मुंबई। अप्रत्यक्ष कर क्षेत्र में एक दशक से प्रतीक्षित सबसे बड़े सुधार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक के राज्यसभा में पारित होने के बाद भी निवेशक इसकी दरों को लेकर आशंकित दिखे।
निवेशकों की सतर्कता के बीच बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 16.86 अंक अर्थात् 0.06 फीसदी की मामूली बढ़त के साथ 27,714.37 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 6.25 अंक यानी 0.07 फीसदी ऊपर 8,551.10 अंक पर बंद हुआ।
हालांकि बीएसई की छोटी और मझौली कंपनियों में निवेशधारणा मजबूत रही। मिडकैप 0.38 फीसदी बढ़कर 12,487.58 अंक और स्मॉलकैप 0.39 फीसदी की मजबूती के साथ 12,127.78 अंक पर रहा।
भारत को एकीकृत बाजार बनाने के उद्देश्य से बुधवार को आजादी के बाद का सबसे बड़ा कर सुधार जीएसटी राज्यसभा में पारित हो गया। लेकिन, इसकी दरों पर अभी अनिश्चितता बनी हुई है।
सरकार का कहना है कि इस पर फैसला जीएसटी प्रशासनिक परिषद् को करना है। इसे 01 अप्रैल 2017 से लागू करने की राह में कायम चुनौतियों को लेकर भी निवेशकों में आशंका व्याप्त है। इसके मद्देनजर जीएसटी के प्रति बाजार की प्रतिक्रिया उत्साहजनक नहीं रही।
बैंक ऑफ इंगलैंड (बीओई) के वर्ष 2009 के बाद पहली बार ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद से विदेशी बाजारों में आई तेजी का भी सेंसेक्स और निफ्टी पर कुछ खास असर नहीं हुआ। ब्रिटेन का एफटीएसई 0.07, जापान का निक्की 1.07, हांगकांग का हैंगसैंग 0.43, दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.26 और चीन का शंघाई कंपोजिट 0.14 फीसदी मजबूत रहा।
इस दौरान बीएसई के 13 समूहों में तेजी तथा शेष सात में गिरावट देखी गई। रियल्टी समूह ने सर्वाधिक 2.25 फीसदी मुनाफा कमाया। साथ ही पावर, यूटिलिटीज, इंडस्ट्रियल्स, बेसिक मटिरियल्स, दूरसंचार, ऑटो और धातु समूह के शेयर 1.53 फीसदी तक चढ़े।
इनके अलावा ऊर्जा, तेल एवं गैस, बैंकिंग, एफएमसीजी, आईटी, टेक और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स समूह में 0.82 फीसदी तक की गिरावट रही। बीएसई में कुल 2,865 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ। इनमें 1,430 में लिवाली और 1,264 में बिकवाली हुई जबकि 171 में कोई बदलाव नहीं हुआ। (वार्ता)