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Written By WD Feature Desk
Last Modified: सोमवार, 21 जुलाई 2025 (12:56 IST)

सावन माह में सामान्य शिवलिंग या ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने में सबसे ज्यादा किसका है महत्व?

Worship Jyotirlinga or Shivling
shivling puja and abhishek: सावन माह में शिवलिंग पूजा और जलाभिषेक का विशेष महत्व मना गया है। अब सवाल यह है कि इस दौरान क्या सामान्य शिवलिंग की पूजा दर्शन या अभिषेक करें या कि 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक किसी ज्योतिर्लिंग के दर्शन करें? किसका महत्व ज्यादा है? 
 
सामान्य शिवलिंग: शास्त्रों के अनुसार सावन माह में पार्थिव शिवलिंग की पूजा और अभिषेक का बहुत महत्व मानाया गया है। पार्थिव शिवलिंग को घर पर ही बनाकर उसकी पूजा कर सकते हैं। हालांकि यदि आप चाहें तो अपने घर के पास के किसी भी शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग की पूजा, अभिषेक या दर्शन कर सकते हैं। सामान्य शिवलिंग और ज्योतिर्लिंग दोनों की पूजा में कोई अंतर नहीं माना गया है। 
 
ज्योतिर्लिंगों: भारत में कुल 12 ज्योतिर्लिंग हैं, और सावन माह में इनका दर्शन करना विशेष पुण्यकारी माना जाता है। इनमें भी खासकर सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, रामेश्‍वरम, महाकालेश्वर और काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन का महत्व है। उक्त चारों में भी महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग को सबसे खास माना गया है।
 
ज्योतिर्लिंग और शिवलिंग दोनों ही भगवान शिव के पूजन के प्रतीक हैं, लेकिन इन दोनों के बीच कुछ महत्वपूर्ण अंतर होते। शिवलिंग भगवान शिव का सामान्य प्रतीक है। ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के 12 विशेष रूपों को दर्शाता है जो भारत के विभिन्न हिस्सों में स्थित हैं। यह शिव की दिव्य उपस्थिति का प्रतीक है। इसलिए शिवलिंग की पूजा करें और ज्योतिर्लिंग का दर्शन करें। शिवलिंग की पूजा करने से व्यक्ति को मानसिक शांति, शक्ति और आध्यात्मिक उन्नति मिलती है। यदि आप घर पर पूजा कर रहे हैं, तो शिवलिंग की श्रद्धा और नियमपूर्वक पूजा करें और यदि आपको अवसर मिले, तो ज्योतिर्लिंगों के दर्शन अवश्य करें। वे तीर्थ हैं और इनका पूजन अत्यधिक पुण्यदायक माना जाता है।
 
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