बार अनुवाद आबिद अली ने 1911 में किया जिसे बाद में 24 जनवरी, 1950 को औपचारिक रूप से भारत का राष्ट्रगान अंगीकृत किया गया। राष्ट्रगान का गीत और संगीत नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर ने 1911 में दिया था। जन-गण-मन को भारत ने राष्ट्रगान को 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा में अपनाया गया था।
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