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Written By Author हिमा अग्रवाल
Last Updated : शुक्रवार, 4 जून 2021 (20:51 IST)

जौनपुर जेल में कैदियों का हंगामा, प्रशासन की सांस फूली, आंसू गैस छोड़ी गई

जौनपुर जेल में कैदियों का हंगामा, प्रशासन की सांस फूली, आंसू गैस छोड़ी गई - uttar pradesh jaunpur huge ruckus in jaunpur district jail
उत्तर प्रदेश की जेल में लगता खाकी का इकबाल कायम नहीं रहा है। आए दिन प्रदेश की जेलों के भीतर कैदियों के उपद्रव की गाथा सामने आ रही है। ताजा मामला जौनपुर जिला जेल का है, यहां जेल में बंद आजीवन कारावास की सजा काट रहे एक कैदी की मौत के बाद जमकर बवाल हुआ।
 
कैदी की मौत से गुस्साए सजायाफ्ता कैदियों और बंदियों ने जेल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए आगजनी, तोड़फोड़ और हंगामा किया। इतना ही नही कैदियों ने बैरक से बाहर आकर जेल पर कब्जा कर लिया। इसके साथ ही जेल प्रशासन की पगली घंटी बजने के बाद पीएसी सहित कई थानों की फोर्स जेल के अंदर पहुंच गई।

जौनपुर कारागार में कैदियों के हंगामे और उपद्रव से हालात बेकाबू होते ही पुलिस ने कई रांउड आंसू गैस के गोले छोड़े। जेल के अंदर कई घंटे हंगामा चला, जिसमें कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गए, जिन्हें उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कैदी यहीं नहीं थमे, उन्होंने जेल के अंदर रखे गैस सिलिंडर पर कब्जा करते हुए पुलिस पर पथराव और तोड़फोड़ शुरू कर दी।
 
मामला बढ़ते देख शुक्रवार शाम करीब साढ़े 4 बजे डीएम मनीष कुमार वर्मा और एसपी राजकरन नय्यर भी जेल के अंदर पहुंचे। जेल में कैदियों की लोकेशन और गतिविधियों को जानने के लिए ड्रोन कैमरे की मदद से पुलिस जेल के अंदर के हालात का जायजा ले रही है।
 
सुरक्षा की दृष्टि से जेल के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है और जेल अधीक्षक और जेलर स्पीकर से कैदियों को शांत रहने व अपनी मांगें डीएम व सक्षम अधिकारियों को बताने का एनाउंसमेंट कर रहे थे। मौके पर आईजी और कमिश्नर भी पहुंच गए और स्थिति को कंट्रोल करने में जुटे रहे।

जौनपुर जेल में थाना रामपुर क्षेत्र के बनीडीह गांव के रहने वाले 42 वर्षीय बागेश मिश्र को बीती 5 जनवरी को जिला अदालत ने हत्या व अनुसूचित जाति उत्पीड़न निवारण एक्ट में दोहरे आजीवन कारावास की सजा दी थी। तभी से बागेश जिला जेल में निरुद्ध था। उसे शुगर और सांस की बीमारी थी, जिसके चलते गुरुवार को को तबीयत बिगड़ गई, कारागार के अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया और शुक्रवार यानी आज दोपहर एक बजे के आसपास उसको सीने में दर्द हुआ और सांस फूलने लगी। 
कैदी की हालत नाजुक जानकर जेल प्रशासन ने उसके परिजनों को सूचना दी और इसी बीच बागेश को जेल अस्पताल से जिला अस्पताल में लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। स्वजन को सूचना देने के साथ ही जिला चिकित्सालय पहुंचाया। सूचना पर मृत कैदी के परिजन भी जिला अस्पताल पहुंच गए।
 मृत कैदी बागेश की पत्नी कुसुम मिश्रा ग्राम सभा बनीडीह की प्रधान हैं।
 
मृतक के परिजनों ने जेल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। बागेश के भाई अनिल ने कहा कि उसको शुगर और सांस की तकलीफ थी, लेकिन जेल प्रबंधन की उदासीनता के चलते उसकी मौत हो गई है। परिवार के आरोप पर जेल अधीक्षक एसके पांडेय ने कहा कि वह आज दोपहर में कारागार के अस्पताल के भीतर बीमार कैदियों का हालचाल जानने गए थे, वहां उन्हें बागेश की हालत नाजुक लगी और उन्होंने तत्काल प्रभाव से उसे एंबुलेंस से जिला अस्पताल भेजा, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

समाचार लिखे जाने तक जेल के भीतर कमिश्नर, आईजी सहित जिला प्रशासन व पुलिस के सभी अधिकारी मौजूद थे। सभी प्रयास में लगे थे कि जौनपुर जिला कारगार की स्थिति जल्दी सामान्य हो। लेकिन चिंता का विषय यह है कि जेल के अंदर कैदियों का जंगलराज कैसे कायम हो जाता है। जहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता, वहां बवाल का सामान इन तक कैसे पंहुच जाता है।
 
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