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Last Updated :अयोध्या , सोमवार, 3 फ़रवरी 2025 (09:37 IST)

राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सतेन्द्र दास को ब्रेन हैम्ब्रेज का अटैक, लखनऊ रेफर

श्रीराम अस्पताल से रेफर कर उन्हें अयोध्या सिटी न्यूरो केयर हॉस्पिटल में दिखाया गया और उन्हें वहां से भी लखनऊ रेफर कर दिया गया है। सहायक पुजारी प्रदीप दास उनके साथ में हैं।

राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सतेन्द्र दास को ब्रेन हैम्ब्रेज का अटैक, लखनऊ रेफर - Acharya Satendra Das, the chief priest of Ram Mandir, suffered a brain hemorrhage attack
Acharya Satendra Das suffered a brain hemorrhage attack: श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सतेन्द्र दास की हालत गंभीर है। उन्हें ब्रेन हैम्ब्रेज का अटैक आया है। श्रीराम अस्पताल से रेफर कर उन्हें अयोध्या सिटी न्यूरो केयर हॉस्पिटल में दिखाया गया और उन्हें वहां से भी लखनऊ रेफर कर दिया गया है। सहायक पुजारी प्रदीप दास उनके साथ में हैं।ALSO READ: अयोध्या पहुंचे लाखों श्रद्धालु, सरयू स्नान के बाद किए रामलला के दर्शन, ADG जाम में फंसे
 
लखनऊ के लिए रेफर कर दिया गया : जानकारी के अनुसार गत कई माह से आचार्य सतेन्द्र दास काफी बीमार चल रहे थे किंतु 2 फरवरी को उनकी हालत काफी खराब हो गई। उन्हें ब्रेन हैम्ब्रेज का अटैक आया। तत्काल उन्हें अयोध्या के श्रीराम अस्पताल में भर्ती कराया गया। अयोध्या सिटी न्यूरो केयर अस्पताल में हालत नाजुक होने के कारण उन्हें लखनऊ के लिए रेफर कर दिया गया।ALSO READ: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ पर अयोध्या में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
 
रामलला की 3 दशक से अधिक समय से सेवा दे रहे : आचार्य सतेन्द्र दास रामलला की सेवा में 3 दशक से अधिक समय से सेवा दे रहे हैं और राम मंदिर के निर्माण के प्रारंभ से ही रामलला के मुख्य पुजारी के रूप में नियुक्त हैं। आचार्य सतेन्द्र दास 83 वर्ष के हैं और 1992 में बाबरी विध्वंस से पूर्व लगभग 9 माह पहले से ही रामलला की सेवा व उनकी पूजा-अर्चना कर रहे हैं।ALSO READ: अयोध्या की गलियां श्रद्धालुओं से पटीं, NSG कमांडो ने संभाली रामलला की सुरक्षा, सुल्तानपुर हाईवे पर जाम
 
संस्कृत विद्यालय से आचार्य की डिग्रीधारक : आचार्य सतेन्द्र दास 1975 में संस्कृत विद्यालय से आचार्य की डिग्रीधारक हैं। इसके उपरांत 1976 में वे अयोध्या के ही संस्कृत महाविद्यालय में व्याकरण विभाग में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत हुए। बाबरी विध्वंस के उपरांत 5 मार्च 1992 को तत्कालीन रिसीवर ने दास को रामलला के पुजारी के रूप में नियुक्त किया। उस समय इन्हें पारिश्रमिक के रूप में मात्र 100 रुपए मिलते थे।ALSO READ: अयोध्या मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का एक साल, करीब 18 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे, हजारों करोड़ का चढ़ावा आया
 
रामलला की सेवा में अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया : आचार्य सतेन्द्र दास ने रामलला की सेवा में अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। रामलला के टेंट विराजित से लेकर भव्य-दिव्य राम मंदिर का सफर भी उन्होंने देखा। उनकी सबसे बड़ी खास बात यह रही कि वे अपने आराध्य की सेवा, उनके भव्य राम मंदिर के निर्माण व गर्भगृह में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा वे साक्षी बने। इसके लिए लाखों भक्तों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी थी।
 
Edited by: Ravindra Gupta
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