वृंदावन में एक माह के लिए श्रीकृष्ण पूजा प्रारंभ, जन्माष्टमी तक रहेंगे ये 4 उत्सव
Hindola jhula, सावन मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी से भादो पास की अष्टमी तक ब्रज मंडल में भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की धूम रहती है। इस दौरान भगवान शिव के साथ श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा होती है। हते हैं कि जो इस दौरान कृष्ण आराधना करता है उसे मोक्ष प्राप्त होता है। कहते हैं कि इस मास में भगवान श्रीकृष्ण प्रसन्न रहते हैं और मनचाहे वर देते हैं। इस दौरान ब्रज मंडल में खासकर वृंदावन में 5 तरह के खास उत्सव मनाए जाते हैं।
ब्रज मंडल श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा, गोकुल, बरसाना और वृंदावन में सावन उत्सव का आयोजन होता है। ब्रज मंहल के इस सावन उत्सव को कृष्ण जन्माअष्टमी तक विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है। जैसे इन उत्सवों में हिंडोले में झूला, घटाएं, रासलीला और गौरांगलीला का आयोजन होता हैं।
1. हिंडोला: यहां श्रावण मास के कृष्णपक्ष से मंदिर में दो चांदी के और एक सोने का हिंडोला डाला जाता है। इन हिंडोलों में भगवान कृष्ण को झुलाया जाता है। श्रावण मास में हिंडोले में कृष्ण के साथ बलराम भी झूलते हैं।
2. हरियाली तीज: ब्रज मंडल में खासकर वृंदावन में हरियाली तीज की धूम होती है। यहां के प्राचीन राधावल्लभ मंदिर में हरियाली तीज से रक्षाबंधन तक चांदी, केले, फूल व पत्ती आदि के हिंडोले डाले जाते हैं तथा पवित्रा एकादशी पर ठाकुरजी पवित्रा धारण करते हैं।
3. रासलीला: वसंत के बाद श्रीकृष्ण इसी माह में रास रचाते हैं। वृन्दावन का प्रमुख आकर्षण विश्वप्रसिद्ध रासाचार्यो द्वारा रासलीला प्रस्तुत की जाती है। जिनमें कृष्ण लीलाओं का जीवन्त प्रस्तुतीकरण होता है।
4. घटा उत्सव : सावन मास में ब्रजमंडल में सावन उत्सव के अलावा घटा महोत्सव का भी आयोजन होता है जिसमें विभिन्न रंग की आकर्षक घटा में कान्हा की लीलाओं का प्रस्तुतीकरण होता है।